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गोरेपन के लिए पागल देश में आ गईं हैं असली गोरी हीरोइनें

जिस देश के लोग मां-बाप से मिले चेहरे का रंग निखारने के लिए साल में 500 करोड़ रु. की गोरेपन की क्रीम लगाते हों, वहां देर-सवेर यह तो होना ही था. गोरी चमड़ी का प्रेम भारतीय मानस में इस कदर रच-बस गया है कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री उसे किसी-न-किसी रूप में परोसने की कवायद में लगी रहती है. गोरेपन के लिए पागल देश में आ गईं हैं असली गोरी हीरोइनें.

एलेना कजान और अन्य विदेशी हीरोइनें
एलेना कजान और अन्य विदेशी हीरोइनें
अपडेटेड 21 नवंबर , 2013
रामगोपाल वर्मा ने कुछ समय पहले कहा था, ‘‘हम भारतीय चीजों को पसंद करने का दावा करते हैं. हकीकत में हमें विदेशी चीजें ही पसंद आती हैं. यह बात कपड़ों, शराब, सिगरेट और लड़कियों पर भी लागू होती है.’’ उनकी यह टिप्पणी बॉलीवुड के विदेशी बालाओं को लेकर जुनून को बयान कर देती है.

विदेशी काया को लेकर यह दीवानगी ही है, जिसकी वजह से हर दूसरे या तीसरे शुक्रवार थिएटर पर रिलीज होने वाली फिल्मों में विदेशी चेहरे किसी-न-किसी रूप में नजर आ जाते हैं, चाहे वह आइटम गर्ल मरियम जकरिया हो या लीड ऐक्ट्रेसेज ब्राजीलियाई मूल की ब्रूना अब्दुल्ला (ग्रैंड मस्ती) या अमेरिकी नरगिस फाखरी (मद्रास कैफे).
एलेना कजान
गोरी चमड़ी का प्रेम भारतीय मानस में इस कदर रच-बस गया है कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री उसे किसी-न-किसी रूप में परोसने की कवायद में लगी रहती है. तभी तो रियलिटी शो बिग बॉस में सलमान खान वीकेंड में जिन लड़कियों के साथ नाचते हैं, उनमें से अधिकतर विदेशी ही होती हैं.

एक समय फिल्मों में बहुत सीमित रहने वाले विदेशी चेहरे छोटे परदे पर भी छा रहे हैं. झलक दिखला जा जैसे डांस रियलिटी शो से लेकर सास-बî के सीरियल्स तक में इनका दखल है. यह गोरी बालाएं ब्राइट फ्यूचर के लिए जमकर तैयारियां कर रही हैः डांस, ऐक्टिंग से लेकर हिंदी क्लासेज ले रही हैं, और उनका इरादा बॉलीवुड पर छा जाने का है.

आज के कुछ लोकप्रिय चेहरों में जैक्लिन फर्नांडीस, नरगिस फाखरी, ब्रूना अब्दुल्ला, लॉरेन गॉतलिब और एली अवराम हैं, जिन्होंने भारतीय दर्शकों के बीच पहचान बनाई है. एलेना कजान, एमी जैक्सन, हेजल कीच, क्रिस्टिना अखीवा और इवलिन शर्मा पहचान बनाने की कोशिशों में जुटी हैं.
क्रिस्टिना अखीवा
टीवी बना लॉन्चिंग पैड
टेलीविजन को फिरंगी लड़कियों के लॉन्चपैड के तौर पर देखना कोई गलत नहीं होगा. इंटरनेशनल पोर्न स्टार सनी लियोन को ही लें, वे बिग बॉस-5 में आईं और हिट हो गईं. बिग बॉस-7 में ब्रिटिश ऐक्ट्रेस सोफिया हयात हैं. इसके अलावा मिकी वायरस से बॉलीवुड में करियर शुरू करने वाली एली भी बिग बॉस के घर में हैं, और अपनी कातिल अदाओं से दर्शकों के साथ ही होस्ट सलमान खान का दिल जीत रही हैं.

