विधानसभा चुनावों में 99 सीटों पर सिमट जाने से गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी अपने तौर-तरीकों में सुधार को विवश हुए हैं. अपने दूसरे कार्यकाल में रूपाणी व्यापक प्रशासनिक सुधारों के मूड में दिखते हैं और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने तथा अपनी सरकार की प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की कोशिशें कर रहे हैं.
रूपाणी ने कम बरसात के कारण खड़ी हुई पानी की समस्या के समाधान के लिए सरकारी-निजी संयुक्त अभियान "सुजलाम सुफलाम जल अभियान'' के तहत 13,000 झीलों को गहरा करने और 32 नदियों की सूख गई धारा को पुनर्जीवित करने की योजना का नाटकीय अंदाज में आगाज किया.
ढाई लाख से ज्यादा लोग, चार हजार खुदाई की मशीनें और दस हजार ट्रैक्टरों के साथ इस अभियान को एक मई को भड़ूच जिले के शुक्लतीर्थ से शुरू किया गया. मई महीने में 11 लाख क्यूबिक फुट अतिरिक्त जल भंडारण की व्यवस्था कर ली गई थी. रूपाणी ने इस अभियान के लिए राज्य के सभी 33 जिलों का दौरा किया और उन्हें इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर जनता से जुडऩे का मौका मिला.
पानी की समस्या दूर करने की दिशा में कोशिशों के अलावा मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में भी सख्ती दिखाई है. पिछले महीने रूपाणी ने 30 करोड़ रु. के बिटकॉइन के घोटालेबाज को सहायता पहुंचाने के आरोपी अमरेली के पूर्व पुलिस अधीक्षक को निलंबित कर दिया.
नए भ्रष्टाचार-रोधी अभियान तकनीक आधारित हैं. मसलन, शहरी विकास विभाग में भवन निर्माण की योजनाएं अब जांच के लिए ऑनलाइन भेजी जा सकती हैं. निजी रियल एस्टेट डेवलपरों की शीर्ष संस्था क्रेडाई ने इस कदम की प्रशंसा की है. सरकार ने वर्ग एक और वर्ग 2 के 12,000 अफसरों के लिए हरेक साल अपनी संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है. कोताही बरतने वाले दर्जनभर अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया है.
रूपाणी ने गुजरात की नगरपालिकाओं को पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर ली है. व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए राज्य निदेशकों की देखरेख वाली 172 नगरपालिकाओं को छह क्षेत्रीय कमिशनरों के हवाले कर दिया गया है. गांधीनगर स्थित राज्य कमिशनर उनके मुखिया होंगे.
हाल ही में, जामनगर के पास जोडिया में 1,000 करोड़ रु. की लागत वाले 10 करोड़ लीटर पानी को रोजाना लवणमुक्त करने की परियोजना को मंजूरी दी गई है. रूपाणी ने कहा, "मेरी योजना गुजरात के तटीय इलाकों में पानी साफ करने की ऐसी 10 परियोजनाएं शुरू करने की हैं, ताकि पीने के पानी की समस्या का निराकरण किया जा सके.''
अहमदाबाद के राजनैतिक विश्लेषक जपन के. पाठक कहते हैं कि अपने दूसरे कार्यकाल में रूपाणी पहले से ज्यादा आत्मविश्वास से भरे नजर आते हैं. लेकिन कांग्रेसी विधायक ललितभाई कगथ्रा मुख्यमंत्री की इन कोशिशों को दिखावा करार देते हैं. वे कहते हैं, "विजय रूपाणी पानी की समस्या के खिलाफ मुहिम छेडऩे की बात करते हैं लेकिन पिछले साल की बाढ़ में तबाह हुए सारे चेक डैम अब तक मरम्मत की बाट जोह रहे हैं.''
रूपाणी की कोशिशों से लोग प्रभावित हैं या नहीं इसका अंदाजा तो अगले साल ही चल सकेगा. 2014 में भाजपा लोकसभा की सभी 24 सीटें जीत गई थी. क्या रूपाणी भाजपा को 2019 में यह प्रदर्शन दोहराने में सफल बना पाएंगे?
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