एमआइटी के रिसर्चर्स ने खोजा है कि अगर आपका नाम विकीपीडिया पेज पर 25 से ज्यादा भाषाओं में मौजूद है तो आप मशहूर व्यक्ति हैं. एमआइटी के मीडिया लैब प्रोजेक्ट पैंथियोन में 6,000 साल का वैश्विक कल्चरल डाटा जांचा गया. वेबसाइट ने दुनियाभर के और हर दौर के दार्शनिकों से लेकर वैज्ञानिक और लेखकों से लेकर पोर्न स्टार्स तक की रैंकिंग की है. इनमें पहले नंबर पर है अरस्तू. उनके बाद प्लूटो और जीसस क्राइस्ट आते हैं. 1966 में किए गए जॉन लेनन के दावे के उलट बीटल्स ‘‘जीसस से ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं. इसमें शामिल भारतीयों पर एक नजर.
पिछले 6,000 साल में भारत की सबसे मशहूर शख्सियतें
1. महात्मा गांधी क्या हुआ अगर अपने ही देश में उनकी प्रासंगिकता खत्म हो रही है. वे 75वें स्थान पर हैं. शीर्ष 100 लोगों में जगह पाने वाले एकमात्र भारतीय.
2. सम्राट अशोक तीसरी सदी ई. पू. के भारत के पहले बौद्ध सम्राट 627वें स्थान पर हैं. आश्चर्य कि वे अब भी प्रासंगिक हैं.
3. रुडयार्ड किपलिंग इस लेखक को हम अंग्रेज समझ्ते थे. जबकि मुंबई में जन्मे किपलिंग को भारतीय मान, 673वें स्थान पर रखा गया है
.
4. नागार्जुन इस बौद्ध दार्शनिक को 812वां स्थान मिला है. ‘‘शून्यता’’ यानी खालीपन उनका प्रमुख दर्शन है.
5. इंदिरा गांधी सबसे लंबे समय तक पद पर रहीं महिला प्रधानमंत्री. उन्हें वैश्विक राजनीति में महिला नेताओं का चेहरा माना जाता है. उन्हें 1233वां स्थान मिला.
6. रवींद्रनाथ टैगोर भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता. वे 1496वें स्थान पर हैं.
वे जो अभी जीवित हैं
ऐश्वर्या राय बच्चन बनाम अमत्र्य सेन
खूबसूरती प्रतिभा से अधिक मायने रखती है, तभी तो कजरारी आंखों वाली बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय को सूची में 3103वां स्थान मिला है जबकि नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री अमत्र्य सेन उनके बाद 3,344वें स्थान पर हैं.
लुभाता भारतीय संगीत
फ्रांसीसी संगीतकार, कंपोजर और फिल्म मेकर क्रिस्टोफ शासोल ने अपने मल्टी मीडिया एलबम और फिल्म इंडियामोर के लिए वाराणसी से लेकर कोलकाता तक स्थानीय संगीतकारों का संगीत सुना और उनके फोटो भी लिए. इसमें सौरव गांगुली की पत्नी और ओडीसी डांसर डोना तथा उनके डांस स्कूल के छात्र भी दिखाई देने वाले हैं.
नटराज पर किसका हक
तमिलनाडु में त्रिची के निकट अदालत में एक मुकदमा शुरू हुआ है. एक ओर है चोला शासकों के समय की तांबे की नटराज की प्रतिमा. नटराज को श्रीपुरंतन गांव में बृहदीश्वर मंदिर का 1,000 साल पुराना संरक्षक माना जाता है. तो, दूसरी ओर हैं नई दिल्ली में जन्मे न्यूयॉर्क निवासी सुभाष कपूर. उन पर इस प्रतिमा को चुराकर नेशनल गैलरी ऑफ ऑस्ट्रेलिया को बेचने का आरोप है. इंटरपोल के मुताबिक, कपूर मंदिरों की प्रतिमाओं के दुनिया के सबसे बड़े तस्करों में से एक हैं. लेकिन वे ‘‘निर्दोष’’ होने का दावा कर रहे हैं. उन्होंने नटराज की प्रतिमा को चुराने की योजना 2005 में बनाई थी. जिस शिव मंदिर को उन्होंने निशाना बनाया, वहां किसी तरह की सुरक्षा नहीं थी. यहां पर खतरनाक बिच्छुओं और मधुमक्खियों के होने की अफवाह फैली थी, जिसके बाद मंदिर में पूजा भी बंद हो गई थी. मूर्ति चोरी का खुलासा 2008 में हुआ था. इंटरपोल ने उन्हें 2011 में फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे पर पकड़ा था. वे तब से ही चेन्नै जेल में न्यायिक हिरासत में है. लेकिन इस बात का कोई फोटोग्राफिक सबूत नहीं है कि नटराज उसी मंदिर में विराजमान थे. यह बात कपूर के पक्ष में जा सकती है.
हाइजैकिंग, फ्लॉप फॉर्मूला
हाल ही में गायब हुए मलेशिया एअरलाइंस के जहाज एमएच 370 का रहस्य गहराता जा रहा है, लेकिन एक सवाल का जवाब जानना जरूरी लगता है. आखिर बॉलीवुड हाइजैकिंग थीम वाली फिल्मों के मामले में हमेशा एकदम फिसड्डी क्यों रहा है? 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद से इस थीम पर कुछ फिल्में बनने लगीं. लेकिन इन सभी में एक ही तरह के फॉर्मूला था. मसलन- फ्लाइट जिसका रास्ता बदल दिया गया, इस्लामिक आतंकवादी, मासूम बंधक और रोमांस का थोड़ा-सा तड़का. इन सभी फिल्मों की थीम हमेशा एक जैसी ही रही (लगभग हर बार यह 1999 में कंधार में अपहृत हुए विमान आइसी 814 का किस्सा था). दिलचस्प यह है कि इन सभी फिल्मों का अंत भी एक-सा ही रहा यानी सुपरफ्लॉप. कल्पना के अभाव में यही हश्र होता है.
