● मर्डर मिस्ट्री कैसी ये पहेली में आप बंगाली डिटेक्टिव बने हैं. तीन दशक पहले के आपके चर्चित किरदार ब्योमकेश बख्शी से इसकी तुलना किस तरह से करेंगे?
यह एक नया अप्रोच है. ब्योमकेश से अलग तरह का है यह जासूस. वह तो एक आम आदमी था. यह बंदा तो नौकरशाह किस्म का डिटेक्टिव है जो सरकारी हलके का अभिन्न हिस्सा है. इसीलिए तो मैं करने को राजी हुआ कि इसमें पहले वाली बनी इमेज तोड़ने का मौका मिलेगा.
● पिछले साल आपने सरदार: द गेम चेंजर के जरिए टेलीविजन पर वापसी की. टीवी पर वापसी के पीछे क्या वजह रही?
इसमें तो सरदार पटेल का किरदार करने का एक चैलेंज और मौका था. गांधी, नेहरू और मोदी के रोल किए थे तो लोग अक्सर पूछते रहते थे कि सरदार पटेल का रोल कब कर रहे हो? ऐसे में जब यह मौका आया तो मैंने खुद से कहा कि मुझे यह करना है जिससे कि इस शख्सियत के बारे में भी मैं अपनी समझ दुरुस्त कर सकूं.
● क्या अब आप कुछ निर्देशित करने की ताक में हैं?
मैं बिल्कुल करना चाहूंगा, चाहे स्टेज के लिए या फिर किसी ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए. पर मैं एक ऐसे टेक्स्ट की तलाश में हूं जो रातों की मेरी नींद हराम कर दे.
वह मेरी खोपड़ी घुमाकर रख दे जिससे कि मैं उसे करने के लिए मजबूर हो जाऊं. दस साल पहले यह ज्यादा आसान रहा होता पर आज मुझमें सब्र थोड़ा कम है. अब जो होगा सो देखा जाएगा.
● आप यही कोई चार दशक से अभिनय करते आ रहे हैं. एक ऐसे अभिनेता के लिए जो इतने माध्यमों और किरदारों से गुजर चुका हो, कोई स्क्रिप्ट उसे कैसे आकर्षित करती है?
यह मुझे थोड़ा पुश करे या रोमांचित करे. मैं जिनके साथ काम कर रहा हूं वे भी मुझे वह धक्का या रोमांच दे सकते हैं. या फिर ऐसा कुछ उस रोल में हो जिसको मुझे निभाना है.
अगर ऐसा कोई रोल है जिसे मैंने पहले कभी किया नहीं है या जो बतौर ऐक्टर मुझे खुद पर जोर डालने के लिए थोड़ा मजबूर करे तो इससे मैं निश्चित रूप से रोमांचित होता हूं.
—दीपाली धींगरा.