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सिनेमाः कलाकार का विवेक

रिचा चड्ढा जल्द ही इनसाइड एज के दूसरे सीजन में नजर आने वाली हैं, मगर इन दिनों वे परदे से इतर ज्यादा भूमिकाएं निभा रही हैं

बंदीप सिंह
बंदीप सिंह
अपडेटेड 4 दिसंबर , 2019

 इनसाइड एज में आप जरीना बनी हैं. सीजन दो में उसके पूरे किरदार के बारे में हमें बताइए.

पहले सीजन में वह असुरक्षित और मुसीबतजदा थी और आखिर में शर्मिंदगी झेलती है. सीजन दो में उसके किरदार में एक और परत जुड़ती है. आदमियों के हाथों छले जाने से आजिज आकर वह सत्ता और ताकत की तरफ आकर्षित होती है. यह स्वाभाविक विकास है. मैंने जरीना पर कोई फैसला नहीं दिया. अगर बुराई उसे लुभाती है, तो यही सही.

अमेजन प्राइम के वन माइक स्टैंड में आपने कहा, आप हर साल कुछ ऐसा करती हैं जो आपको डराता है. तो 2020 में आप क्या करने जा रही हैं?

मैं 2012 से लगातार काम कर रही हूं. मैं पिछले दो साल में जाकर व्यवस्थित हुई और भीतर के कलाकार को खोजने का फैसला किया. 2017 में मैंने एक किताब लिखनी शुरू की, कैमरा खरीदा, स्केच बनाना और हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन सीखना शुरू किया था. अगले साल मैं महिला राइडरों के एक ग्रुप के साथ बाइक राइडिंग पर जाना चाहती हूं और किताब पूरी करना चाहती हूं.

सोशल मीडिया पर आप भारत के सामाजिक-राजनैतिक मामलों पर दोटूक बोलती हैं. नतीजों की फिक्र नहीं होती?

ऐसे देखिए, मैं तो मानवता और तर्क की तरफ होती हूं. बहुसंख्यक तबका अपनी पसंद से कुछ भी कर सकता है. पर ऐसे लोग भी हमेशा होंगे ही जो धारा के विपरीत चलेंगे. कलाकार किसी समाज का नैतिक विवेक होते हैं. अगर शांति और संग-साथ की वकालत करना बुरी बात है, तो फिर तो दुनिया के साथ ही कुछ गड़बड़ है.

मैं टैक्सपेयर हूं और चाहूंगी कि मेरा पैसा एक और स्मारक बनाने या भड़कीले आयोजन करने की बजाए शिक्षा पर खर्च हो.

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