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पालोनजी शापूरजी मिस्त्री: भारत का गुमनाम खरबपति

पालोनजी मिस्त्री अपने कंस्ट्रक्शन कारोबार को नया रूप दे रहे हैं, वहीं उनके बेटे साइरस टाटा समूह की अगुआई के लिए तैयार. 2012 में फोर्ब्स  ने उनके पास 53,350 करोड़ रु. की संपदा होने का अनुमान लगाया. इस आधार पर उन्हें पारसी समुदाय का सबसे अमीर और आयरलैंड का सबसे दौलतमंद शख्स माना गया.

पालोनजी मिस्त्री
पालोनजी मिस्त्री
अपडेटेड 19 अगस्त , 2012

पालोनजी मिस्त्री दुनिया के सबसे गुमनाम अरबपति हैं. करीब 10 अरब डॉलर (55,000 करोड़ रुपए) की संपदा वाला यह व्यक्ति आश्चर्यजनक रूप से कहीं दिखाई नहीं देता. उन्हें शायद ही कभी किसी सार्वजनिक जगह पर देखा या सुना जाता है. भारत के सबसे सफल और ताकतवर कारोबारियों में से एक 82 वर्षीय पालोनजी के नियंत्रण में एक ऐसा कंस्ट्रक्शन साम्राज्‍य है जो भारत, पश्चिम एशिया और अफ्रीका तक फैला हुआ है. अपने बेटों के साथ मिलकर उनकी टाटा संस में भी 18.5 फीसदी हिस्सेदारी है.

टाटा संस 100 अरब डॉलर (5,50,000 करोड़ रु.) के टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है. इस तरह मिस्त्री परिवार भारत के सबसे विविध कारोबार समूह का सबसे बड़ा इंडिविजुअल शेयरधारक है.

पालोनजी को टाटा समूह के मुंबई स्थित मुख्यालय बॉम्बे हाउस में, रोब और कौतूहल भरे लहजे में फैंटम के नाम से जाना जाता है. दिसंबर में टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा के रिटायर होने के बाद उनके छोटे बेटे 43 वर्षीय साइरस मिस्त्री के हाथ में गौरवशाली टाटा समूह की कमान होगी.

कंस्ट्रक्शन के दिग्गज पालोनजी वैसे तो एक आयरिश महिला से शादी करने की वजह से आयरलैंड के नागरिक हो गए हैं, लेकिन वे ज्‍यादातर समय भारत में ही मुंबई के वाकव्श्वर में सागर किनारे वाले बंगले में रहते हैं. वर्ष 2012 में फोर्ब्स ने उनके पास 9.7 अरब डॉलर (53,350 करोड़ रु.) की संपदा होने का अनुमान लगाया था. इस आधार पर उन्हें न सिर्फ पारसी समुदाय का सबसे अमीर आदमी बल्कि आयरलैंड का भी सबसे दौलतमंद शख्स माना गया.Palonji

गोदरेज समूह की कंपनियों के चेयरमैन आदि गोदरेज बताते हैं कि पालोनजी की ज्‍यादातर संपदा टाटा समूह में उनकी शेयर होल्डिंग से आती है. एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख याद करते हैं कि किस तरह से पहली बार मिस्त्री परिवार ने टाटा समूह के शेयर खरीदे थे. उन्होंने बताया, ''पालोनजी के पिता टाटा मोटर्स और टाटा स्टील के लिए प्लांट का कंस्ट्रक्शन करते थे. टाटा समूह के पास उन्हें देने के लिए पैसे नहीं थे तो उन्होंने इसकी जगह उनको शेयर दे दिए.'' पालोनजी धीरे-धीरे अपने परिवार की शेयर होल्डिंग बढ़ाते गए. उन्होंने टाटा परिवार के उन सदस्यों के शेयर भी खरीदे जो कारोबार से बाहर निकलना चाहते थे.

