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"कई इन्वेंशन किए कल्कि के लिए"

डायरेक्टर नाग अश्विन ने अपनी फिल्म कल्कि 2898 एडी, इसमें किए गए इन्वेंशन और महाभारत की किस्सागोई पर इंडिया टुडे से दिलचस्प बातचीत की. पेश है उसके संपादित अंश

नाग अश्विन, डायरेक्टर
नाग अश्विन, डायरेक्टर
अपडेटेड 22 जुलाई , 2024

डिस्टोपिया (एक नष्ट, भयावह भविष्य) को हमने चिल्ड्रेन ऑफ मेन, ब्लेड रनर, मैड मैक्स, ड्यून जैसी पश्चिमी फिल्मों में देखा है. भारतीय कथाओं में यह नहीं रहा है. कल्कि 2898 एडी में क्यों रखा इसे?

अखबारों में बाढ़ के हालात पढ़ने को मिलते ही हैं. पॉल्यूशन है. फर्टिलिटी की समस्या है. कलियुग के बहुत से लक्षण तो दिख चुके 2024 में ही. मन में था कि 2898 में और क्या सोच सकता हूं. इसे डिस्टोपिया कह लें पर यह हमारे पुराणों में पहले से है कि दुनिया ऐसी होगी, समाज ऐसा होगा.

स्टार वॉर्स, अवतार और बाहुबली के निर्माताओं की तरह कल्कि 2898 एडी में आपको कितना इन्वेंटिव होना पड़ा?

भैरवा (प्रभास) की कार बुज्जी बेशक एक इन्वेंशन ही था. और भी नवाचार करने पड़े. जैसे आठ फुट के अमिताभ बच्चन को साढ़े छह फुट के प्रभास के साथ फाइट करवाने के दृश्य. बहुत-से स्टंट एक्टर्स को एक सीन में मिलाना ट्रायल ऐंड एरर जैसा था. अमिताभ के युवा स्वरूप के लिए कई टेक्नोलॉजी ट्राइ की. नए डिजाइन का ऑटो बनाया.

कहानी लिखते हुए क्या सोचते हैं?

कहानी लिखते वक्त मेरे दो प्रश्न होते हैं. एक, इसका उद्देश्य क्या है? फिल्म तो बनानी है. यह आजीविका है. पर उद्देश्य है? कुछ तो होना होगा उससे ज्यादा. दूसरे अगर यह मेरी आखिरी फिल्म हुई तो मैं कौन-सी कहानी चुनूंगा. फिल्म बनाना लंबी प्रक्रिया है. बहुत ऊर्जा, निवेश लगता है. लोगों का समय और जीवन इन्वेस्ट होता है.

महाभारत पहली बार पढ़ी तो क्या प्रतिक्रिया हुई?

सोचा कि मैं क्या फर्जी लिख रहा हूं! हजारों साल पहले इतनी गहराई से इसे लिखा गया. इतनी सुंदरता से हर पात्र का उद्देश्य और कर्म वर्णित है. कितना भी सेकंड्री कैरेक्टर हो, उसका भी उतना ही बिल्ड-अप, जैसा राजमौलि सर के पात्रों का होता है. अंतरराष्ट्रीय शो/सीरीज में कहानी की अधिकतम तीन परत होती है. महाभारत में 10-15 परतें रहती हैं.

पर महाभारत की कथा में गलत पक्ष के साथ खड़े कर्ण और अश्वत्थामा कल्कि मूवीज के नायक होंगे, इसे लेकर कोई दुविधा नहीं हुई?

दोनों के पाप की सजा उन्हें मिल गई. यह एक नया युग है. पौराणिक कथाओं में राक्षसों का उद्धार होता है न! रामायण में राम ने किया. महाभारत में अर्जुन से बात करते हुए कृष्ण भी कर्ण और अश्वत्थामा की प्रशंसा करते हैं.

- गजेंद्र सिंह भाटी

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