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"मैं एक घनघोर यायावर हूं"

इटली के वेनिस में बिनाले कला प्रदर्शनी पर्सनल स्ट्रक्चर्स में कलाकार परेश मैती की कृति इंस्टालेशन जेनेसिस की प्रदर्शनी. इस बारे में उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत में क्या बताया

परेश मैती, भारतीय चित्रकार
परेश मैती, भारतीय चित्रकार
अपडेटेड 8 जुलाई , 2024

● वेनिस के मरीनारेसा गार्डन्स में लगा आपका मूर्तिशिल्प आखिर है क्या?

वेनिस में दिखाया जा रहा मूर्तिशिल्प जेनेसिस इस सतत् परिवर्तनशील दुनिया में जीवन और उसमें संतुलन की अवधारणा को टटोलता है. यह बताता है कि जहां हर तरह की सीमाएं हट जाती हैं वहां ऊर्जा के तमाम प्रकार लय-ताल में आ जाते हैं और दुनिया हर तरह के विकास के एक समतल धरातल बन जाती है.

इसके पीछे की प्रेरणा क्या थी?

जेनेसिस की कल्पना मैंने इस ब्रह्मांड की उत्पत्ति के रूप में की है. यानी कि इस पूरी दुनिया का सृजन और फिर उसका विकास. मूर्तिशिल्प के मुख्य कॉन्सेप्चुअल फ्रेमवर्क की जड़ है एक समन्वित दुनिया. और इसकी जड़ में है सामाजिक संतुलन. इस प्रदर्शनी के लिए इसको यही कोई साल भर में विकसित किया. इसे पूरी तरह से तांबे में ढाला गया है.

वेनिस में अपना काम प्रदर्शित कर कैसा महसूस हो रहा है?

मुझे बेहद खुशी है कि यूरोपियन कल्चरल सेंटर ने वेनिस में पर्सनल स्ट्रक्चर्स नाम की प्रदर्शनी का हिस्सा बनकर मुझे अपना मूर्तिशिल्प प्रदर्शित करने और अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए बुलाया. भारत एक बेहद संपन्न सांस्कृतिक विरासत वाला मुल्क है. मेरा पक्का विश्वास है कि इस तरह के आर्ट प्लेटफॉर्म्स पर भारतीय कला को प्रतिनिधित्व मिलने से सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा और दुनिया के नक्शे पर भारत का महत्व बढ़ेगा.

अपनी कृति के दूसरे आयामों के बारे में जरा कुछ बताइए. और आपकी अगली कृति क्या होगी?

मैं एक घनघोर यायावर हूं और मेरे काम में मेरी उन यात्राओं के खूब ब्यौरे होते हैं. फैले पहाड़ों, बनारस के पवित्र घाटों और वेनिस के खूबसूरत लगून्स पर भटकते हुए मैं प्रेरित होता हूं. यही प्रेरणाएं मेरी कला का हिस्सा बनती हैं. मैं एक एकल शो के लिए काम कर रहा हूं जो कि साल भर बाद होगा. बहरहाल, इस बीच कुछ पब्लिक और आउटडोर प्रोजेक्ट्सू हैं जिन पर मैं काम कर रहा हूं.

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