● आपकी पिछली फिल्म 2015 में आई थी. उसके बाद कहां गायब हो गई थीं आप?
मैं आनंद की एक अलग ही दुनिया में गोते लगा रही थी, शादी के साढ़े चार साल बाद भी, नवब्याहता की तरह. पर पिछले साल बच्चन साहब ने अपनी दीवाली पार्टी में मुझसे पूछा कि ''काम क्यों नहीं कर रही हो?’’ उन्होंने मेरे पति की ओर देखा तो उनका जवाब था कि फैसला इनका है. बतौर मॉडल 15 की उम्र में मैंने काम शुरू कर दिया था, 19 में ऐक्टिंग. पिछले कुछ साल मैंने पैरेंट्स और बहनों के साथ बिताए, जिसका मौका पहले कभी नहीं मिल पाया था.
● अगले साल सिनेमा में आपको 20 साल पूरे हो जाएंगे. अपने सफर को किस तरह से देखती हैं?
मैं खुश हूं और मुझे खुद पर फख्र है. ऐक्टिंग के लिए शुरू से आज तक मैंने किसी तरह का समझौता नहीं किया. वही किया जिसमें मुझे अच्छा लगा. बेशक, कुछ कूड़ा फिल्में भी कीं लेकिन उन्हें करते हुए भी अलग तरह का मजा आया. कोई भी हर वक्त सही फैसले कहां कर पाता है! शो बिजनेस में कोई सेट पैटर्न नहीं होता.
● आप एक 'बाहरी’ के रूप में आईं और छा गईं. बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर चली बहस को लेकर आपकी क्या राय बनीं?
अपने सफर के लिए आदमी खुद जिम्मेदार होता है. बाहर से तमाम लोग आए जिन्होंने अच्छा-खासा नाम कमाया...ऐसे ही कई स्टार संतानें भी हैं जिन्हें लॉन्च किया गया लेकिन आज वे सीन में कहीं नहीं हैं. बाहरी के रूप में न तो हम सताए हुए हो सकते हैं, न ही स्टार संतानों को अपराधबोध में रहने की जरूरत है क्योंकि पैदा होने के बारे में किसी का वश तो है नहीं. आखिरी फैसला हमेशा ऑडिएंस ही करती है.
● ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आप एमएक्स प्लेयर पर डैंजरस के साथ आगाज कर रही हैं, जिसमें आपके शौहर भी हैं. मौज भरी छुट्टियों से निकलने का फैसला किस तरह किया?
शादी के बाद मैंने सोच-समझकर फैसला किया था कि हम साथ काम नहीं करेंगे क्योंकि मैं काम की जगह पर एक कपल वाला बोझ लादकर नहीं रहना चाहती थी. पर उनके साइन करने के बाद मुझे भी स्क्रिप्ट पसंद आई. मैं तो द फॉल, ब्रॉडचर्च और किलिंग इव जैसे इनवेस्टिगेटिव थ्रिलर्स और उसके स्त्री डिटेक्टिव किरदारों की बड़ी फैन रही हूं. यह रोल उसी राह में एक कदम था.
—सुहानी सिंह