संजय मिश्र
55 वर्ष
अभिनेता
क्योंकि वे मंजे हुए ईमानदार अदाकार तो हैं ही, व्यवहार कुशल भी हैं. शूटिंग के दौरान सेट पर खुशनुमा माहौल बनाकर रखते हैं
क्योंकि उन्होंने मुंबई में संघर्ष करते हुए लाइटिंग से लेकर कैमरा हर महकमे में काम किया. 1999 में क्रिकेट विश्वकप में एपल सिंह और फिर ऑफिस-ऑफिस में घुन्ने किरानी शुक्ला जी के बाद मसान, आंखों देखी, कड़वी हवा जैसी फिल्मों में संजीदा अदाकारी से नया मुकाम हासिल किया. अब उनको ध्यान में रखकर किरदार लिखे जाते हैं
क्योंकि उन्होंने अपने घर में संगीत की लाइब्रेरी बना रखी है. उनकी बैठक में चटख रंग में साधुओं की उनकी ही खींची तस्वीरें लगी हैं
गंगा प्रेम
उन्हें गंगा से बहुत प्यार है. गंगा तट पर एकांतवास भी करते हैं.
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