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"बच्चन साहब, विनोद खन्ना को देखकर ही तो मुझे ऐक्टिंग का कीड़ा काटा"

अपनी ताजा फिल्म 'भैया जी' के साथ अभिनेता मनोज बाजपेयी ने पूरा किया अपने करियर का सौवां प्रोजेक्ट. इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने क्या-क्या बताया

मनोज बाजपेयी, फिल्म अभिनेता
मनोज बाजपेयी, फिल्म अभिनेता
अपडेटेड 12 जून , 2024

भैया जी में आपका लार्जर दैन लाइफ ऐक्शन हीरो वाला अंदाज है.

ग्रो कर रहे हैं. कभी बच्चन साहब, विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा को हैरत भरी नजरों से देखा करता था. वे जिस तरह की फिल्मों में काम कर रहे थे, उन्हें देखकर ही तो मुझे ऐक्टिंग का कीड़ा काटा. मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा जैसे फिल्मकारों ने ऐसी फिल्में बनाईं जिन पर यकीन किया जा सके. हमें उनकी किताबों के पन्नों से कुछ सीख लेनी चाहिए.

फिल्म की परिकल्पना भी आपकी और आप प्रोड्यूसर भी हैं.

मैं स्वतंत्र रूप से एक फिल्म लिखना चाहता था पर डायरेक्टर अपूर्व सिंह कार्की ने यह आइडिया झपट लिया. इसमें धुंधले अतीत वाला एक बंदा शांति से लाइफ जी रहा है कि तभी प्रतिशोध शुरू हो जाता है. अपूर्व ने ट्रेलर के फाइनल कट में देसी सुपरस्टार का जुमला इस्तेमाल किया है. पसंदीदा तेलुगु फिल्मों को याद करने का यह उनका अंदाज है.

इंडस्ट्री में 30 साल पूरे करते हुए यह आपका 100वां प्रोजेक्ट है. इसके साथ क्या आप खुद को नए ढंग से पेश कर रहे हैं?

दरअसल, मैं खुद को अपने कंफर्ट जोन से बाहर लाने के लिए अपने पर जोर डाल रहा था. इसमें मेरी पूरी देह टूट गई. गले में अब भी दर्द है और घुटने अभी तक ठीक नहीं हुए हैं. ऐक्शन डायरेक्टर डिमांडिंग थे. उन्होंने कहा कि मैंने अगर किया तो दर्शक पहली बार मुझे स्टंट करते हुए देखेंगे.

इतने लंबे समय से टिके रहने का राज किसे मानते हैं?

इस बात से सुकून महसूस होता है कि अपनी की हुई फिल्मों की गिनती में उलझने की बजाए अपना काम करके आगे बढ़ जाना आता है. मैं डायरेक्टर्स की नई जेनरेशन के साथ काम कर रहा हूं. वे मेरी इज्जत करते हैं पर साथ ही वे मुझे अलग चश्मे से देखते हैं. मैं उनके नजरिए को समझने की कोशिश करके उसे अपनाता हूं क्योंकि उससे मैं भी ग्रो करता हूं. 

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