कर्नाटक
सर्वाधिक सुधार: पर्यावरण
पिछले दो साल में कर्नाटक ने अपने पर्यावरण से जुड़े आंकडों में शानदार सुधार दर्ज किया है. मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा कहते हैं, ''हमने पर्यावरणीय सुधारों पर खास ध्यान दिया है.’’ 2019 के बाद से सरकार ने प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए खासतौर पर बड़े शहरों में कई कार्यक्रमों की शुरुआत की है.
बेंगलूरू में मोटरगाडिय़ों के इस्तेमाल को कम करने के लिए सरकार ने शहर की सड़कों में साइकिलिंग के रास्ते तैयार करवाए हैं. इसने ई-स्कूटर शेयरिंग प्लेटफॉर्म को बिना बड़े कायदों के सीधे ऑपरेट करने की अनुमति भी दी, जिसमें किराए पर स्कूटर देने वाली चार कंपनियों ने हाल ही कामकाज शुरू भी कर दिया है—2019 में एक जर्मन ई-स्कूटर निर्माता कंपनी उनू की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलूरू दुनिया का स्कूटर शेयरिंग कैपिटल था.
सप्ताहांतों में बेंगलूरू के हृदयस्थल कबॉन पार्क से होकर गाडिय़ों की आवाजाही पर बंदिश आयद कर दी गई है, इसके साथ ही लावेल रोड और कमर्शियल स्ट्रीट को नो वहिकल जोन में बदला गया है. सरकार का कहना है कि इस तरह की पहलों से बेंगलूरू में वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिली है.
अब ये उपाय सूबे के मैसूरू, मेंगलूरू और बेलागावी में भी लागू किए जा रहे हैं. मैसूरू में इसने अच्छी प्रगति दर्ज की है जहां साइकिल आधारित हेरिटेज टुअर लोकप्रिय होने लगे हैं. सरकार ने इस शहर के बीचोंबीच 11 किमी लंबा साइकिल ट्रैक भी बनवाया है.
येदियुरप्पा कहते हैं, ''हम निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक परिवहन, साइकिलिंग और पैदल की शुरुआत करके शहरों को बेहतर बना सकते हैं.
राज्य में पीएम10 का स्तर 2014 में 91 91 µg/m3 के औसत से घटकर 2018 में 66 µg/m3 पर आ गया
इसी अवधि में SO2 भी 8 µg/m3 से घटकर 3 µg/m3
आ गया साफ करें बेंगलूरू की उलसूर लेक पर सफाई अभियान