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"भूलभुलैया 3 में एंटरटेनमेंट लेवल बढ़ाने में खूब मेहनत हुई है"

नो एंट्री, वेलकम, भूलभुलैया 2 जैसी शानदार कॉमेडी फिल्में बना चुके राइटर और डायरेक्टर अनीस बज़्मी अपनी नई फिल्म भुलभुलैया 3 के साथ दर्शकों के बीच वापसी कर रहे हैं. उनकी यह फिल्म 1 नवंबर को रिलीज होगी. इस फिल्म और अपने अनुभव के बारे में उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत की. पेश है उसके संपादित अंश:

अनीस बज़्मी, राइटर और डायरेक्टर
अनीस बज़्मी, राइटर और डायरेक्टर
अपडेटेड 29 अक्टूबर , 2024

भूलभुलैया 2 से कितनी और कैसे अलग है भूलभुलैया 3?

भूलभुलैया 2 से ज्यादा मजा इसमें आने वाला है. वह फिल्म तो कोविड में आई थी, उसके बाद भी देखने वालों ने उसे भरपूर प्यार दिया था. तो अब लेवल बढ़ना ही था. लेवल बढ़ाने में खूब मेहनत हुई है. इसका शूट उससे बड़ा और मुश्किल था इसलिए हमने इस पर बहुत काम किया है. पहले वाली के मुकाबले इसके सेट बड़े थे और स्पेशल इफेक्टस का काम ज्यादा था. हमने हर लेवल पर भूलभुलैया 2 से काफी बड़ी फिल्म बनाई है. हालांकि ये सब तो तकनीकी बातें हैं. असल तो है एंटरटेनमेंट.

भुलभुलैया 2 की सफलता को देखते हुए इसके तीसरे पार्ट को बनाने को लेकर प्रेशर था?

प्रेशर तो रहता ही है. मुझे लगता है कि फिल्म बनाना अपने आप में प्रेशर वाला काम है. अगर पहली फिल्म बना रहे हैं तो भी मुझे लगता है कि प्रेशर अपना खुद का भी होता है. आपने पीछे कुछ काम ऐसा किया है जिसे लोगों ने सराहा है, लोगों को पसंद आया है. तब आप उस उम्मीद में रहते हैं कि यार, ऐसा काम करना है कि लोगों का वही प्यार और मोहब्बत मिले, जो मिलता रहा है. तो उसके लिए अलग उतनी मेहनत करनी पड़ती है.

स्त्री और स्त्री 2 जैसी फिल्मों से अब डायरेक्टर 'यूनिवर्स' बना रहे हैं. आपने कभी 'भूलभुलैया यूनिवर्स' के बारे में सोचा?

वो मैंने कभी नहीं सोचा. मैं सोचने वाला आदमी हूं ही नहीं. मेरा मानना है कि बहुत लंबी-चौड़ी प्लानिंग करने का कोई फायदा नहीं. कल के बारे में सोचकर आज का काम काहे को खराब करें. इसलिए मैं आज में भरोसा करता हूं. जो करता हूं पूरे मन से करता हूं. जो आज हो जा रहा है, वही सच है. रेस्ट इज अप-कमिंग.

● सिटकॉम (सिचुएशनल कॉमेडी) के मामले में बॉलीवुड में ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्मों के बाद एक गैप नजर आता है. आपकी फिल्में उस गैप को काफी हद तक भरती नजर आती हैं. क्या सिटकॉम आपका पसंदीदा जॉनर है?

मुझे पर्सनली लगता है कि मैंने सभी जॉनर की फिल्में बनाई हैं. मुझे कॉमेडी फिल्म लिखना मुश्किल लगता है क्योंकि यह बहुत मुश्किल जॉनर है. लोगों को उस तरह से हंसाना, तो उसके भी शॉर्ट कट तरीके होते हैं कि थोड़े डबल मीनिंग डायलॉग हों, थोड़ा मसखरापन हो. तो शायद ये उतना कामयाब नहीं हो पाती. सिटकॉम लिखना भी मुश्किल होता है, और उसको बनाना भी बहुत मुश्किल होता है. 

जहां तक ऋषि जी की बात है, वे तो बहुत बड़े डायरेक्टर थे. अच्छी-अच्छी खूबसूरत फिल्में बनाई उन्होंने. और लोगों की तरह हम भी उनके फैन हैं. कॉमेडी में तो उनका कोई हाथ ही नहीं पकड़ सकता. बहुत सादगी से वे फिल्में बनाते थे. उनकी सबसे अच्छी बात मुझे लगती थी कि वे जबरदस्ती कॉमेडी क्रिएट करने की कोशिश नहीं करते थे. यही बड़े लोगों का काम देख-देख के थोड़ा सीखने की कोशिश की है. मुझे पर्सनली लगता है कि 'कॉमेडी इज अ सीरिअस बिजनेस' (कॉमेडी बहुत संजीदा चीज है).

● वेलकम में संजीदा मिजाज के नाना पाटेकर और हरफनमौला अनिल कपूर को साथ लाना एक यूनीक आइडिया लगता है. क्या आपको अंदाजा था कि 'नॉर्थ पोल' और 'साउथ पोल' मिलकर कॉमेडी का एक नया खुमार पैदा कर देंगे?