उनका कहना है, ‘‘बॉलीवुड बचपन से ही मेरे ख्वाबों में रहा है. मैं हमेशा भारत से खुद को कनेक्टेड महसूस करती थी. मेरे घरवाले जोक करते थे कि पिछले जन्म में मेरा जन्म भारत में हुआ होगा.’’ यही कनेक्शन उन्हें जनता से कनेक्ट कर रहा है.
लॉरेन गॉतलिब
उधर, सेलिब्रिटी डांस रियलिटी शो झ्लक दिखला जा के पिछले सीजन में अमेरिकी लॉरेन गॉतलिब ने अपने डांस से सबका दिल जीत लिया. वे दूसरे नंबर पर रहीं. लॉरेन ने इससे पहले रेमो डी्यसूजा की फिल्म एबीसीडी से बॉलीवुड में कदम रखा था. अब डांस रियलिटी शो नच बलिये-6 में ब्रूना अपने जलवे बिखेर रही हैं. वे सलमान खान के साथ जय हो में भी हैं.

ब्रूना कहती हैं, ‘‘जब मुझे नच बलिये-6 ऑफर हुआ तो यह मेरे लिए बहुत बड़ा मौका था. भारतीय मनोरंजन उद्योग तेजी से पांव पसार रहा है. सीखने के ढेरों अवसर हैं और हर जगह कोई न कोई मौका छिपा बैठा है.’’ अपनी इस बात पर अमल करते हुए वे बड़े से लेकर छोटे परदे पर संभावनाएं तलाश रही हैं.

विदेशी चेहरों ने सास-बî के धारावाहिकों में भी दस्तक दे दी है. सहारा वन का नया सीरियल फिरंगी बî 11 नवंबर से शुरू हुआ है. यह एक विदेशी लड़की कैमिली पर आधारित है, जिसकी शादी गुजराती परिवार में हो जाती है. डच बाला सिपौर जोतवेले कहती हैं, ‘‘मैं फिरंगी बहू के अपने रोल को लेकर बहुत एक्साइटेड हूं.

मैं काफी समय से भारत में हूं और भारतीय संस्कृति और फैमिली सिस्टम के बारे में काफी कुछ समझती हूं.’’ इसे एक शुरुआत माना जा सकता है, क्योंकि सीरियल्स में इसके बाद विदेशी चेहरों की राह खुलना तय है.
एली अवराम
जिन्होंने समझी ऐक्टिंग की माया
मखमली काया, गोरा रंग, तराशा बदन, ऊंचा-लंबा कद और अपनी ओर खींचने वाला जादू अगर इन ऐक्ट्रेसेज का यूएसपी रहा है तो बदलते दौर में उन्होंने खुद को ग्लैम डॉल की छवि से निकालने की कोशिश भी की है. समय के साथ यह बात सिद्ध हो गई है कि सिर्फ गोरी चमड़ी और आकर्षक होना ही काफी नहीं है.

ऐक्टिंग का हुनर भी आना चाहिए. तभी तो जिसेल मोंटेरियो (लव आज कल), बारबरा मोरी (काइट्स), एंटोनिया बर्नेथ (किसना) जैसे ढेरों विदेशी चेहरे आए और टिक नहीं पाए. यही बात ब्रिटिश मूल की बॉलीवुड की टॉप हीरोइन कटरीना कैफ के बारे में भी लागू होती है.

बूम के साथ उन्होंने 2003 में करियर शुरू किया था और सेक्स अपील के दम पर छाने की कोशिश की, लेकिन फिल्म पिट गई. 2007 में नमस्ते लंदन के साथ किस्मत और ऐक्टिंग ने रंग दिखाया. फिर उन्होंने पलटकर नहीं देखा.

ऐक्टिंग की संजीदगी को नरगिस फाखरी भी समझ चुकी हैं. रॉकस्टार (2011) में उनकी सपाट डायलॉग डिलीवरी और भावहीन चेहरे की काफी आलोचना हुई थी. लेकिन पॉलिटिकल थ्रिलर मद्रास कैफे में उन्होंने अपनी ऐक्टिंग से आलोचकों के मुंह बंद कर दिए. अब वे अक्षय कुमार के साथ शौकीन के रीमेक में आ रही हैं.

