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बातीचीतः स्टेडियम में मैच देखें

भैयाजी सुपरहिट, पति, क्रिकेट में आने का मकसद, युवराज के साथ अफवाह, महिला आइपीएल टीम पर

प्रीति जिंटा
प्रीति जिंटा
अपडेटेड 17 अक्टूबर , 2018

लंबे समय के बाद भैयाजी सुपरहिट से वापसी क्यों?

मैंने तो फिल्मों में काम करना तकरीबन छोड़ ही दिया था क्योंकि मैं क्रिकेट में व्यस्त हो गई. इसमें मेरा बड़ा फाइनेंशियल इनवेस्टमेंट है. अचानक एक दिन सनी सर का फोन आया कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ लो. मैंने उनको मना किया. नहीं माने तो स्क्रिप्ट पढ़ ली. बाद में सपना दुबे का किरदार करने के लिए तैयार हो गई. यह यूपी बेस्ड कैरक्टर है और मजेदार है.

आपके पति को आपका फिल्मों में काम करना पसंद है?

वे सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में हैं. इंडिया से उनके पास कई फोन आते थे कि हम आपकी पत्नी के फैन हैं. उनकी ऐक्टिंग गजब की है. उन्हें फिल्मों में काम करते देखना चाहते हैं. इसके बाद उन्होंने कहा कि लोग आपको इतना ज्यादा पसंद करते हैं तो अमेरिका से इंडिया जाकर फिल्मों में काम कीजिए. उन्होंने इस तरह से मुझे दोबारा फिल्मों में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया.

भैयाजी सुपरहिट के बाद क्या?

दो और फिल्मों में काम करने जा रही हूं जिसमें एक थ्रिलर है. एक डायरेक्टर तो खुशी में सबसे महंगे होटल में शराब पीने चला गया क्योंकि मैंने उनकी फिल्म में काम करने के लिए हां कर दी.

जिस मकसद से क्रिकेट में गईं क्या वह पूरा हुआ?  

बिलियन डॉलर कंपनी चला रही हूं. मुझ जैसी छोटे शहर की लड़की बोल सकती है कि बिना कोई उलटे काम किए मैं बिलियन डॉलर की कंपनी चला रही हूं. यह मेरे लिए सक्सेस ही तो है.

यह भी कहा गया कि आइपीएल ने एक हीरोइन को बर्बाद कर दिया?

क्रिकेट में आने के बाद शाहरुख खान ने डिस्क्रिमिनेशन फेस नहीं किया. लेकिन मैंने किया. क्योंकि, यह मेल डोमिनेटेड एरिया है. मेरे बारे में निगेटिव बातें की जाने लगीं. युवराज से अफेयर की अफवाहें उड़ाई गई. एक महिला होने के नाते मुझे मानसिक रूप से परेशान किया गया. लेकिन मैं एक फौजी की बेटी हूं इसलिए सबका मुकाबला किया.

अब महिला क्रिकेट टीम को लेकर भी आइपीएल शुरू करने की योजना है. आप कोई टीम खरीदना चाहेंगी?

क्यों नहीं. मुझे महिला टीम से प्यार है. लेकिन मेरे टीम खरीदने से कुछ नहीं होगा. लोगों को मैच देखने के लिए स्टेडियम में आना चाहिए.

आज देश के स्पोर्ट्स की दशा-दिशा के बारे में आपकी क्या राय है?

2008 के बाद इंडिया ने खेल के क्षेत्र में काफी तरक्की की है. देश में पहले क्रिकेट पर ही फोकस था. लेकिन अब कबड्डी लीग, फुटबाल लीग, बैडमिंटन, टेनिस और कुश्ती में भी हमें गोल्ड मेडल मिले हैं. खेल के प्रति लोगों की सोच बदली है. इंडिया का टैलेंट ग्रासरूट पर है सिटी में नहीं है. पृथ्वी शॉ को देखिए, उसने टेस्ट में सेंचुरी मारा है. क्योंकि, वो आइपीएल में खेल रहा है. उसे डर नहीं है. स्पोर्ट्स में अगला दस साल गोल्डन पीरियड है.

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