मुझे पर्सनली लगता था कि नाना जी जिस दिन भी कॉमेडी करेंगे, बहुत आलीशान कॉमेडी करेंगे. जहां तक अनिल जी का ताल्लुक है, उनके साथ बहुत-सी फिल्में की हैं मैंने. मुझे लगा कि ये कॉम्बिनेशन बहुत कमाल होगा, अगर ये दो लोग, जो दोनों बेस्ट फ्रेंड हैं, फिल्म के अंदर होंगे तो बहुत कमाल करेंगे. दोनों ने उस फिल्म में लाजवाब काम किया है. 

● नाना पाटेकर ने दी लल्लनटॉप के एक इंटरव्यू में कहा था कि जब उन्हें वेलकम के लिए शुरू में अप्रोच किया गया तो उन्होंने मना कर दिया था?

नहीं, थोड़े डिफिकल्ट तो हैं ही न वो. मैंने भी सुन तो रखा था. लेकिन मैंने सोचा कि वे बहुत अच्छे होंगे इस फिल्म के लिए, तो मैंने फोन किया उनको. वे मिले मुझे, पर वे सुनने के लिए तैयार ही नहीं थे, बोले कि मुझे कहानी नहीं सुननी है अनीस... तुम अपनी मां की कसम खाओ और बताओ कि ये मेरे लिए अच्छा होगा. मैंने बोला, अरे सर! मैं आपको पूरा सुना देता हूं. वे अच्छे मूड में बैठे हुए थे, बोले कि मुझे कितनी देर में सुनाओगे. मैं बोला कि आपके पास कितना वक्त है. ये कहानी मैं आपको तीन मिनट में सुना सकता हूं, तीस मिनट में सुना सकता हूं और अगर आपके पास वक्त है तो तीन घंटे में सुना सकता हूं.

उन्होंने बोला कि आप मुझे तीन घंटे में सुनाइए. मैंने उनको पूरी कहानी सुनानी शुरू की. मैं नॉर्मली पढ़ता नहीं हूं, न ही मैं लैपटॉप में देखता हूं. मैं सिर्फ नैरेट करता हूं. मैंने तीन घंटा नैरेट किया. वे खड़े हुए. गले मिले. बहुत खुश हो गए. उन्हें स्क्रिप्ट बहुत अच्छी लगी, अपना रोल भी. 

राइटर अनीस बज़्मी का डायरेक्टर अनीस बज़्मी के काम में दखल रहता है?

डायरेक्टर होने से पहले मैं राइटर हूं. और कॉमेडी बहुत संजीदा काम है. कॉमेडी फिल्म लिखने में बहुत मेहनत और संजीदगी लगती है, तो मेरे भीतर का राइटर नैरेशन को लेकर हमेशा चौकस रहता है. पूरी कोशिश होती है कि दर्शकों तक जो भी चीज पहुंचे उस पर भरपूर मेहनत की हुई हो. आप अपनी तरफ से काम मेहनत से करें यह जरूरी है. बाकी आपकी किस्मत.

● पंद्रह बीस साल पहले जो जोक्स लिखे जाते थे, इंटरनेट क्रांति के बाद आज उन्हें असंवेदनशील करार दे दिया जाता है. ऐसे में अभी फिल्में लिखते समय आप सेल्फ सेंसरशिप की प्रैक्टिस करते हैं?

हां, ये होता ही है. अभी ज्यादा सेंसिटिव हो गया है मामला.  किसी भी बात पर कोई भी आदमी नाराज हो सकता है. लेकिन मुझे लगता है कि उन लोगों को कोई तकलीफ नहीं पहुंचा सकता जो जानबूझकर किसी को दुख नहीं पहुंचाना चाहते. लेकिन अच्छा मकसद होने के बावजूद अगर कोई हर्ट हो, तो फिर क्या किया जा सकता है! पूरी दुनिया को खुश करना तो संभव ही नहीं है. यह काम तो ऊपरवाला भी नहीं कर सका. हमारी कोशिश है नाखुश लोगों की कम से कम तादाद हो और बड़ी तादाद हो हमें प्यार करने वालों की. 

● कभी भविष्य में अजय देवगन के साथ कॉमेडी फिल्में बनाएंगे?

बिल्कुल. अजय से दोस्ती भी बहुत है. हमारा मिलना-जुलना होता है. और मुझे लगता है कि जिस तरह मैं उनके साथ काम करना चाहता हूं, वे भी बहुत चाहते हैं कि हम लोग साथ में मिलकर काम करें. जिस दिन ऐसा लगा कि अजय के लिए अमुक कहानी बहुत अच्छी है, मैं उनके यहां जाऊंगा और जिस तरह हमारे बीच दोस्ताना ताल्लुकात है, और हमारे बीच प्यार मोहब्बत है. वे कहेंगे, हां चलो शुरू करते हैं. 

● खाली समय में अनीस बज्मी क्या करते हैं ?

खाली समय बहुत कम मिलता है मुझे. लेकिन मैं फिल्में ही देखता रहता हूं न सिर्फ यहां की, बल्कि दुनिया भर की. शौक कहिए या पैशन, मेरा एक ही है - फिल्म, फिल्म, फिल्म और सिर्फ फिल्म. (इसी क्रम में उन्होंने आगे बताया कि वे लोगों के नाम भूल जाते हैं. बकौल बज्मी, लोगों को एक शिकायत रहती है कि मैं उनके नाम भूल जाता है. जैसे मैं अभी एक फंक्शन में था और मैं वहां अपने हीरो का नाम भूल गया. उस हीरो ने कहा कि हां मुझे मालूम है कि ये आपकी प्रॉब्लम है.)

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