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सूरत: यहां सुरक्षित हैं नागरिक

यह गुजरात का इकलौता शहर है, जो पूरी तरह सीसीटीवी से लैस है. एक साल पहले यहां 17 जगहों पर 104 कैमरे लगे थे, लेकिन अब सौ से ज्यादा जगहों पर 600 से ज्यादा कैमरे लग चुके हैं.

अपडेटेड 25 नवंबर , 2014
एक ऐसे समय में जब सुरक्षा और संरक्षा लोगों की जीवन शैली तय करने लगे हैं और इन पहलुओं का अभाव किसी भी विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना है, हीरों को तराशने वाला शहर सूरत बाकी शहरों को रास्ता दिखा सकता है.

यह गुजरात का इकलौता शहर है, जो पूरी तरह सीसीटीवी से लैस है. एक साल पहले यहां 17 जगहों पर 104 कैमरे लगे थे, लेकिन अब सौ से ज्यादा जगहों पर 600 से ज्यादा कैमरे लग चुके हैं.

सूरत के संयुक्त पुलिस आयुक्त वी.एम. परघी कहते हैं, ‘‘सीसीटीवी निगरानी ने शहर के ट्रैफिक प्रबंधन और नियंत्रण को सुधार दिया है. इससे पुलिस की चौकसी में भी इजाफा हुआ है.’’

शहर प्रशासन लोगों की हिफाजत को सुनिश्चित करने के प्रति गंभीर है. यह बात अपराध की दर में गिरावट से भी साफ जाहिर होती है. हत्या,  डकैती, लूट और बलात्कार जैसे संगीन अपराध के मामलों में गिरावट आई है. एक साल के भीतर शहर में अपराध की दर गिरकर 4.7 फीसदी हो गई है.

पुलिस ढांचे में मजबूती के कारण पुलिस की कार्य-कुशलता बढ़ी है. एक साल में पीसीआर वैन की संख्या 15 से 75 हो गई है. अब पुलिस को किसी भी कॉल के बाद घटनास्थल तक पहुंचने में अधिकतम दस मिनट लगते हैं.

राज्य के गृह सचिव एस.के. नंदा के दिमाग की उपज रही सुरक्षा सेतु जैसी योजना के क्रियान्वयन के अच्छे नतीजे मिले हैं. इस योजना में लोग अपने मोबाइल पर एक ऐप्लिकेशन डाउनलोड करके किसी भी अपराध के बारे में पुलिस को अलर्ट कर सकते हैं.

राकेश अस्थाना सरीखे एक अनुशासनपसंद पुलिस आयुक्त के होने से भी पुलिस बल को अपना कामकाज बेहतर करने में मदद मिली है. पुलिस ने वरिष्ठ नागरिकों, विभिन्न आयु वर्ग के लोगों और दस हजार से ज्यादा महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया है.
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