रणवीर सिंह को शुरू से ही लोगों का ध्यान खींचने का हुनर आता था. जब वे 16 साल के थे तो साथिया के डायरेक्टर शाद अली की पार्टी में बिन बुलाए ही पहुंच गए थे और जुम्मा चुम्मा दे दे गाने पर नाचने लगे. उनकी इन शरारतों की वजह से बहुत से लोग उन्हें प्यार करते तो कइयों को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आती. उन्हें लगता कि वे अपनी ओर ध्यान खींचने के लिए कुछ भी कर सकते हैं.
लेकिन 28 वर्षीय रणवीर इन आलोचनाओं से बेपरवाह हैं, खासकर तब जब वे अपनी नई फिल्म गोलियों की रासलीला राम-लीला की कामयाबी का मजा ले रहे हैं. यह फिल्म जहां समीक्षकों की तारीफ बटोर रही है, वहीं बॉक्स ऑफिस पर भी फिल्म ने छह दिन में 75.50 करोड़ रु. कमा लिए हैं. इस तरह यह फिल्म उनकी अब तक की सबसे बड़ी हिट साबित हो रही है. रणवीर कहते हैं, “मेरे लिए खुद न रहकर कोई और बनना, बहुत मुश्किल काम है. मैं दूसरों के लिए खुद को नहीं बदलना चाहूंगा.”
6969 नंबर वाली उनकी काले रंग की जगुआर कार उनके शरारती मिजाज को जाहिर कर देती है. इसमें बैठे-बैठे वे कहते हैं, “मैं एकदम सपाट करियर ग्राफ नहीं चाहता हूं. इसमें कुछ पागलपन होना चाहिए.” रणवीर ने 2010 में बैंड बाजा बारात से करियर शुरू किया था. उस फिल्म की वजह से नए सर्वश्रेष्ठ ऐक्टर के सारे पुरस्कार उनकी झोली में गिरे थे और इसी फिल्म के बाद डायरेक्टर विक्रमादित्य मोटवाणी की नजर उन पर गई. उन्होंने रणवीर के साथ लुटेरा (2013) बनाई. मोटवाणी कहते हैं, “उनमें वास्तव में काफी संजीदगी थी.” उन्होंने दिखा दिया कि अगर वे मौज-मस्ती करने वाले युवा का रोल कर सकते हैं, तो दूसरी ओर सीरियस रोल भी निभा सकते हैं. अब संजय लीला भंसाली की रोमांटिक ट्रेजडी में शानदार ऐक्टिंग के लिए उन्हें काफी तारीफ मिल रही है. इस फिल्म में वे दिलफेंक प्लेब्वॉय, मायूस आशिक और इंतकाम लेने वाले भाई के रोल में हैं. इससे उन्होंने संकेत दे दिया है कि वे खान दिग्गजों के दबदबे वाले बॉलीवुड में कड़ी चुनौती बनकर उभर सकते हैं.
हालांकि फिल्म की कमाई के मामले में उन्हें लंबा सफर तय करना है क्योंकि लेडीज वर्सेज रिकी बहल समेत उनकी पहले की तीन फिल्मों ने कुल 90 करोड़ रु. का कारोबार किया था, जो आज के हिसाब से मामूली रकम है. लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. वे कहते हैं, “मैं नहीं मानता कि कलेक्शन सफलता का पैमाना है. मैं चाहता हूं कि मेरी फिल्में हमेशा देखी जाएं.” वास्तव में उनके लिए पैसा पहली प्राथमिकता नहीं है. उन्होंने अभी तक किसी विज्ञापन के लिए काम नहीं किया है. वे कहते हैं, “ब्रांड्स को मेरी कीमत उसी तरह आंकनी चाहिए जैसे मैं खुद को आंकता हूं.” वे जेडब्ल्यूटी और ओगिल्वी ऐंड माथेर विज्ञापन एजेंसियों में इंटर्न कॉपीराइटर रह चुके हैं. वे कहते हैं, “अगर मैं भड़कीले विज्ञापनों में काम करूंगा तो मैं अपने ढंग से नहीं रह पाऊंगा.”
दरअसल उन्हें पैसों का अभाव भी नहीं रहा है. रणवीर सिंह भवनाणी के पिता जगजीत सिंह भवनाणी मुंबई के पॉश इलाके बांद्रा के बड़े बिजनेसमैन हैं. उनके दादा सोनम कपूर की नानी के भाई हैं. इस तरह सोनम रिश्ते में उनकी बहन लगती हैं. लेकिन उनकी मुलाकातें उनके जन्मदिन की पार्टियों में ही होती थीं. रणवीर बांद्रा में अपने स्कूल लर्नर्स एकेडमी में शरारती बच्चे थे. उनके फोटोग्राफर दोस्त रोहन श्रेष्ठ बताते हैं, “वह मुझे हमेशा परेशान करता था.” रोहन के मुताबिक, लगभग सभी नाटकों में रणवीर को लीड रोल मिलता था. उन्होंने मुंबई के एचआर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और मीडिया स्टडीज के लिए वे अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी ब्लूमिंगटन गए. वहां ऐक्टिंग की प्यास फिर से जग गई.