पिछले 6,000 साल में भारत की सबसे मशहूर शख्सियतें
1. महात्मा गांधी क्या हुआ अगर अपने ही देश में उनकी प्रासंगिकता खत्म हो रही है. वे 75वें स्थान पर हैं. शीर्ष 100 लोगों में जगह पाने वाले एकमात्र भारतीय.
2. सम्राट अशोक तीसरी सदी ई. पू. के भारत के पहले बौद्ध सम्राट 627वें स्थान पर हैं. आश्चर्य कि वे अब भी प्रासंगिक हैं.
3. रुडयार्ड किपलिंग इस लेखक को हम अंग्रेज समझ्ते थे. जबकि मुंबई में जन्मे किपलिंग को भारतीय मान, 673वें स्थान पर रखा गया है
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4. नागार्जुन इस बौद्ध दार्शनिक को 812वां स्थान मिला है. ‘‘शून्यता’’ यानी खालीपन उनका प्रमुख दर्शन है.
5. इंदिरा गांधी सबसे लंबे समय तक पद पर रहीं महिला प्रधानमंत्री. उन्हें वैश्विक राजनीति में महिला नेताओं का चेहरा माना जाता है. उन्हें 1233वां स्थान मिला.
6. रवींद्रनाथ टैगोर भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता. वे 1496वें स्थान पर हैं.
वे जो अभी जीवित हैं
ऐश्वर्या राय बच्चन बनाम अमत्र्य सेन
खूबसूरती प्रतिभा से अधिक मायने रखती है, तभी तो कजरारी आंखों वाली बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय को सूची में 3103वां स्थान मिला है जबकि नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री अमत्र्य सेन उनके बाद 3,344वें स्थान पर हैं.
लुभाता भारतीय संगीत
फ्रांसीसी संगीतकार, कंपोजर और फिल्म मेकर क्रिस्टोफ शासोल ने अपने मल्टी मीडिया एलबम और फिल्म इंडियामोर के लिए वाराणसी से लेकर कोलकाता तक स्थानीय संगीतकारों का संगीत सुना और उनके फोटो भी लिए. इसमें सौरव गांगुली की पत्नी और ओडीसी डांसर डोना तथा उनके डांस स्कूल के छात्र भी दिखाई देने वाले हैं.
नटराज पर किसका हक
तमिलनाडु में त्रिची के निकट अदालत में एक मुकदमा शुरू हुआ है. एक ओर है चोला शासकों के समय की तांबे की नटराज की प्रतिमा. नटराज को श्रीपुरंतन गांव में बृहदीश्वर मंदिर का 1,000 साल पुराना संरक्षक माना जाता है. तो, दूसरी ओर हैं नई दिल्ली में जन्मे न्यूयॉर्क निवासी सुभाष कपूर. उन पर इस प्रतिमा को चुराकर नेशनल गैलरी ऑफ ऑस्ट्रेलिया को बेचने का आरोप है. इंटरपोल के मुताबिक, कपूर मंदिरों की प्रतिमाओं के दुनिया के सबसे बड़े तस्करों में से एक हैं. लेकिन वे ‘‘निर्दोष’’ होने का दावा कर रहे हैं. उन्होंने नटराज की प्रतिमा को चुराने की योजना 2005 में बनाई थी. जिस शिव मंदिर को उन्होंने निशाना बनाया, वहां किसी तरह की सुरक्षा नहीं थी. यहां पर खतरनाक बिच्छुओं और मधुमक्खियों के होने की अफवाह फैली थी, जिसके बाद मंदिर में पूजा भी बंद हो गई थी. मूर्ति चोरी का खुलासा 2008 में हुआ था. इंटरपोल ने उन्हें 2011 में फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे पर पकड़ा था. वे तब से ही चेन्नै जेल में न्यायिक हिरासत में है. लेकिन इस बात का कोई फोटोग्राफिक सबूत नहीं है कि नटराज उसी मंदिर में विराजमान थे. यह बात कपूर के पक्ष में जा सकती है.
हाइजैकिंग, फ्लॉप फॉर्मूला
हाल ही में गायब हुए मलेशिया एअरलाइंस के जहाज एमएच 370 का रहस्य गहराता जा रहा है, लेकिन एक सवाल का जवाब जानना जरूरी लगता है. आखिर बॉलीवुड हाइजैकिंग थीम वाली फिल्मों के मामले में हमेशा एकदम फिसड्डी क्यों रहा है? 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद से इस थीम पर कुछ फिल्में बनने लगीं. लेकिन इन सभी में एक ही तरह के फॉर्मूला था. मसलन- फ्लाइट जिसका रास्ता बदल दिया गया, इस्लामिक आतंकवादी, मासूम बंधक और रोमांस का थोड़ा-सा तड़का. इन सभी फिल्मों की थीम हमेशा एक जैसी ही रही (लगभग हर बार यह 1999 में कंधार में अपहृत हुए विमान आइसी 814 का किस्सा था). दिलचस्प यह है कि इन सभी फिल्मों का अंत भी एक-सा ही रहा यानी सुपरफ्लॉप. कल्पना के अभाव में यही हश्र होता है.