पांच दिसंबर को दुनिया भर में तारीफ पा चुका नाटक लाइफ ऑफ पाइ का मुंबई स्थित नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (एनएमएसीसी) में भारतीय प्रीमियर हुआ. इसका निर्देशन मैक्स वेब्स्टर ने और उपन्यास से मंचीय रूपांतरण लोलिता चक्रवर्ती ने किया है. यान मार्टेल के बुकर प्राइज विजेता उपन्यास के इस मंचीय रूपांतरण ने अपनी लुभावनी कठपुतली कला, नवोन्मेषी सेट डिजाइन और गहन किस्सागोई की बदौलत दुनिया भर के दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है.
यह कहानी 16 वर्षीय पाइ पटेल की है, जो प्रशांत महासागर में एक लाइफबोट पर लकड़बग्घे, ओरंगउटान, जेबरा और रिचर्ड पार्कर नाम के रॉयल बंगाल टाइगर के साथ फंस जाता है. 200 से ज्यादा दिन दिशाहीन इधर-उधर भटकने के बाद पाइ सुंदरता और बर्बरता की बांध लेने वाली कहानी के बीच अपने वजूद, लगन और खुद की खोज की असाधारण यात्रा पर निकल पड़ता है.
दूरदृष्टि संपन्न निर्देशक मैक्स वेबस्टर विजुअल्स से समृद्ध कहानी को मंचित करने की चुनौतियों के बारे में बताते हैं. वे कहते हैं, ''लाइफ ऑफ पाइ की कहानी जिंदा रहने और वजूद बचाने की दिल दहला देने वाली कहानी है, जिसे मंच पर उतारना असंभव मालूम देता है. लेकिन असंभव को मंचित करना मुझे अच्छा लगता है."
इस मंचन का एक मुख्य आकर्षण इसकी सजीव कठपुतली कला है, खासकर जो रिचर्ड पार्कर के लिए किया गया. वेबस्टर बताते हैं, ''इसे शुरू करते वक्त हमें पता नहीं था कि जानवरों को कैसे रचें. लेकिन जब हमारे पपेट डायरेक्टर फिन काल्डवेल और निक बार्न्स ने टाइगर या बाघ की प्रतिकृति बनाई तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा."
जापानी शैली के बुनराकू थिएटर से प्रेरित तकनीक से तीन कठपुतलियों का इस्तेमाल करके बाघ को वास्तविक बनाया गया. वे कहते हैं, "मंचन इतनी बारीकी से कोरियाग्राफ किया गया कि दर्शक विश्वास कर लेते हैं कि वे समुद्र में खोई नाव पर बाघ को देख रहे हैं."
एनएमएसीसी के ग्रैंड थिएटर में मंचित इस नाटक के लिए डोल्बी एटमॉस सराउंड साउंड, स्वारोवस्की क्रिस्टल से सिव संवर्धित बहुआयामी प्रकाश व्यवस्था और शानदार बैठक व्यवस्था सहित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है, जो यह सुनिश्चित करती है कि हर दर्शक को पूरा तमाशा देखने को मिले.
लाइफ ऑफ पाइ ने दुनिया भर में खूब वाहवाही बटोरी है. इनमें पांच ओलिवियर अवार्ड और तीन टोनी अवार्ड शामिल हैं. इसकी सार्वभौमिक थीम दर्शकों के मन को गहराई से छूती है. वेबस्टर कहते हैं, "कहानी रूपकों के लिहाज से खुली है, जो लोगों को अपने साथ अलग-अलग ढंग से जुड़ने का मौका देती है और कई सारी व्याख्याओं को आमंत्रित करती है."
एनएमएसीसी की संस्थापक और चेयरपर्सन नीता मुकेश अंबानी भी भारत में इस नाटक के आने को लेकर खासी उत्साहित हैं. वे बताती हैं कि यह भारतीय और वैश्विक कला को बढ़ावा देने के इस केंद्र के मिशन से पूरी तरह मेल खाता है. उन्हीं के शब्दों में, ''मुझे उम्मीद है कि हमारी जगहें प्रतिभाओं को प्रेरित करेंगी और समुदायों को साथ लाएंगी."
—निखिल सरदाना