scorecardresearch

आशा गुप्ता: प्लास्टिक की प्रिंसेस

टपरवेयर इंडिया की प्रमुख ने कई महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित किया

अपडेटेड 10 सितंबर , 2013
टपरवेयर इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर आशा गुप्ता अपने ग्राहकों की मानसिकता को समझती हैं. इसी गुण की वजह से वे सिर्फ 33 साल की उम्र में फूड स्टोरेज कंटेनर बनाने वाली मशहूर अमेरिकी कंपनी की भारतीय इकाई की टॉप बॉस बन गईं. गुप्ता का कहना है, ''सीईओ की बैठकों में अकसर मैं सबसे कम उम्र की एमडी होती हूं. मेरे व्यक्तित्व का कोमल पक्ष बहुत तेजी से विकसित हो गया.”

अब 41 साल की गुप्ता ने बिजनेस के आकार के हिसाब से टपरवेयर इंडिया को इस अंतरराष्ट्रीय कंपनी की पांच प्रमुख इकाइयों में स्थान दिला दिया. लेकिन भारतीय महिलाओं को स्टेनलेस स्टील छोड़कर प्लास्टिक अपनाने के लिए राजी करना आसान नहीं था. वे बताती हैं, ''समय और साधन सीमित थे और मुझे महत्वपूर्ण फैसले करने थे. बिक्री बढ़ाने के  लिए एक पुख्ता डायरेक्ट सेलिंग मॉडल का ही सहारा था.”

आज टपरवेयर पार्टियां बहुत सी भारतीय महिलाओं की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गई हैं. गुप्ता ने अनेक महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने में मदद की है और वे सब घर से काम करती हैं. अलग-अलग माहौल और परिवारों से आईं 115 महिला डिस्ट्रिब्यूटर के साथ काम करने वाली गुप्ता अपनी कामयाबी को आम वित्तीय संकेतों की बजाय उन लोगों की संख्या से नापती हैं, जिन्हें उन्होंने तैयार किया है.

इस सबसे सिर्फ इन महिलाओं की ही आमदनी नहीं हो रही, टपरवेयर इंडिया ने भी तेजी से तरक्की की है. 2012 में दुनियाभर में 6 प्रतिशत के मुकाबले भारत में कारोबार 38 प्रतिशत बढ़ा.

अहमदाबाद स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर आंट्रेप्रेन्यरशिप ऐंड करियर डेवलपमेंट की निदेशक हिना शाह के अनुसार, ''उद्यमशीलता विकसित करने की जरूरत है, क्योंकि हमारा समाज महिलाओं को उद्यमी बनना नहीं सिखाता.” शाह टपरवेयर इंडिया के टेलीविजन विज्ञापन 'शी कैन, यू कैन’ के विभिन्न चेहरों में से एक हैं.
Advertisement
Advertisement