देश लौटकर उन्होंने चार साल संघर्ष कियाः उन्होंने विज्ञापन फिल्मों के लिए डेढ़ साल तक शाद अली के सहायक के रूप में काम किया, किशोर नमित कपूर की एकेडमी में ऐक्टिंग कोर्स किया, थिएटर ग्रुप अंश के साथ आठ महीने काम किया. इसके बाद वे कई फिल्मों के ऑडिशन के लिए गए, हर बार असफल रहे. वे कहते हैं, “फिर मैंने एक जुआ खेला. मेरा मानना था कि मैं किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए बना हूं. मुझे अपने माता-पिता का सहयोग हासिल था. इसलिए मैं किसी को भी न कहने की हैसियत में था.” उन्होंने काम छोड़कर अपने पोर्टफोलियो के लिए जिम जाकर सेक्सी बॉडी बनाने का फैसला किया. 2009 में उन्होंने बैंड बाजा बारात के लिए ऑडिशन दिया और मनीष शर्मा काफी प्रभावित हो गए. मनीष कहते हैं, “उनमें खास तरह की मस्ती और एनर्जी है. लेकिन वे अपने काम के प्रति पूरा ध्यान रखते हैं.” मनीष ने लेडीज वर्सेज रिकी बहल में भी उन्हें डायरेक्ट किया था.
राम-लीला ने उन्हें स्टार बना दिया है. रणवीर को उनकी आने वाली फिल्मों में अभी और भी परखा जाएगा. वे जल्दी ही अर्जुन कपूर और प्रियंका चोपड़ा के साथ गुंडे में दिखाई देंगे. इसके बाद उनके पास शाद अली की फिल्म किल दिल है. फिर जोया अख्तर की फिल्म में प्रियंका उनकी बहन की भूमिका में नजर आएंगी. लेकिन राम-लीला में राम का रोल उन्हें सबसे ज्यादा पसंद है. रणवीर कहते हैं, “इस फिल्म में राम कामुक है. संजीदा है, जिसमें जवानी के साथ बचपना है.” रणवीर का व्यक्तित्व भी काफी कुछ ऐसा ही है.
लेकिन 28 वर्षीय रणवीर इन आलोचनाओं से बेपरवाह हैं, खासकर तब जब वे अपनी नई फिल्म गोलियों की रासलीला राम-लीला की कामयाबी का मजा ले रहे हैं. यह फिल्म जहां समीक्षकों की तारीफ बटोर रही है, वहीं बॉक्स ऑफिस पर भी फिल्म ने छह दिन में 75.50 करोड़ रु. कमा लिए हैं. इस तरह यह फिल्म उनकी अब तक की सबसे बड़ी हिट साबित हो रही है. रणवीर कहते हैं, “मेरे लिए खुद न रहकर कोई और बनना, बहुत मुश्किल काम है. मैं दूसरों के लिए खुद को नहीं बदलना चाहूंगा.”
6969 नंबर वाली उनकी काले रंग की जगुआर कार उनके शरारती मिजाज को जाहिर कर देती है. इसमें बैठे-बैठे वे कहते हैं, “मैं एकदम सपाट करियर ग्राफ नहीं चाहता हूं. इसमें कुछ पागलपन होना चाहिए.” रणवीर ने 2010 में बैंड बाजा बारात से करियर शुरू किया था. उस फिल्म की वजह से नए सर्वश्रेष्ठ ऐक्टर के सारे पुरस्कार उनकी झोली में गिरे थे और इसी फिल्म के बाद डायरेक्टर विक्रमादित्य मोटवाणी की नजर उन पर गई. उन्होंने रणवीर के साथ लुटेरा (2013) बनाई. मोटवाणी कहते हैं, “उनमें वास्तव में काफी संजीदगी थी.” उन्होंने दिखा दिया कि अगर वे मौज-मस्ती करने वाले युवा का रोल कर सकते हैं, तो दूसरी ओर सीरियस रोल भी निभा सकते हैं. अब संजय लीला भंसाली की रोमांटिक ट्रेजडी में शानदार ऐक्टिंग के लिए उन्हें काफी तारीफ मिल रही है. इस फिल्म में वे दिलफेंक प्लेब्वॉय, मायूस आशिक और इंतकाम लेने वाले भाई के रोल में हैं. इससे उन्होंने संकेत दे दिया है कि वे खान दिग्गजों के दबदबे वाले बॉलीवुड में कड़ी चुनौती बनकर उभर सकते हैं.
