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रियल एस्टेट का बादशाह

डीएलएफ के मॉल एनसीआर के सबसे ज्यादा भीड़ खींचने वाले गिनती के कामयाब मॉल्स में हैं. हाल ही में कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन बोर्ड ने उनसे कार्यकारी चेयरमैन के पद पर रहकर अपने तजुर्बे का लाभ देने की गुजारिश की.

के.पी. सिंह
के.पी. सिंह
अपडेटेड 22 अक्टूबर , 2019

कारोबार

कद्दावर कारोबारी

उत्तर भारत के दिग्गजों की सूची में जगह मिली है उन व्यवसायियों को जिन्होंने अपनी सूझ-बूझ और समझ के बल पर लिखी सफलता की कहानी. किसी ने परिवार से मिले कारोबार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया तो कोई शून्य से शिखर तक पहुंचकर नई पीढ़ी के लिए नजीर बन गया. ये हैं अपने क्षेत्र के मंजे हुए खिलाड़ी

के.पी. सिंह

88 वर्ष कार्यकारी चेयरमैन, डीएलएफ

रियल एस्टेट का बादशाह

क्योंकि कुशल पाल सिंह ने डीएलएफ को बाजार पूंजी के लिहाज से देश की नंबर एक रियल एस्टेट कंपनी बनाया और भारत में आइटी बूम के दौर में रियल एस्टेट बूम के प्रणेता बने. गुडग़ांव शहर की कल्पना डीएलएफ के बगैर नहीं हो सकती. देश भर में कंपनी का सबसे बड़ा लैंड बैंक है. इतना ही नहीं, कंपनी ने हाल ही में अपना कर्ज का बड़ा हिस्सा चुका दिया है

क्योंकि फोर्ब्स की भारतीय धन्नासेठों की सूची में 2018 में भी वे शीर्ष 25 में शामिल रहे. रियल एस्टेट में मंदी के बावजूद डीएलएफ ने बाजार में खड़े रहने की ताकत दिखाई. डीएलएफ फाउंडेशन के जरिए समाज के वंचित तबके के प्रतिभाशाली बच्चों की मदद के अलावा कौशल विकास के केंद्र भी खोले जा रहे हैं. इनकी संख्या को कंपनी 250 तक ले जाने का इरादा रखती है

क्योंकि डीएलएफ के मॉल एनसीआर के सबसे ज्यादा भीड़ खींचने वाले गिनती के कामयाब मॉल्स में हैं. हाल ही में कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन बोर्ड ने उनसे कार्यकारी चेयरमैन के पद पर रहकर अपने तजुर्बे का लाभ देने की गुजारिश की. के.पी. सिंह ने बोर्ड का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया है

गैजेट प्रेमी

आइफोन और आइपैड उनके पसंदीदा गैजेट हैं. वैसे तो शाकाहारी हैं लेकिन सीफूड पसंद करते हैं.

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