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बेंगलूरू में हो रहे इस संगीत महोत्सव की इतनी चर्चा क्यों?

बेंगलूरू में हो रहे इकोज ऑफ अर्थ म्यूजिक फेस्टिवल के सातवें संस्करण का लाइनअप जबरदस्त

फ्रेंच 79; हमजा रहीमतुल्ला और दूसरे राजस्थानी लोकगायक
फ्रेंच 79; हमजा रहीमतुल्ला और दूसरे राजस्थानी लोकगायक
अपडेटेड 7 जनवरी , 2025

भारत का यह पहला संगीत महोत्सव है जो सस्टेनेबिलिटी यानी टिकाऊपन पर केंद्रित है: इकोज ऑफ अर्थ. बेंगलूरू में यह इस बार अपने सातवें संस्करण के साथ नुमायां हुआ है. इस महोत्सव की थीम है 'सिम्फनी ऑप सीजंस’, जो विधाओं, शैलियों, वाद्ययंत्रों और सांस्कृतिक प्रभावों के व्यापक मेल की पड़ताल करती है.

स्वॉर्डफिश संस्था के एमडी और इकोज ऑफ अर्थ के फेस्टिवल डायरेक्टर रोशन नेतालकर कहते हैं, "थीम आधारित हिस्सों के जरिए वसंत, ग्रीष्म, वर्षा और शीत ऋतुओं के विभिन्न पहलुओं को जीवंत किया गया है. हमारे यहां पारिस्थितिकी तंत्र और मौसमों के साथ उसके अंतरसंबंध को उभारने वाले आर्ट इंस्टालेशंस भी हैं."

महोत्सव लगातार पांचवें साल केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के साथ मिलकर किया जा रहा है. नेतालकर कहते हैं, "इस सहयोग में नम्मा शिक्षण सरीखी शैक्षणिक पहलकदमियों से सुरुचिपूर्ण रचनाएं की गई हैं. बीआइएएल (बेंगलूरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) में एकत्र 1,500 किलो ई-वेस्ट को फिर से इस्तेमाल के लिए बदलने से लेकर कर्नाटक के जीव-जंतुओं की भरी-पूरी दुनिया के बारे में यात्रियों को शिक्षित करने के लिए आदमकद आर्ट इंस्टालेशंस की स्थापना तक महोत्सव कला की सिम्फनी, टिकाऊपन और सामूहिकता का जश्न मनाता है."

इस साल के महोत्सव का एक और मुख्य आकर्षण सौर ऊर्जा से संचालित बिग ट्री मंच पर गहन दृश्य-श्रव्य अनुभव 'सीजनल साउंडस्कैप’ है. भीड़ से ली गईं विभिन्न ध्वनियों की रिकॉर्डिंग की यह पहल बदलते सीजन—मौसम, कीड़े-मकोड़े, पक्षी और प्राकृतिक चीजों—को दर्ज करती है. इस साल के महोत्सव में अनुभवात्मक कला भी ध्यान आकर्षित करेगी. ततैया और एक सींग वाले गैंडे से लेकर मॉनसून के सरीसृपों तक हर चीज स्थानीय कलाकारों ने हाथ से बनाई है.

2024 के महोत्सव में 50 से ज्यादा कलाकार होंगे, जैसे माउंट किम्बी, यिन यिन, को शिन मून, कोबलस्टोन जैज, किड फ्रांसेस्कोली और तरंग जोसेफ वगैरह. हमजा रहीमतुल्ला और राजस्थान के लोक सितारे इलेक्ट्रॉनिक और जैविक तत्वों को एक छत्र के नीचे एक धागे में पिरोएंगे.

रहीमतुल्ला कहते हैं, "राजस्थानी वाद्यों सरीखे कई जैविक तत्व हाउस बीट के साथ सहजता से घुल-मिलकर संपूर्ण और समृद्ध ध्वनि की रचना करते हैं. खड़ताल, मोरचंग और भपंग सरीखे वाद्य हाउस बीट के डीप बास के अनुपूरक के रूप में खास तौर पर बहुत अच्छा काम करते हैं."

इलेक्ट्रॉनिक संगीत के जादूगर साइमन हेनर उर्फ फ्रेंच 79 भारत में पहली बार प्रस्तुति दे रहे हैं. हेनर कहते हैं, "मैं अपने लाइव सेट को हमेशा भीड़ और अपनी भावनाओं के हिसाब से ढालता हूं...लेकिन मैं मूलत: वही गाने बजाऊंगा जो मेरे टीनेजर्स टुअर का हिस्सा हैं."

—नेहा किरपाल

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