वैसे, उनके करीबी लोगों का कहना है कि पालोनजी शापूरजी मिस्त्री एकांतवासी नहीं हैं. पालोनजी से 1968 से ही जुड़ाव रखने वाले चर्चित आर्किटेक्ट हफीज कॉन्ट्रैक्टर कहते हैं, ''मेरे लिए तो वे बहुत ही सुलभ हैं. मैं उन तक कभी भी पहुंच सकता हूं, फोन पर या उनके घर या ऑफिस जाकर. वे हमेशा मेरा स्वागत गर्मजोशी से करते हैं. वे शानदार आदमी हैं. उनका मिजाज दोस्ती निभाने और दूसरे की मदद करने वाला है.'' हालांकि, कॉन्ट्रैक्टर कुछ ही भाग्यशाली लोगों में से हैं जिनकी शापूरजी तक सीधी पहुंच है. 

हाल तक पालोनजी 2.5 अरब डॉलर (13,750 करोड़ रु.) के शापूरजी पालोनजी समूह (एसपीजी) के चेयरमैन हुआ करते थे. उन्होंने इस साल की शुरुआत में यह साम्राज्‍य अपने 48 वर्षीय बड़े बेटे शापूर को सौंप दिया. इस समूह का कारोबार कपड़े से लेकर रियल एस्टेट, हॉस्पिटेलिटी और बिजनेस ऑटोमेशन तक फैला हुआ है. एसपीजी समूह में शापूरजी पालोनजी इंजीनियरिंग ऐंड कंस्ट्रक्शन, एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, फोर्ब्स टेक्सटाइल्स, गोकक टेक्सटाइल्स, यूरेका फोर्ब्स, फोर्ब्स ऐंड कंपनी, एसपी कंस्ट्रक्शन मटीरियल ग्रुप, एसपी रियल एस्टेट और नेक्स्ट जेन जैसी कई कंपनियां शामिल हैं.

पालोनजी एसोसिएटेड सीमेंट कंपनीज (अब एसीसी लिमिटेड) के  चेयरमैन रह चुके हैं और उन्होंने कंपनी की वार्षिक महासभा (एजीएम) की अध्यक्षता की है. इस तरह की एजीएम उनके दुर्लभ सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल हैं. एसीसी और टाटा समूह की फर्मों सहित करीब 1,000 कंपनियों के शेयर रखने वाली एक निवेशक आशालता माहेश्वरी कहती हैं, ''मैंने एसीसी की बैठकों में उनसे बातचीत की है, लेकिन यह काफी पहले की बात है.''

पालोनजी हर चीज को विस्तार से जानना चाहते हैं और वे मूलतः परफेक्‍शनिस्ट हैं. वे परफेक्‍शन के लिए प्रयास करते हैं चाहे इसके लिए खर्च बजट से ज्‍यादा ही क्यों न हो जाए. समूह के लिए फिलहाल आठ प्रोजेक्ट पर काम करने वाले हफीज कॉन्ट्रैक्टर कहते हैं कि पालोनजी का एक सामान्य-सा दर्शन है, ''हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि काम सर्वोत्तम हो क्योंकि हम दोनों का नाम इससे जुड़ा है. हमारे किसी भी प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने से पहले यह उनका एक मानक बयान होता था.''

हफीज कॉन्ट्रैक्टर ने एसपीजी के साथ कई प्रोजेक्ट पर काम किया हैः बंगलुरू में बच्चों के लिए बोर्डिंग स्कूल-सरला बिरला एकेडमी, नागपुर में 'एम्प्रेस सिटी' नाम का एक टाउनशिप प्रोजेक्ट और मुंबई में भारत की सबसे ऊंची इम्पीरियल टॉवर्स.

एसपीजी ने भारत की कई नामचीन इमारतें बनाई हैं-ताजमहल पैलेस ऐंड टॉवर्स और द ओबेरॉय होटल (दोनों पर 2008 में आतंकवादी हमला हुआ था), मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, मुंबई का ब्रेबोर्न स्टेडियम, वर्ल्ड टे्रड सेंटर, पश्चिम एशिया में ओमान के सुल्तान का महल और अफ्रीका में घाना में राष्ट्रपति का महल. 

