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मनोरंजन के हर फन का रंग है मैसूर में

हर सुबह मैसूरू के माधव विश्वनाथ जयलक्ष्मीपुरम स्थित अपने घर से बिजनेस सूट पहनकर निकलते हैं और पूरा दिन उनका स्प्रेडशीट पर काम करते बीतता है.

अपडेटेड 25 नवंबर , 2014
हर सुबह मैसूरू के माधव विश्वनाथ जयलक्ष्मीपुरम स्थित अपने घर से बिजनेस सूट पहनकर निकलते हैं और पूरा दिन उनका स्प्रेडशीट पर काम करते बीतता है. 29 साल के इस स्ट्रक्चरल इंजीनियर की हर शाम किसी मिथकीय पात्र के भेस में खत्म होती है. विश्वनाथ उन 60 इंजीनियरों में से एक हैं जो अभियंतरारु नामक एक रंगसमूह में नाटक का प्रशिक्षण लेते हैं. यह समूह सिर्फ इंजीनियरों और इंजीनियरिंग के छात्रों को ही रंगकर्म सिखाता है.

अभियंतरारु के अध्यक्ष सुरेश बाबू एच.एस. कहते हैं, ‘‘इस साल हम निर्देशक बासवलिंगैया के निर्देशन में तीसरा कोर्स चला रहे हैं. कोर्स के अंत में हम लोकरंग, नृत्य और गीत का प्रदर्शन चार दिवसीय पूर्णचंद्र तेजस्वी समारोह में करते हैं. मैसूरू बाकी शहरों से इस मायने में अलग है कि यहां मनोरंजन के साधनों की विविधता है.’’

मैसूरू के सालाना रंग महोत्सव बहुरूपी में देश भर से प्रतिष्ठित कलाकारों ने 13 मशहूर नाटक किए. इसके बाद दशहरा समारोह में कर्नाटक भर के कलाकारों ने संगीत कार्यक्रम किए. मनोरंजन के मामले में मैसूरू देश का अव्वल शहर बन कर उभर रहा है, जो सांस्कृतिक और प्रदर्शनकारी कलाओं का भी केंद्र है.

लेकिन यहां मनोरंजन सिर्फ सांस्कृतिक अवसरों तक सीमित नहीं है. द रोड पब में वाइल्ड विंटेज कार और बाइक थीम वाली पार्टियां, जीआरएस वाटर पार्क में ब्रांड न्यू फैमिली फ्लोट राइड या फिर मैसूरू के मॉल ऐसी जगहें हैं जहां घंटे भर में 900 लोगों का एक साथ मनोरंजन हो सकता है. यहां सामाजिक मोर्चे पर भी गतिविधियां हमेशा चलती रहती हैं.
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