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'भारत फूलों से सजे एक खूबसूरत गुलदस्ते की तरह है'

सरोदवादक उस्ताद अमजद अली खान ने अपने परिवार की दो पीढ़ियों के साथ दिल्ली के सफदरजंग मकबरे में प्रस्तुति दी

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उस्ताद अमजद अली खान
अपडेटेड 1 दिसंबर , 2025

सवाल +जवाब

आपने 15 नवंबर को अपने बेटों और पोतों के साथ इब्तिदा: एक महफिल में प्रस्तुति दिया है. यह मौका आपके लिए कितना खास रहा?
अपने बच्चों और पोतों के साथ मंच साझा करने का मौका मिलना ऊपर वाले का करम है. हर इंसान का स्वभाव उसके संगीत में झलकता है. (मेरे बेटे) अमान के वादन का तरीका बहुत अनोखा है. उसने अपनी एक अलग दुनिया बना रखी है और अमान अली बंगश के तौर पर अपनी पहचान को साबित भी किया है.

उसके छोटे भाई अयान ने भी अपनी अलग दुनिया बनाई है...अबीर और जोहान ने संगीत के क्षेत्र में अभी-अभी अपना सफर शुरू किया है. इसका सारा श्रेय उनके माता-पिता अयान और नीमा को जाता है, जिन्होंने उनकी दिनचर्या इस तरह तय की कि वे पढ़ाई के अलावा सरोद का रियाज भी कर सकें.


लाइव संगीत को प्रोत्साहित करने वाली बैठकों और महफिलों का चलन फिर से शुरू हुआ है. इन पर आपकी क्या राय है?
पुराने जमाने में महफिलें और बैठकें हुआ करती थीं, इसलिए मुझे तो उन्हें देखकर खुशी होती है. इस तरह का अंतरंग माहौल हमेशा कलाकारों को प्रेरित ही करता है. हमने नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में प्रस्तुति दी थी, जहां 10,000 लोग मौजूद थे. पश्चिमी संगीत में भी चैंबर कॉन्सर्ट का माहौल बेहद खास होता है.


आपकी नजर में दुनिया को आपकी विरासत को किस तरह से देखना चाहिए?
यह विरासत ऊपरवाले की मेहरबानी और भारत के लोगों के आशीर्वाद से फल-फूल रही है, जिन्होंने मेरे पूर्वजों को पूरा सम्मान और प्रोत्साहन दिया. इतिहास उठाकर देखें तो महान संगीतकारों को राजाओं और महाराजाओं का संरक्षण हासिल था.

हमारे पूर्वज ग्वालियर के सिंधिया परिवार के दरबारी संगीतकार थे. जब उनका शासन समाप्त हुआ तो देश के लोगों ने सभी महान संगीतकारों को सम्मान दिया, उन्हें प्रोत्साहित किया और खुले दिल से स्वीकारा.

आपको क्या लगता है,  संगीत और कला दुनिया को कैसे जोड़ते हैं?
भारत फूलों से सजे एक खूबसूरत गुलदस्ते की तरह है. हमारे यहां धर्म, परंपराओं और जीवनशैली में बहुत ज्यादा विविधता है लेकिन हम एक-दूसरे से जुड़े हैं. यही निर्भरता हमारी ताकत है. एक संगीतकार के तौर पर मुझे लगता है कि हम दुनिया के हर धर्म से जुड़े हैं क्योंकि संगीत ईश्वर का एक अनमोल उपहार है.

—दीपाली धींगरा

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