अब ऐसा लगता है कि इस समूह में सत्ता बदल रही है. इस साल की शुरुआत में पालोनजी के कुछ कंपनियों के बोर्ड से इस्तीफा देने के बाद से ही इस बात की चर्चा तेज हो गई कि अब समूह में नई व्यवस्था बन रही है. उम्र ज्‍यादा होने और सेहत की वजहों का हवाला देते हुए बुजुर्ग पालोनजी ने मार्च महीने में फोर्ब्स एंड कंपनी और एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था. इसके पहले उन्होंने समूह द्वारा शुरू की गई एक और कंपनी यूनाइटेड मोटर्स (इंडिया) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था.

जून की शुरुआत में उन्होंने समूह की प्रमुख कंपनी एसपीजी चेयरमैन का पद आधिकारिक रूप से अपने बड़े बेटे शापूर को सौंप दिया. इसके लिए कोई तड़क-भड़क या समारोह नहीं हुआ और मीडिया को भी महीने भर बाद इसकी खबर मिल पाई. छोटे भाई साइरस के टाटा संस का डिप्टी चेयरमैन बनने और चेयरमैन नामित होने के करीब छह माह बाद शापूर को यह ताज मिला.

पालोनजी अब एमेरिटस (मानद) चेयरमैन का दायित्व निभाने के साथ समूह को अपनी सलाह देते रहते हैं. एचडीएफसी के पारेख कहते हैं, ''पालोनजी ने दोनों बेटों में अपने अटूट मूल्य बोये हैं जो कि उनकी विरासत को और आगे ले गए हैं.'' बताया जाता है कि शापूर को एसपीजी का चेयरमैन बनाते वक्त साइरस ने उनसे कहा था कि उनके बच्चों का भविष्य उनके हाथों में है.

शापूर की गुपचुप नियुक्ति उसी तर्ज पर की गई जिस तरह से नवंबर, 2011 में साइरस को रतन टाटा का उत्तराधिकारी बनाया गया. टाटा समूह द्वारा एक औपचारिक बयान जारी करने के बाद ही मीडिया को इसकी जानकारी मिल पाई. अपनी 83 अरब डॉलर (4,56,500 करोड़ रु.) के राजस्व का करीब दो-तिहाई हिस्सा विदेशों के संचालन से हासिल करने वाले टाटा समूह ने रतन टाटा के उत्तराधिकारी के लिए वैश्विक स्तर पर प्रतिभा खोज करने के बाद साइरस का चयन किया था.

आखिर यह प्रतिभा खोज घर में ही आकर पूरी हुई. साइरस की बहन अलू की शादी रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल से हुई है और साइरस वर्ष 2006 के बाद से ही टाटा संस के डायरेक्टर हैं. एसपीजी और टाटा समूह के बीच हुए एक समझैते के मुताबिक, टाटा समूह के भावी चेयरमैन की शेयर होल्डिंग को एक ट्रस्ट में डाल दिया गया है.

हालांकि साइरस की तरक्की से सभी लोग आश्वस्त नहीं थे. आशालता माहेश्वरी कहती हैं, ''जब लोगों ने यह बताया कि साइरस एक बच्चे जैसे हैं, तो मुझे भी डर लगा कि वे इतने बड़े साम्राज्‍य को चला भी पाएंगे? लेकिन जब मिस्टर टाटा (रतन टाटा) ने पद संभाला था तो उनको भी ज्‍यादा अनुभव नहीं था.'' 75 वर्ष की इस शेयरधारक ने पहले कह दिया था कि रतन टाटा के रिटायर होने के बाद वे किसी एजीएम में नहीं जाएंगी. लेकिन अब उन्होंने अपना मन बदल लिया है. वे कहती हैं, ''यह परिवार (मिस्त्री) सिर्फ पैसे पर जोर देने वाला नहीं है. वे काफी सरल हैं. साइरस युवा और बुद्धिमान हैं और मुझे लगता है कि टाटा साहब ने सही निर्णय लिया है. मैं एजीएम में जाती रहूंगी.''

