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त्रिपुराः कोई भी आसानी से अपनी जगह नहीं छोड़ता

पिछले छह महीने में हमने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य की 50,000 किलो से ज्यादा भांग जब्त की है. माणिक सरकार के शासन में त्रिपुरा भांग और प्रतिबंधित कफ सिरप फेंसीडील के उत्पादन आपूर्ति का सबसे बड़ा कॉरिडोर बन चुका है.

 बिप्लब देब
बिप्लब देब

इस साल मार्च में 47 साल के बिप्लब देब ने माकपा पर भाजपा की ऐतिहासिक जीत का नेतृत्व किया, जिसके साथ ही त्रिपुरा में वाम के 25 साल लंबे शासन का अंत हो गया. हालांकि, पिछले छह महीने मुख्यमंत्री के लिए इतने आसान नहीं रहे, क्योंकि वे कई गलत वजहों से राष्ट्रीय सुर्खियों में रहे. चाहे वह महाभारत के समय इंटरनेट होने का उनका दावा हो या डायना हेडन को भारतीय सौंदर्य के हिसाब से अपर्याप्त बताना. इन सबके बावजूद देब अविचलित हैं और उनका कहना है कि "त्रिपुरा को पूरी तरह बदलना'' उनकी प्राथमिकता है. इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा और सीनियर एसोसिएट एडिटर कौशिक डेका के साथ एक खास इंटरव्यू में त्रिपुरा के सीएम ने पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास के लिए अपना विजन और खाका पेश किया. पेश है इस बातचीत के अंशः

 राज्य के विकास के लिए आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?

मेरा जोर कृषि, बागबानी, पशुपालन, वन, मत्स्यपालन और पर्यटन पर है. अब फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया त्रिपुरा से भी चावल खरीदेगा. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. अगला लक्ष्य राज्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए 20,000 मीट्रिक टन मछली का अतिरिक्त उत्पादन करना और करीब 1,600 करोड़ रुपए यहां से बाहर जाने से रोकना है. हम स्मोकहाउसेज की स्थापना के लिए लोन दे रहे हैं जिनसे राज्य में उत्पादित रबर की गुणवत्ता सुधरेगी. इससे राज्य को 65 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी होगी. हम आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रहे हैं और इसके लिए जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार कर रहे हैं.

आपने कभी कहा था कि त्रिपुरा में ड्रग्स की समस्या पंजाब से बड़ी है?

पिछले छह महीने में हमने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य की 50,000 किलो से ज्यादा भांग जब्त की है. माणिक सरकार के शासन में त्रिपुरा भांग और प्रतिबंधित कफ सिरप फेंसीडील के उत्पादन आपूर्ति का सबसे बड़ा कॉरिडोर बन चुका है. हमने फेंसीडील के कई अवैध कारखानों को पकड़ा है, लाखों बोलत सिरप जब्त की गई और 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

 उद्योगीकरण और व्यापार के बारे में क्या कहेंगे?

हमने औद्योगिक क्षेत्रों में सिंगल विंडो क्लियरेंस की शुरुआत की है. फेनी नदी पर बनने वाला पुल दिसंबर, 2019 में जब बनकर तैयार होगा, तो यह त्रिपुरा को बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह से जोड़ेगा, जो कि महज 67 किमी दूर है. इससे त्रिपुरा पूर्वोत्तर का व्यापार गलियारा बन जाएगा. मेरा काम राज्य में कारोबार के माहौल में सुधार के लिए पारदर्शिता, सुरक्षा और कानून-व्यवस्था प्रदान करना है.  

राज्य में भाजपा और इसके सहयोगी दल आइपीएफटी (इंडिजीनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) में तो आपस में ही घमासान चल रहा है.

राजनीति में कोई भी अपनी जगह नहीं छोड़ता. यह दोनों दलों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है, कोई टकराव नहीं.

 त्रिपुरा में साक्षरता दर काफी ज्यादा है, लेकिन इसी तरह बेरोजगारी दर भी ज्यादा है. आप इसके लिए क्या कर रहे हैं?

हमारी सरकार यहां एक आइटी सिटी तैयार करेगी और बाहर काम करने वाले राज्य के 12,000 इंजीनियरों से एक निवेदन करेगी कि वे गृहराज्य में लौट आएं. इसरो ने अगरतला में एक टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की है. हमने एक बीपीओ और एक सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना की है. ऐसे कई और कदम उठाए जाएंगे.

आपके हिसाब से पिछले छह महीने की बड़ी उपलब्धियां क्या हैं?

त्रिपुरा के विकास के लिए हमारी पहली प्राथमिकता भ्रष्टाचार से छुटकारा पाना और शासन में सक्षमता और पारदर्शिता लाना है. हमने सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाया है, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए ई-टेंडरिंग और भूमि एवं प्रॉपर्टी लेनदेन के लिए ई-स्टैंपिंग की शुरुआत की है. सरकारी दफ्तरों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम की शुरुआत की गई है और पुलिस व्यवस्था को भी सक्षम और पारदर्शी बनाया गया है.

 बिप्लब देब के निजी जीवन के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है. क्या यह सच है कि आप जिम इंस्ट्रक्टर थे, जैसा कि बहुत लोग सोचते हैं?

त्रिपुरा के जामजुरी गांव में मेरा जन्म हुआ था. मेरे पिता एक फार्मासिस्ट और राज्य में जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे. मैं बचपन से ही आरएसएस की शाखा में जाता रहा हूं. साल 1999 में ग्रेजुएशन करने के बाद मैं दिल्ली चला गया और वहां मैंने आरएसएस की प्रकाशन इकाई सुरुचि प्रकाशन के लिए काम किया. इसके बाद मैंने गोविंदाचार्य और रीता वर्मा के साथ काम किया. दिल्ली में रहने के दौरान शुरुआती दिनों में मैं जिम में कसरत करने के लिए जरूर जाता था, लेकिन मैं कोई इंस्ट्रक्टर नहीं था. अब मेरे पास जिम जाने का समय नहीं है, लेकिन मैं अब भी रोज 150 पुशअप करता हूं. मुझे चावल-दाल बहुत पसंद है.

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