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उड़ानों से निकली उलझन

कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव कहते हैं, ''पिछली भाजपा सरकार ने अपना बेड़ा होते हुए भी हवाई जहाज किराए पर लेने के लिए निजी कंपनियों को 42.8 करोड़ रुपए अदा किए थे.

जमीन पर मुख्यमंत्री कमलनाथ
जमीन पर मुख्यमंत्री कमलनाथ
अपडेटेड 9 अगस्त , 2019

मध्य प्रदेश सरकार का हवाई बेड़ा विपक्ष और सत्तारूढ़ पार्टी के बीच एक-दूसरे की लानत-मलामत की वजह बन गया है. गद्दीनशीन कांग्रेस का आरोप है कि पिछली भाजपा सरकार की नीतियों के चलते हवाई बेड़े के संचालन में करोड़ों का नुक्सान हुआ, वहीं विपक्ष धन की कमी से जूझती सरकार के एक नए विमान खरीदने के मंसूबे को लेकर हमलावर है.

राज्य के विमान बेड़े में हाल तक तीन हेलिकॉप्टर—एक बेल 407 सिंगल इंजन, एक बेल 430 और एक यूरोकॉप्टर-115—और एक बीचक्राफ्ट किंग एयर बी200 फिक्स्ड विंग हवाई जहाज था. 2016 और 2017 में चार नाकाम कोशिशों के बाद जुलाई की शुरुआत में सरकार बेल 407 और बेल 430 हेलिकॉप्टरों को नीलाम करने में आखिरकार कामयाब हो गई. 2003 में 9.82 करोड़ रुपए में खरीदा गया बेल 407 पुणे की एक कंपनी को 6 करोड़ रुपए में नीलाम कर दिया गया.

बेल 430 हेलिकॉप्टर 1998 में 20.48 करोड़ रु. में खरीदा गया था और जीवनकाल पूरा कर चुका था. इसे केरल की एक कंपनी को 2.66 करोड़ में बेच दिया गया. बेल 407 को तो वैसे भी तभी से खड़ा कर दिया गया था जब गृह मंत्रालय ने सिंगल इंजन हेलिकॉप्टरों में वीआइपी के उडऩे पर पाबंदी लगा दी थी.

राज्य सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस हेलिकॉप्टर में एक बार उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी आने के बाद मुख्यमंत्री ने इसमें उडऩा बंद कर दिया था. तभी 2016 में इसकी जगह एक टर्बोजेट विमान खरीदने का प्रस्ताव किया गया था. कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव कहते हैं, ''पिछली भाजपा सरकार ने अपना बेड़ा होते हुए भी हवाई जहाज किराए पर लेने के लिए निजी कंपनियों को 42.8 करोड़ रुपए अदा किए थे. तब विमान का ऑफसेट मूल्य और चार्टर विमानों पर खर्च की गई रकम को मिलाकर राज्य के लिए एक नया विमान खरीदा जा सकता था.'' वे सवाल करते हैं, ''नया हवाई जहाज अब करीब 100 करोड़ रु. में आएगा. नुक्सान के लिए कौन जिम्मेदार है?''

मुद्दा 24 जुलाई को विधानसभा में भी उठा. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सदन में कहा, ''कुछ निश्चित हलकों में इशारों-इशारों में कहा जा रहा है कि हवाई जहाज इसलिए बेचे जा रहे हैं ताकि सरकार मेरे परिवार की मिल्कियत वाली एक कंपनी से विमान किराए पर ले सकें.'' उन्होंने कहा, ''इस कंपनी ने विमान कभी सरकार को किराए पर नहीं दिए, तब भी नहीं जब भाजपा सत्ता में थी. बेचने का फैसला पिछली सरकार ने लिया था.''

मुख्यमंत्री की सफाई के बावजूद भाजपा नीलामी को निशाना बना रही है. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राहुल कोठारी कहते हैं, ''ये विमान मरम्मत करके काम में लेने लायक थे, इन्हें गलत रिपोर्टों के आधार पर नीलाम कर दिया गया. जांच होनी चाहिए कि पुराने विमान को बेचने और नया विमान खरीदने में भ्रष्टाचार हुआ है या नहीं.''

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