मीनाक्षी शेड्डे
यह साल का वह रोमांचक समय है जब ए-लिस्ट फिल्मोत्सवों के कैलेंडर के शुरुआती उत्सवों में से एक बर्लिन फिल्म फेस्टिवल या बर्लिनेल आता है. 20 फरवरी से 1 मार्च तक आयोजित होने वाले इस फिल्मोत्सव का 70 वां संस्करण फिलिप फेलार्दो की माइ सैलिंगर ईयर से शुरू होगा. सिगॉरनी वीवर और मार्गेट क्वाली अभिनीत यह फिल्म जोआना के इर्द-गिर्द घूमती है जो बहुचर्चित लेखक जे.डी. सैलिंगर के प्रशंसकों की मेल का जवाब देने वाली साहित्यिक एजेंट मार्गरेट की सहायक है. कार्लो चैटरियन इस साल इसके आर्टिस्टिक डायरेक्टर हैं. फीचर फिल्म, वृत्तचित्र, शॉटर्स, एनीमेशन और बच्चों की तथा प्रयोगात्मक समेत इसमें सभी शैलियों की यही कोई 400 फिल्में दिखाई जाएंगी.
बदलते वक्त का असर देखिए कि पाइरेट्स ऑफ द कैरिबियंस से मशहूर हुए जॉनी डेप अब डॉक्यू-फिक्शन श्रेणी की फिल्म मिनामाता में युद्ध-छायाकार डब्लू. यूजीन स्मिथ की भूमिका निभा रहे हैं, जो जापान के मिनामाता क्षेत्र में स्थानीय लोगों पर पारे के विनाशकारी प्रभावों का दस्तावेजीकरण कर रहा है. इसके अलावा विलियम डैफो अभिनीत आबेल फेरारा की साइबेरिया और जेवियर बार्डेम, एले फैनिंग तथा सलमा हायेक अभिनीत, सैली पॉटर की द रोड्स नॉट टेकेन की भी बेसब्री से प्रतीक्षा है.
एशिया से हांग सांग-सू (कोरिया) की द वूमन हू रैन और जिया झांगके (चीन) की स्विमिंग आउट टिल द सी टर्न्स ब्लू यहां दिखेंगी. भारत की रीमा दास को महोत्सव में जनरेशन 14-प्लस की अंतरराष्ट्रीय जूरी की सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया है. दास कहती हैं, ''यह जादू जैसा था. मेरी आंखों से आंसू छलक गए.'' उनकी बुलबुल कैन सिंग ने पिछले साल जनरेशन 14-प्लस श्रेणी में एक विशेष उल्लेख पुरस्कार जीता था. उनकी इससे पहले की फिल्म विलेज रॉकस्टार्स का प्रीमियर टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में हुआ था. 2019 में यह भारत की ओर से ऑस्कर के लिए भेजी गई.
चार फिल्मों के साथ इस साल यहां भारत की मौजूदगी दमदार है. इन फिल्मों में पुष्पेंद्र सिंह की लैला और सत्त गीत शामिल है. यह एक कश्मीरी स्त्री के बारे में नारीवादी रूपक है जिसका वर्ल्ड प्रीमियर एनकाउंटर खंड में होगा. एक कायर पति और कामुक पुलिस वाले के बीच फंसी यह स्त्री अंतत: व्यवस्था, पितृसत्तात्मक सत्ता, यहां तक कि कपड़े भी त्याग देती है. इस किरदार में 14वीं सदी की कश्मीरी रहस्यवादी लल दद के रंग हैं.
महोत्सव के पैनोरमा खंड में प्रतीक वत्स की ईब आल्ले ओ! है जो एक प्रवासी कामगार के बारे में एक गहरा हास्यपूर्ण व्यंग्य है. फिल्म का नायक दिल्ली में बंदर भगाने वाले काम करते हुए 'नौकरी' बचाए रखने की कोशिश में लगभग पागल हो जाता है. अक्षय इंदीकर की मराठी फिल्म स्थलपुराण: क्रॉनिकल ऑफ स्पेस बच्चों की फिल्मों के खंड जनरेशन के-प्लस में प्रदर्शित होगी. यह कहानी आठ साल के दिघू के दृष्टिकोण से दिखाई गई है, जिसका परिवार अचानक पुणे से कोंकण के एक गांव चला जाता है. अपने मां-बाप के बीच हुए अलगाव को न समझ पाने वाला दिघू यह समझने के लिए संघर्ष करता है कि उसका पिता कहां है और वे लोग पुणे कब लौटेंगे. एकता मित्तल की गुमनाम दिन बर्लिनेल शॉटर्स में दिखाई जाएगी. यह प्रवासियों के पीछे छूट गए एकाकी परिवारों के बारे में काव्यात्मक अभिव्यक्ति है.
बर्लिनेल टैलेंट्स खंड में युवा फिल्म निर्माताओं और फिल्म प्रतिभाओं को वरिष्ठों का मार्गदर्शन, नेटवर्किंग के अवसर और बहुत कुछ मिलता है. इसमें विभिन्न श्रेणियों में दक्षिण एशिया से चुने गए 15 से अधिक फिल्मकारों में से सात युवा भारत के हैं. ये हैं इवान अय्यर (सोनी), गीतिका विद्या (सोनी), डोमिनिक संगमा (मा'आमा), आचार्य वेणु (मा'आमा), वरुण शशिंद्रन (उनकी फिल्म ओमर्स्का को 2019 में बर्लिनाले शॉर्ट्स विशेष उल्लेख पुरस्कार मिला था), प्रांतिक बसु (रंग महल, बर्लिनाले शॉर्ट्स, 2019), और मुकुल हालोई (टेल्स फ्रॉम ऑवर चाइल्डहुड).
मीनाक्षी शेड्डे फिल्म समीक्षक और स्वतंत्र क्यूरेटर हैं
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