रिद्धि काले
केरिटास ने महामारी के दौरान लोगों को मदद उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई. कार्यकारी निदेशक फादर पॉल मुंजेली ने बताया कि केरिटास ने जागरूकता अभियान चलाए, वेबिनार और कार्यशालाएं संचालित कीं. भोजन, सूचनाएं और दूसरे संसाधनों का वितरण तो किया ही.
उसने कई स्तरों पर सरकारी विभागों के साथ काम किया और राष्ट्रीय स्तर पर समन्वित प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए पंचायतों, बाजारों और बैंक अधिकारियों को भी साथ लिया. फादर मुंजेली कहते हैं, ''हमारे स्थानीय भागीदारों और देशभर में फैले हमारे चर्च क्षेत्रों ने अपने संस्थान, अस्पताल, कार्यकर्ता और विशेषज्ञ जरूरतमंदों की मदद को उपलब्ध कराए. कई जगहों पर स्टाफ ने वेतन का भी एक हिस्सा लोगों की मदद के लिए दिया.''
सबसे सराहनीय कार्यों में से एक था अपने घरों की तरफ पैदल लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को भोजन और पानी का वितरण. फादर मुंजेली बताते हैं, ''राहत शिविरों और क्वारंटीन केंद्रों में भी भोजन वितरित किया गया. कई प्रवासियों को पीडीएस कार्ड के लिए फॉर्म वगैरह भरने में भी मदद की गई.'' केरिटास ने क्वारंटीन के नियमों, बस और ट्रेनों के आने-जाने के समय और टिकटों की उपलब्धता की भी जानकारी प्रवासियों को उपलब्ध कराई.
केरिटास अब अपने प्रयासों को अगले मुकाम पर लेकर जा रहा है. ''प्रवासी संकट, भोजन की कमी और बच्चों तथा माता-पिता पर मनोवैज्ञानिक असर—ये सब महामारी के नतीजे रहे हैं. लिहाजा हम उन क्षेत्रों की निरंतर पहचान कर रहे हैं जिनमें हम मदद उपलब्ध करा सकते हैं.''
क्यों जीता: 2,00,000 से ज्यादा मास्क, 1,87,000 सुरक्षा किट और 1,02,000 राशन किट बांटे जिनसे 900,000 लोगों की मदद हुई 28 राज्यों और तीन केंद्र शासित क्षेत्रों में प्रयासों का समन्वय किया आंकड़े जुटाए और देशभर में सूचना-संसाधन प्रसारित किए