ऐसी ही कुछ दास्तान जैक्लिन फर्नांडीस की भी है. उन्होंने अलादीन (2009) से शुरुआत की, फिल्म फ्लॉप रही. फिर मर्डर-2 में महेश भट्ट उन्हें बतौर सेक्स सिंबल लाए. फिल्म चली और उनकी किस्मत भी. उन्होंने अपने ग्लैमर के जादू को बरकरार रखा और थोड़ा ऐक्टिंग का टच दे दिया, जिससे उन्होंने हाउसफुल-2 और रेस-2 जैसी हिट फिल्में दीं, और अब वे आइटम गर्ल से लेकर संजीदा ऐक्ट्रेस के तौर पर भी देखी जाने लगी हैं.

जर्मन बाला एलेना कजान भी इसी राह पर हैं, उन्होंने ग्लैमर का दामन नहीं थामा और जॉन डे और प्राग जैसी हटकर फिल्में की हैं. एलेना कहती हैं, ‘‘अब विदेशी लड़कियों के लिए सिर्फ ग्लैमर रोल या आइटम नंबर ही नहीं बल्कि सीरियस रोल भी लिखे जा रहे हैं.’’ वे अपनी अगली फिल्म आसमां में कश्मीरी लड़की का किरदार निभा रही हैं. उनकी चाहत इरफान खान, मनोज वाजपेयी और नवाजुद्दीन सिद्दीकी सरीखे ऐक्टिंग की वजह से पहचान रखने वाले हीरो के साथ काम करने की है.
कटरीना कैफ और नरगिस फाकरी
गोरे रंग का आकर्षण
बॉलीवुड का विदेशी चेहरों से काफी पुराना रिश्ता रहा है. 1930 के दशक में हंटरवाली और फियरलेस नाडिया के नाम से मशहूर मेरी इवान्स को बॉलीवुड का पहला विदेशी चेहरा कह सकते हैं. उन्होंने अपने हैरतअंगेज कारनामों से सिनेप्रेमियों के दिलों पर राज किया.

इसके बाद आईं बर्मा की रहने वाली हेलन जयराग रिचर्डसन यानी हेलन, जिन्होंने अपने कैबरे नंबर, कातिल अदाओं और गोरी चमड़ी से हलचल मचा दी. 1958 में उन्होंने हावड़ा ब्रिज के गीत मेरा नाम चिन चिन चू के साथ कैबरे की फील्ड में नया दौर शुरू किया. हालांकि इसके बाद भी बीच-बीच में कई छोटे-बड़े नाम आते रहे. वे एक-आध फिल्म में आए और अपनी पहचान न बना सके. लेकिन कटरीना ने नए दौर की शुरुआत की.

दरअसल, विदेशी बालाएं सिर्फ दर्शकों को ही नहीं बल्कि देसी हीरो और निर्माता-निर्देशकों को भी पसंद आती हैं. गोरेपन के देसी और विदेशी नुस्खे अपनाने वाले दर्शकों को गोरा रंग हमेशा भाता है. वे परदे पर अपनी फंतासी को जीते हैं.
कमाल अहमद (बाएं) से हिंदी और उर्दू सीख रहीं जैक्लिन
गोरा चेहरा, हिंदुस्तानी जुबान
‘‘चाहती हूं कि अगले साल तक मैं आपको अपना पूरा इंटरव्यू हिंदी में दूं. बस इन्हीं तैयारियों में जुटी हूं. उर्दू और हिंदी की क्लासेज ले रही हूं.’’ यह कहना है, श्रीलंकाई सुंदरी और अब बॉलीवुड में अपने कदम जमा चुकीं जैक्लिन फर्नांडीस का. इन दिनों वे जी-जान से हिंदी-उर्दू सीखने में लगी हैं.

