साल 2013 में सैंड्रा बुलॉक्स की ग्रेविटी इंटरनेशनल बॉक्स ऑफिस पर कमाई के नए रिकॉर्ड कायम करने वाली फिल्म थी. एंजेलिना जोली सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हीरोइन हैं, जेनिफर लॉरेंस जैसी युवा ऐक्ट्रेस की इंटरनेशनल लेवल पर पहचान है तो 65 वर्षीया मेरिल स्ट्रीप आज भी ऑस्कर की दौड़ में शामिल होने की कुव्वत रखती हैं. यह हॉलीवुड का सीन है.
कुछ समय पहले तक बॉलीवुड में विमेन सेंट्रिक फिल्में या लीड में हीरोइनें असंभव-सी लगती थीं. लेकिन हिंदी सिनेमा करवट ले रहा है.कुछ समय पहले तक बॉलीवुड में विमेन सेंट्रिक फिल्में या लीड में हीरोइनें असंभव-सी लगती थीं. लेकिन हिंदी सिनेमा करवट ले रहा है. बिपाशा बसु ऐसी फिल्में करना चाहती हैं जो औरतों के रोजमर्रा के जीवन में होने वाली घटनाओं से जुड़ी हों.
कंगना रनोट ने भी इरादे साफ कर दिए हैं कि वे मजबूत किरदार वाले ही रोल करेंगी (तनु वेड्स मनु और क्वीन). सोनम कपूर आयशा, रांझणा और अब खूबसूरत जैसी फिल्मों के जरिए यह जाहिर कर ही चुकी हैं कि वे हीरो से पीछे रहने वाली नहीं. इन सब के बीच दीपिका पादुकोण और कटरीना कैफ जैसी हीरोइनें भी हैं जिन्होंने हीरो प्रधान फिल्मों में भी अपनी बराबर की हिस्सेदारी बरकरार रखी है.
आम आदमी के जीवन में कई नए बदलाव हो रहे हैं. टेक्नोलॉजी आ रही है. नई राहें खुल रही हैं. इसी तरह बॉलीवुड की हीरोइनें भी अपना हिस्सा चाहती हैं. इसीलिए हीरोइनों को कैसे रोल करने हैं, इस बारे में वे अब खुलकर बात कर रही हैं. बिपाशा कहती हैं, “मैंने हमेशा वह फिल्म की, जिसे मैं खुद देखना चाहती थी. इस वजह से मेरे कई फैसले गलत हुए तो कई सही भी रहे.”
2014 में अभी साढ़े तीन महीने हैं लेकिन क्वीन, गुलाब गैंग, रिवॉल्वर रानी, मरदानी और मैरी कॉम जैसी फिल्में दिखा चुकी हैं कि अब हीरोइनें हीरो से कम नहीं हैं. ऐसे में हीरोइन शब्द की जगह जल्द ही शीरो (shero) शब्द पॉपुलर हो जाए तो कोई ताज्जुब नहीं होगा.



2014 में अभी साढ़े तीन महीने हैं लेकिन क्वीन, गुलाब गैंग, रिवॉल्वर रानी, मरदानी और मैरी कॉम जैसी फिल्में दिखा चुकी हैं कि अब हीरोइनें हीरो से कम नहीं हैं. ऐसे में हीरोइन शब्द की जगह जल्द ही शीरो (shero) शब्द पॉपुलर हो जाए तो कोई ताज्जुब नहीं होगा.