बॉबी देओल ओटीटी पर अपने आगाज, सिनेमा में 25 साल पूरे होने, वापसी करने और राजनीति में जाने के विकल्प पर
क्लास ऑफ ’83 और आश्रम के रूप में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आगे-पीछे आपके दो काम आए. इस माध्यम ने आपको फिर से खुद को तलाशने में मदद की है?
बेशक. इस तरह के ऑफर मेरे पास पहले कभी आए ही नहीं. निर्माताओं को जब मैंने कहा कि उनका मेरे पास आना मुझे अच्छा लगा, तो वे बोले कि उन्हें पता ही नहीं था, मैं इस तरह के रोल्स की तलाश में हूं. मैं 50 का हूं और जिंदगी के इस मोड़ पर मैं ऐसे किरदार निभाना चाहता हूं जो मुझे मेरे कंफर्ट जोन से बाहर ले जाएं.
2020 में आपने सिनेमा में अपने 25 साल पूरे कर लिए. आपका जैसा सफर रहा है, उससे आप संतुष्ट हैं?
मुझे नहीं लगता कि मैं अपना बेस्ट दे पाया.पीछे मुड़कर अपना करियर देखने वाले हर किसी को यही लगता है कि वे इससे बेहतर कर सकते थे. मुझे लगता है, काश! मैं थोड़ा और फोकस के साथ काम करता.
करीब चार साल से आप सिनेमा में दिखे नहीं...
यूं कहें कि मैं जिंदगी के अंधेरे दौर से गुजर रहा था. अपनी पसंद का काम न मिलने की वजह से मैंने हथियार डाल दिए थे. मैं कुछ दूसरी चीजों में लग गया जहां से सिनेमाई दुनिया की चीजें साफ दिखनी बंद हो गईं.
दो-एक साल बाद मैंने देखा कि मेरा परिवार मेरे साथ सहानुभूति जताने लगा है. उसी बीच किसी मौके पर मेरे भीतर कुछ खटका. मैंने तय किया कि अब से अपना ख्याल रखूंगा और जो भी उम्दा हो सकेगा, करूंगा. मुझे अपना नजरिया बदलना है और ठोस ढंग से कुछ काम करना है.
अपने पापा और भैया की तरह क्या आप भी सियासत की ओर जाना चाहेंगे?
मैंने इस बारे में कभी सोचा नहीं. पर इस तरह से तो भैया या पापा ने भी नहीं सोचा था. तो इस वक्त तो उधर मेरा कोई रुझान नहीं है. लेकिन कल का क्या कहा जा सकता है?