हालांकि फिल्म की कमाई के मामले में उन्हें लंबा सफर तय करना है क्योंकि लेडीज वर्सेज रिकी बहल समेत उनकी पहले की तीन फिल्मों ने कुल 90 करोड़ रु. का कारोबार किया था, जो आज के हिसाब से मामूली रकम है. लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. वे कहते हैं, “मैं नहीं मानता कि कलेक्शन सफलता का पैमाना है. मैं चाहता हूं कि मेरी फिल्में हमेशा देखी जाएं.” वास्तव में उनके लिए पैसा पहली प्राथमिकता नहीं है. उन्होंने अभी तक किसी विज्ञापन के लिए काम नहीं किया है. वे कहते हैं, “ब्रांड्स को मेरी कीमत उसी तरह आंकनी चाहिए जैसे मैं खुद को आंकता हूं.” वे जेडब्ल्यूटी और ओगिल्वी ऐंड माथेर विज्ञापन एजेंसियों में इंटर्न कॉपीराइटर रह चुके हैं. वे कहते हैं, “अगर मैं भड़कीले विज्ञापनों में काम करूंगा तो मैं अपने ढंग से नहीं रह पाऊंगा.”
दरअसल उन्हें पैसों का अभाव भी नहीं रहा है. रणवीर सिंह भवनाणी के पिता जगजीत सिंह भवनाणी मुंबई के पॉश इलाके बांद्रा के बड़े बिजनेसमैन हैं. उनके दादा सोनम कपूर की नानी के भाई हैं. इस तरह सोनम रिश्ते में उनकी बहन लगती हैं. लेकिन उनकी मुलाकातें उनके जन्मदिन की पार्टियों में ही होती थीं. रणवीर बांद्रा में अपने स्कूल लर्नर्स एकेडमी में शरारती बच्चे थे. उनके फोटोग्राफर दोस्त रोहन श्रेष्ठ बताते हैं, “वह मुझे हमेशा परेशान करता था.” रोहन के मुताबिक, लगभग सभी नाटकों में रणवीर को लीड रोल मिलता था. उन्होंने मुंबई के एचआर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और मीडिया स्टडीज के लिए वे अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी ब्लूमिंगटन गए. वहां ऐक्टिंग की प्यास फिर से जग गई.
देश लौटकर उन्होंने चार साल संघर्ष कियाः उन्होंने विज्ञापन फिल्मों के लिए डेढ़ साल तक शाद अली के सहायक के रूप में काम किया, किशोर नमित कपूर की एकेडमी में ऐक्टिंग कोर्स किया, थिएटर ग्रुप अंश के साथ आठ महीने काम किया. इसके बाद वे कई फिल्मों के ऑडिशन के लिए गए, हर बार असफल रहे. वे कहते हैं, “फिर मैंने एक जुआ खेला. मेरा मानना था कि मैं किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए बना हूं. मुझे अपने माता-पिता का सहयोग हासिल था. इसलिए मैं किसी को भी न कहने की हैसियत में था.” उन्होंने काम छोड़कर अपने पोर्टफोलियो के लिए जिम जाकर सेक्सी बॉडी बनाने का फैसला किया. 2009 में उन्होंने बैंड बाजा बारात के लिए ऑडिशन दिया और मनीष शर्मा काफी प्रभावित हो गए. मनीष कहते हैं, “उनमें खास तरह की मस्ती और एनर्जी है. लेकिन वे अपने काम के प्रति पूरा ध्यान रखते हैं.” मनीष ने लेडीज वर्सेज रिकी बहल में भी उन्हें डायरेक्ट किया था.
राम-लीला ने उन्हें स्टार बना दिया है. रणवीर को उनकी आने वाली फिल्मों में अभी और भी परखा जाएगा. वे जल्दी ही अर्जुन कपूर और प्रियंका चोपड़ा के साथ गुंडे में दिखाई देंगे. इसके बाद उनके पास शाद अली की फिल्म किल दिल है. फिर जोया अख्तर की फिल्म में प्रियंका उनकी बहन की भूमिका में नजर आएंगी. लेकिन राम-लीला में राम का रोल उन्हें सबसे ज्यादा पसंद है. रणवीर कहते हैं, “इस फिल्म में राम कामुक है. संजीदा है, जिसमें जवानी के साथ बचपना है.” रणवीर का व्यक्तित्व भी काफी कुछ ऐसा ही है.