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...ताकि छत्तीसगढ़ की जनता याद रखे राज्य के विकास को !

रमन सिंह की प्रदेश यात्रा का उद्देश्य मतदाताओं को विकास कार्यों की याद दिलाना है

चंद्रदीप कुमार
चंद्रदीप कुमार
अपडेटेड 23 जनवरी , 2020

छह माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. छत्तीसगढ़ में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके डॉ. रमन सिंह लगातार चौथी बार जीत का जादू चलाना चाहते हैं. रमन सिंह की "विकास यात्रा'' का खर्च राज्य के खजाने से होना है. राज्य भर में होने वाली इस यात्रा में सरकारी विमान से लेकर लक्जरी गाड़ी में फेरबदल करके तैयार किए गए वाहन, सबका इस्तेमाल हो रहा है.

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 मई को दंतेवाड़ा में इस यात्रा के पहले चरण को हरी झंडी दिखाई थी और अब एक माह बाद 10 जून को अंबिकापुर में यह संपन्न होने जा रही है जहां रोड शो में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहेंगे. यात्रा का दूसरा चरण अगस्त के अंत में होना है और यह चुनाव आचार संहिता लागू होने तक चलता रहेगा.

एक-एक गांव से होकर गुजरने वाला रमन सिंह की गाड़ियों का काफिला ब्लॉक मुख्यालयों पर रुकता है जहां मुख्यमंत्री लोगों को संबोधित करते हुए पिछले 15 साल के दौरान किए गए विकास कार्यों की याद दिलाते हैं. इनमें 55 लाख परिवारों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा देने वाली मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, राशन कार्ड वालों को एक रुपये किलो चावल देने की पहल और शिक्षा और विवाह के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता का जिक्र होता है.  

उनका काफिला धान किसानों और तेंदू पत्ता चुनने वालों के बीच से ऐसे समय में निकल रहा है जब इन लोगों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के तहत बोनस का भुगतान अभी-अभी हुआ है. मुख्यमंत्री जहां भी जाते हैं, हाइड्रोलिक कुर्सी के सहारे गाड़ी से बाहर आते हैं और स्थानीय समस्या को हल करती हुई परियोजना की घोषणा करते हैं. इंडिया टुडे से बातचीत में वे कहते हैं, "पिछले 15 साल के दौरान मैंने किसी और मोर्चे पर लड़ाई नहीं लड़ी. जाति या धर्म आधारित राजनीति से मैं परहेज करता हूं.''

रमन सिंह की विकास यात्रा छत्तीसगढ़ के 90 में से 67 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. कांग्रेस के गढ़ रहे करीब एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों के अलावा उन्होंने रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग के 11 शहरी विधानसभा क्षेत्रों में भी नहीं जाने का फैसला किया है. पहले चरण के दौरान रमन सिंह की यात्रा उन दो सीटों समेत वैसे विधानसभा क्षेत्रों में गई जहां भाजपा को इकतरफा जीत की उम्मीद है.

रमन सिंह जब भी सड़क मार्ग से चलते हैं, अपने विधायकों के बारे में फीडबैक लेते रहते हैं. रमन सिंह की यात्रा का विपक्ष स्वाभाविक विरोध कर रहा है. इसके बरक्स कांग्रेस ने "विकास ढूंढ़ो यात्रा'' शुरू करने का ऐलान किया है. कांग्रेस विधायक दल के मुखिया टी.एस. सिंहदेव ने रमन सिंह की यात्रा को "लोगों के पैसे और सरकारी मशीनरी का खुल्लमखुल्ला दुरुपयोग'' करार दिया है. वहीं जमीनी स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अनुपस्थिति पर टिप्पणी करते हुए रमन सिंह कहते हैं कि कांग्रेस को "कांग्रेस ढूंढ़ो यात्रा'' निकालनी चाहिए.

रमन सिंह बखूबी जानते हैं कि उनके सामने क्या चुनौतियां हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मत प्रतिशत भाजपा के मुकाबले सिर्फ 0.75 प्रतिशत कम था.

इस बार उनके सामने अजित जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की ओर से अतिरिक्त चुनौती है क्योंकि यह पार्टी कांग्रेस की तुलना में अधिक भीड़ खींच रही है. यहां तक कि 17 मई को भी ऐसा ही दिखा जब राहुल गांधी बिलासपुर के पेंड्रा में पार्टी की रैली को संबोधित करने आए थे.

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