अगले साल उनकी रणबीर कपूर के साथ रॉय और सलमान खान के साथ किक आ रही हैं. ऐसे में बढ़ते रुतबे के साथ वे पूरी तरह से भारतीयता के रंग में रंगना चाहती हैं.

इस बात से इशारा मिल जाता है कि इन विदेशी चेहरों का इरादा, बॉलीवुड में छोटी पारी खेलने का नहीं है. तभी तो ग्रैंड मस्ती  के रिलीज होने के मौके पर ब्रूना ने कहा था, ‘‘मुझे लगता है कि बिना हिंदी सीखे बॉलीवुड फिल्में करना गलत होगा. मेरे लिए भाषा संबंधी बाधा थी. यही वजह थी कि मैंने थोड़ा ब्रेक लिया.’’

लिहाजा, हिंदी और उर्दू को यह विदेशी लड़कियां खास तवज्जो दे रही हैं. एली अवराम को मिकी वायरस के लिए हिंदी सिखाने वाली टीचर दिव्या नैथानी कहती हैं, ‘‘एली बिल्कुल तोते की तरह है. उसे जो सिखा दो वह उसे अच्छे से रट लेती है.’’ तभी तो ‘‘मालवीय नगर के जेम्स बॉन्ड.

तुम किया बॉडी लैंग्वेज पढ़ते हो’’ यह डायलॉग सुनकर न सिर्फ शो के होस्ट सलमान खान बल्कि जितने भी लोग बिग बॉस-7 देख रहे होते हैं, उनके चेहरे पर मुस्कान दौड़ जाती है.

हिंदी सीखने की इस दौड़ में लॉरेन गॉतलिब भी शामिल हैं. वे हफ्ते में पांच दिन तीन घंटे की हिंदी की क्लासेज लेती हैं. वे बताती हैं, ‘‘मेरी ट्यूटर स्मिता शर्मा एक ऐक्टर भी हैं. वे मुझे ऐक्टिंग टिप्स भी देती हैं और मेरे एक्सप्रेशंस को भी सही करती हैं, इसलिए एक पंथ दो काज जैसे काम हो जाते हैं.’’
टीवी पर काम कर रही सिपौर जोतवले और ब्रूना अब्दुला
(डच अभिनेत्री सिपौर जोतवेले और ब्राजील की ब्रूना अब्दुला)

विदेशी बालाओं में हिंदी-उर्दू सीखने को लेकर क्रेज की वजह से ट्यूटरों की पौ बारह हो रही है. वे इस बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं. अलग-अलग पेशे के लोग ट्यूटर बनकर प्रति घंटा 1,000 रु. से 5,000 रु. तक कमा रहे हैं, और ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. नैथानी मूलतः योग गुरु हैं और जैक्लिन के उस्ताद कमाल अहमद डायलॉग सुपरवाइजर हैं, लेकिन भाषा की समझ की वजह से अतिरिक्त कमाई कर रही हैं.

आने वाले दिनों में इन देसी रंग में रंगी विदेशी सुंदरियों की बड़ी जमात बॉक्स ऑफिस पर अग्निपरीक्षा के लिए होगी. यह बड़े बजट की फिल्मों और नामी सितारों के साथ नजर आएंगी. इनकी तैयारियों को देखकर तो कहा जा सकता है कि इरादे बुलंद हैं. डांस इन्हें आता है. ऐक्टिंग में हाथ साफ कर रही हैं और मौके इनके इंतजार में हैं.

कुछ दिन पहले बॉलीवुड में चार साल पूरे कर चुकीं जैक्लिन का कहना है, ‘‘इस इंडस्ट्री में किसी की बैकिंग के बिना टिके रहना बहुत मुश्किल है.’’ एक ओर जहां विदेशी बालाएं अपनी मेहनत और हुनर की बदौलत बॉलीवुड में रंग जमा रही हैं, वहीं उनकी मकबूलियत भारतीय दर्शकों पर करारी टिप्पणी भी हैः ‘‘हम अब भी लोगों को उनके गोरे और कालेपन के हिसाब से अच्छा-खराब मानते हैं.’’
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