बड़े बेटे के समूह से जुड़े एक कारोबारी कहते हैं कि पालोनजी और उनके बड़े बेटे शापूर के काम करने के ढंग में अंतर है. वे बताते हैं, ''पालोनजी की नीति यह है कि हर समस्या का समाधान तत्काल किया जाए और उसे ज्‍यादा गंभीर होने से रोका जाए. समूह द्वारा जो भी कॉन्ट्रैक्ट लिया जाता है उसे व्यक्तिगत समझ कर लागू किया जाता है और इस वजह से यह समूह एक अलग पहचान रखता है.'' मगर शापूर अलग तरह से सोचते हैं.

कंपनी के अंदर की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि वे 'रणनीतिकार' हैं और शापूर ने समूह को अब ग्लोबल भूमिका निभाने के लिए नया स्वरूप देना शुरू कर दिया है. इसे समूह की कई कंपनियों में देखा जा सकता है. एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर (साल 2000 में खरीदी गई) और फोर्ब्स इंडिया (साल 2002 में खरीदी गई) की नए सिरे से ब्रांडिंग की जा रही है.

सूत्रों के अनुसार, अब नया लोगो होगा और टैगलाइन होगा-'बिल्ट टु लास्ट'. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ''पहले दो मैनेजिंग डायरेक्टर समूचे कामकाज को देखते थे. साइरस के टाटा में जाने के बाद अब सिर्फ शापूर बचे हैं. सभी चीजों को एक केंद्र में लाया जा रहा है.

इसके अलावा ग्रुप की गतिविधियों को और मजबूत करने के उपाय किए जा रहे हैं. अपनी मुख्य क्षमताओं पर जोर होगा और नए प्रोफेशनल्स को जोड़ा जाएगा.'' शापूर ने जय मवानी को अपने साथ जोड़ लिया है जो प्राइसवाटरहाउसकूपर्स में डायरेक्टर थे.

मवानी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, ''जी हां, मैं इस समूह से एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर जुड़ा हूं. मैं विलय, अधिग्रहण और पारिवारिक कारोबार को देखूंगा.'' लेकिन उन्होंने इस बाबत ज्‍यादा ब्यौरा देने से इनकार कर दिया. अनौपचारिक बातचीत में बॉम्बे हाउस और एसपीजी के अधिकारी बताते हैं कि मीडिया से बात न करने के 'कठोर निर्देश' दिए गए हैं. इस रिपोर्ट के लिए हमने पालोनजी मिस्त्री, शापूर मिस्त्री और साइरस मिस्त्री को विस्तृत प्रश्नावली भेजी थी, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया.

मिस्त्री परिवार के निजी जीवन के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है. शापूर की शादी एक वकील रूसी सेठना की बेटी बेहरोज सेठना से हुई है. वे परिवार के सबसे तड़क-भड़क वाले सदस्य हैं और उन्हें घोड़ों की रेस पंसद है. परिवार के पास पुणे में एक विशाल स्टड (घोड़े पालने का) फार्म है. साइरस की शादी जाने-माने वकील इकबाल छागला की बेटी रोहिका छागला से हुई है. पालोनजी की दो बेटियों में से एक लैला की शादी रुस्तम जहांगीर और अलू की शादी नोएल टाटा से हुई है. कॉन्ट्रैक्टर कहते हैं, ''यह खानदान जमीन से जुड़ा है. आप उन लोगों से मिलेंगे तो कभी भी यह नहीं लगेगा कि वे इतने दौलतमंद और मशहूर हैं.''

भारत के दो सबसे बड़े कारोबार समूहों के भाग्य की पतवार अपने हाथों में लेने वाले इन दोनों बेटों को ऐसे गुणों की काफी जरूरत पड़ेगी.

-साथ में श्रव्या जैन

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