आइपीएल के अध्यक्ष राजीव शुक्ल ने आजतक चैनल के सीधी बात कार्यक्रम में हेडलाइंस टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल से बातचीत की. पेश हैं, बातचीत के प्रमुख अंश.
तमिलनाडु के दबाव में आइपीएल ने फैसला किया कि श्रीलंका के खिलाड़ी चेन्नै में नहीं खेल पाएंगे. चेन्नै में बैठी जयललिता तय कर रही हैं कि देश की विदेश नीति क्या होगी. पीएम उनके सामने पस्त हैं.
ऐसी बात नहीं है. हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता श्रीलंका के खिलाडिय़ों की सुरक्षा और उसके साथ-साथ तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं का ख्याल रखना थी. दोनों के बीच से रास्ता निकालना था. वही हमने किया.
जनभावना और राजनीति में फर्क होता है.
राजनीति जनभावना से ही उपजती है.
कल शिवसेना बोल दे कि साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी खेलने नहीं आ सकते तो?
कॉन्ट्रेक्ट में लिखा है कि लॉ ऐंड ऑर्डर की समस्या आती है तो आइपीएल गवर्निंग काउंसिल अपना निर्णय ले सकती है. उसी को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया.
अर्जुन रणतुंगे ने कहा कि श्रीलंका के खिलाडिय़ों को जाना ही नहीं चाहिए. वे इसे तौहीन के तौर पर देख रहे हैं.
उन्होंने कहा होगा. श्रीलंकाई बोर्ड ने नहीं कहा.
वो कैसे कहेंगे. बीसीसीआइ से पैसे मिलेंगे तो जबान खामोश हो ही जाएगी.
श्रीलंका का क्रिकेट कौन कंट्रोल करता है?
असल में बीसीसीआइके प्रेसिंडेट चेन्नै से आते हैं. चूंकि उनकी टीम चेन्नै में है. वहां मैच होने से टिकट बिकेंगे. मैच बाहर चले जाने पर माली नुकसान होता है. यही हकीकत है.
चेन्नै के मैच अहमदाबाद में हों तो ज्यादा टिकट बिकेंगे क्योंकि मैच के वक्ïत अहमदाबाद और मुंबई में स्टेडियम भर जाते हैं. पर ये मुद्दा नहीं है. यह दुष्प्रचार और प्रोपैगैंडा है.
मोहिंदर अमरनाथ (पूर्व सेलेक्टर) ने आजतक को दिए इंटरव्यू में कहा कि सेलेक्टर्स धोनी को ड्रॉप करना चाहते थे लेकिन श्रीनिवासन ने करने नहीं दिया.
अमरनाथ जब सेलेक्टर थे और अगर उन्हें लगा कि बीसीसीआइ अध्यक्ष ने कुछ दबाव डाला तो उसी समय बोलना चाहिए था. जब आप हट गए तब उसकी क्या वैल्यू है?
श्रीनिवासन ने माना है कि ऐसा हुआ था.
नहीं, श्रीनिवासन ने कुछ नहीं माना.
सचिन तेंडुलकर को लेकर बीसीसीआइ इतना मेहरबान क्यों हैं? इस वक्त वे कई यंगस्टर्स की जगह घेरे बैठे हैं. आप क्यों नहीं उन्हें बोलते कि हमें फख्र है आप पर लेकिन अब आप रिटायर हो जाइए.
पॉलिसी ये है कि हम किसी प्लेयर को नहीं कह सकते कि आप रिटायर हों. वे ऐसे खिलाड़ी है कि जब उन्हें लगेगा वो 100 फीसदी नहीं दे सकते तो खुद रिटायरमेंट अनाउंस कर देंगे.
आपने नए खिलाडिय़ों को मौका क्यों नहीं दिया?
सचिन के अनुभव की बड़ी जरूरत है. टीम को वे जिस तरह गाइड करते हैं. इसके अलावा वे परफॉर्म भी कर रहे हैं.
कहां परफॉर्म करते हैं? सभी अनुभवी कह रहे हैं कि उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए.
सचिन का रिकॉर्ड पूरी दुनिया ने देखा है. उनका जितना बड़ा रिकॉर्ड है, उतना किसी का नहीं.
पर क्या वे 2015 के वर्ल्ड कप में भी होंगे?
जब तक वे चाहें. रिटायरमेंट कब लेना है, यह सचिन तय करेंगे. सचिन अच्छा खेलते हैं और उनका योगदान बड़ा है.
पूरी बातचीत आप www.aajtak.in/shukla पर जाकर देख सकते हैं.