- गीतिका सचदेव
• आपके पेशे में आपको जगह-जगह जाना ही पड़ता है. कोई एक ऐसा ठिकाना है जिस पर आपका दिल आ गया हो?
न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन से ज्यादा खूबसूरत शहर मैंने आजतक नहीं देखा. लगता है जैसे किसी ने इसको एक फिल्म के सेट के तौर पर खड़ा कर दिया है. पहाड़, झीलें, यहां तक कि ठहरे पल, इसका हर फ्रेम सिनेमाटिक है. यहां एक ऐसी शांति पसरी है जिसकी ऊर्जा यहां से प्रस्थान के बाद भी आपके साथ बनी रहती है.
• आदर्श घुमक्कड़ी का आपका आइडिया?
कोई ऐसी जगह जहां मैं चैन से सांस ले सकूं—कोई शांत समुद्रतट, पहाड़ी कस्बा या कोई खास किस्म का छोटा-सा शहर. बढ़िया मौसम, उम्दा खाना, अच्छी-सी वॉक और कोई तनाव नहीं. आदर्श तो यही है. ऐसी जगह पर अच्छा खाना सोने पे सुहागा.
• मॉनसून में सफर के बारे में आपकी क्या राय है?
मॉनसून में सफर का अपना आकर्षण है. या तो मैं कुर्ग का रास्ता पकड़ूंगा या फिर रिमझिम बारिश में न्यूजीलैंड के ग्लेनोर्की में ड्राइव का मजा लूंगा. वह रास्ता वैसे ही गजब का है और मैं तो कल्पना कर सकता हूं कि घुमड़ते बादलों के बीच वह नजारा कितना जादुई होगा. यह ऐसा मौसम है जिसमें आप किसी खिड़की के पास बैठ कुछ गर्मागरम पीते हुए बाहर की दुनिया निहारते रहना चाहते हैं.
• क्या इसका मतलब यह है कि अपने सफर के दौरान आप खाने-पीने में एक्सपेरिमेंट करना पसंद करते हैं?
एकदम. मेरी कुछ पसंदीदा यादें छोटे फूड जॉइंट्स या लोकल स्ट्रीट फूड स्टॉल्स से जुड़ी हैं. सिंगापुर में एशिया भर के फ्लेवर्स से लेकर भारत में तटवर्ती इलाकों की करीब, हर जगह से मैंने आइडियाज लिए हैं. इन्हीं में से तमाम चीजों को गुरुग्राम के मेरे रेस्तरां कोका में जगह मिली है. हमने लोकल फूड को लेकर उसकी आत्मा बरकरार रखते हुए उसको ग्लोबल टच दिया. यात्राओं ने मुझे सिखाया कि भोजन का वास्ता सिर्फ स्वाद से नहीं बल्कि इससे भी है कि आपको एहसास क्या मिलता है.
• हिंदुस्तान में ऐसी कोई जगह जहां आप कभी भी जाना चाहें?
बिलाशक, गोवा. तफरीह और मौज के लिए मैं वहीं जाता हूं. कोई प्रेशर नहीं, कोई शेड्यूल नहीं. उम्दा खाना, समंदर का किनारा और धीमी रफ्तार—सब मेरे मन मुताबिक. चाहे मुझे ब्रेक के लिए अकेले आना हो या फिर फैमिली और फ्रेंड्स के साथ क्वालिटी टाइम बिताने, गोवा का कोई जवाब नहीं.