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राज्यों की दशा-दिशा 2014: अपना ख्याल खुद रखने वाला राज्य है मिजोरम

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीब मरीजों का 30,000 रु. तक का मुफ्त इलाज किया जाता है और अगर जरूरी हो तो मिजोरम राज्य स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत 70,000 रु. का भुगतान किया जाता है.

अपडेटेड 4 नवंबर , 2014
आइजॉल में 19 जुलाई, 2013 को मिजोरम के अस्पताल और चिकित्सा शिक्षा निदेशक के कक्ष में आयोजित स्वास्थ्य अधिकारियों और अस्पताल तथा बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों की बैठक में कुछ ऐसे फैसले लिए गए, जिन्होंने इस पूर्वोत्तर राज्य में स्वास्थ्य सेवा को नया रूप देने में मौन क्रांति को बढ़ावा दिया है.

बैठक में फैसला किया गया कि राज्य के प्रमुख कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाइ) के बेहतर संचालन के लिए मरीज को अस्पताल से छुट्टी देने के 48 घंटे के भीतर खर्च का पूरा ब्यौरा बीमा कंपनी को भेजा जाए. दावों में अनुचित कटौती से बचने के लिए बीमा कंपनी को अस्पताल से मिले दावों को पूछताछ के बिना अस्वीकार करने से रोक दिया गया. यह फैसला बहुत कारगर साबित हुआ.
स्वास्थ्य के मामले में आगे है मिजोरम
2013 और फरवरी 2014 के बीच राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा के तहत 17,277 परिवारों से 9,48,36,905 रु. के बिल भुगतान के लिए प्राप्त हुए, जिनमें से 10,930 परिवारों को 5,69,27,126 रु. दे दिए गए और 2,857 परिवारों के भुगतान का काम चल रहा है.

इसीलिए जब राजधानी से 170 किलोमीटर दूर जॉनगिन के 48 साल के सेंगुरा साइलो को आइजॉल सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उन्हें कोई फिक्र नहीं थी. इलाज का पूरा खर्च राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और मिजोरम राज्य स्वास्थ्य सेवा योजना के अंतर्गत सरकार ने उठाया.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीब मरीजों का 30,000 रु. तक का मुफ्त इलाज किया जाता है और अगर जरूरी हो तो मिजोरम राज्य स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत 70,000 रु. का भुगतान किया जाता है. गंभीर बीमारियों के लिए मरीज को 3,00,000 रु. तक सुरक्षा मिलती है. गरीबी रेखा से ऊपर के लोग 500 से 1,000 रु. तक का सालाना प्रीमियम देकर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. इस समय 1,46,779 परिवारों को इस योजना के तहत कवर किया जा रहा है.
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