1.सब के लिए सेहत
योजना आयोग के यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज प्लान के जरिए मौजूदा लागत के एक अंश पर ही हाइ क्वालिटी हेल्थकेयर 2013 में हकीकत में बदल सकती है. 2013 से 2017 के बीच हेल्थकेयर सभी लोगों को उपलब्ध होगी. लेकिन सपने और हकीकत के बीच दूरी बहुत है.
2.जीन थेरेपी
नेत्र विज्ञान में जीन थेरेपी क्लिनिकल ट्रायल से डॉक्टर के पर्चे की ओर बढ़ रही है. बंगलुरू के नारायण नेत्रालय ने शुरुआत कर दी है. 2013 में आंखों से जुड़े जेनेटिक दोषों पर काम होगा: ड्राइ आईज, रेटीना की कोनिंग और रतौंधी से आंखों के कैंसर तक.
3.दिमाग की ताकत
योजना आयोग 2013 से अगले पांच साल के लिए कोग्निटिव साइंस पर इंटर-यूनिवर्सिटी संसाधन केंद्रों के निर्माण को अनिवार्य बनाने जा रहा है. इसके साथ ही न्यूरो साइंस रिसर्च के क्षेत्र में भारत नए युग में कदम रखने को तैयार.
4.दिमाग को खतरा
2013 में न्यूरोलाजिकल दुस्वप्न से भी जूझना होगा: सड़क हादसों से मस्तिष्क में चोट और उम्र बढऩे के साथ स्मृतिलोप और स्ट्रोक के मामले बढ़ेंगे. भारत इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं है.
5.मोबाइल हेल्थ
मोबाइल हेल्थ भविष्य की उम्मीद है. प्राइसवाटरहाउसकूपर्स के 2012 के एक अध्ययन के मुताबिक एमहेल्थ या मोबाइल हेल्थकेयर को अपनाने के मामले में भारत विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में दूसरे स्थान पर है.
उड़ान भरने का समय नई खोजें विज्ञान का चेहरा बदलकर रख देंगी
6.दूसरी दुनिया?
2013 में नासा का केप्लर स्पेस टेलिस्कोप पृथ्वी जैसे और पृथ्वी के आकार के सैकड़ों ग्रहों की खोज का अपना मिशन पूरा कर लेगा. भारत से संबंध? अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी की एस्ट्रोसीस्मोलॉजिस्ट भारत की सरबनी बसु मिशन प्रमुख हैं.
7.सिटिजन साइंस
2012 ने ‘‘सिटिजन साइंस’’ के बीज बोए और 2013 में उसकी फसल कटेगी. भौतिकी, जीव विज्ञान, पर्यावरण और कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों के बड़े वैज्ञानिक प्रोजेक्ट्स में बड़े पैमाने पर आम लोग अपने खाली समय में एक शौक के रूप में वैज्ञानिक अनुसंधान करने में लगे हैं.
8.ग्रेविटी का फायदा
यह फिजिक्स के क्षेत्र की सबसे बड़ी खबर है और भारत इसके लिए शाबाशी का पात्र है: गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज के लिए ए लीगो इंडिया लैबोरेटरी 2013 में काम करने लगेगी. आंध्र प्रदेश-कर्नाटक क्षेत्र में बनने वाले चार किमी लंबे डिटेक्टर पर 29 करोड़ डॉलर की लागत आएगी.
9.नैनो बोनांजा
2012 में सरकार के 1,000 करोड़ रु. की लागत वाले नैनो मिशन के खत्म होने के साथ ही नैनो टेक्नीक के अपने पैरों पर खड़े होने की उम्मीद है. नैनो साइंस संबंधी प्रकाशनों के मामले में भारत का दूसरा स्थान है. उम्मीद है कि पहला नैनो टेक्नोलॉजी पार्क, जो बंगलुरू में 2013 में स्थापित होने वाला है, आइटी क्षेत्र को कड़ी टक्कर देगा.
10.ब्रह्मांड पर नजर
एस्ट्रोनॉमी के लिए समर्पित देश की पहली सैटेलाइट एस्ट्रोसैट 2013 में लॉन्च की जाएगी. यह यूवी रेज़, एक्स-रेज़ और स्पेक्ट्रम के पांच विभिन्न बैंडों में ब्रह्मांड का अवलोकन करेगी.

