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सिक्योरिटी गार्ड से क्रिकेटर बने शमर जोसेफ, जिन्होंने ब्रायन लारा तक को रुला दिया

वेस्टइंडीज़ के युवा तेज़ गेंदबाज शमर जोसेफ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7 विकेट लेकर गाबा में अपनी टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई है

विकेट लेने के बाद खुशी से उछलते वेस्ट इंडीज़ के गेंदबाज शमर जोसेफ (फोटो: X/@windiescricket)
विकेट लेने के बाद खुशी से उछलते वेस्टइंडीज़ के गेंदबाज शमर जोसेफ (फोटो: X/@windiescricket)
अपडेटेड 29 जनवरी , 2024

नए साल के पहले महीने में अनुभवहीन खिलाड़ियों के साथ वेस्टइंडीज़ की टीम जब इस बार ऑस्ट्रेलिया पहुंची तो एक दिलचस्प सीरीज़ की उम्मीद किसी को नहीं थी. क्रिकेट प्रशंसक मानकर चल रहे थे कि दो दशक से ज़्यादा वक़्त से जो सिलसिला चला आ रहा है वो कायम ही रहेगा. 2003 आख़िरी साल था जब वेस्टइंडीज़ क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया को इस खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट में हराया था.

दो टेस्ट मैच की सीरीज़ के लिए वेस्टइंडीज़ की युवा लेकिन अनुभवहीन टीम ऑस्ट्रेलिया की दमदार टीम से भिड़ने पहुंची. इस सीरीज़ में जिस एक बात पर सबकी निगाहें टिकी थीं वो ये कि टेस्ट बल्लेबाजी में पारंगत स्टीव स्मिथ पहली बार ओपनिंग करते दिखेंगे. सारी चर्चाएं इसी के आसपास थीं. हर कोई सीरीज़ का नतीजा ऑस्ट्रेलिया की एकतरफा जीत के तौर पर ही मानकर चल रहा था.

एडिलेड ओवल में 17 जनवरी को पहले मैच में टॉस का सिक्का उछला और गिरा मेजबानों के पक्ष में. मेजबानों ने मेहमान टीम को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया. 62 ओवर में 188 रन बनाकर कैरेबियन चलते बने. अब बारी थी ऑस्ट्रेलिया की. उस्मान ख्वाजा के साथ मैदान पर टेस्ट क्रिकेट में बतौर ओपनर पहली बार आए स्टीव स्मिथ. लंबे कदकाठी का एक दाएं हाथ का 24 वर्षीय तेज़ गंदेबाज जो स्मिथ की बल्लेबाजी का करीब-करीब फैन है,  उनके सामने गेंदबाजी करने आया. इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट में पहली गेंद और सामने स्मिथ. गेंद हाथ से निकली और स्मिथ के बल्ले का किनारा लेते हुए जा पहुंची स्लिप में खड़े जस्टिन ग्रीव्स के हाथों में.

अपने डेब्यू मैच की पहली ही गेंद पर स्मिथ को स्लिप के हाथों कैच करा देना इस गेंदबाज, शमर जोसेफ के लिए किसी सपने जैसा था. ये सपना उन्हें हक़ीक़त लगता रहे इसलिए वो चाहते थे कि "स्मिथ के साथ एक फोटो लेकर अपने घर की दीवार पर" लगा दें. जोसेफ की 'ड्रीम स्टार्ट' ने कई लोगों को नींद से झकझोरा और कहा कि ये सीरीज़ एकतरफा नहीं होने वाली.

हालांकि ये मुकाबला ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेटों से जीत लिया लेकिन हीरो शमर जोसेफ बने. शमर ने इस मुकाबले की दूसरी पारी में पांच विकेट (फाइव विकेट हॉल) तो लिया ही, दोनों पारियों में 36 और 15 रन भी बनाए. एडिलेड से दोनों टीमें पहुंची उस मैदान में जहां ऑस्ट्रेलिया का 'घमंड' सिर्फ भारत ही तोड़ पाया है - गाबा.

गाबा में 25 जनवरी से दूसरा और अंतिम टेस्ट मुकाबला खेला गया. अब सभी की निगाहें स्मिथ के बजाय जोसेफ पर थीं. विंडीज़ ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया. पहली पारी में 311 रन बने. फिर आई ऑस्ट्रेलिया. जोसेफ को गेंद मिली, लेकिन वो पहले मुकाबले का जादू अबकी पहली पारी में नहीं बिखेर पाए. 11 ओवर की गेंदबाजी में सिर्फ एक विकेट चटका पाए. दूसरी पारी में फिर विंडीज टीम बल्लेबाजी करने उतरी. ऑस्ट्रेलियाई पेस बैटरी और नैथन लियोन की घूमती गेंद के आगे कैरेबियन बल्लेबाज धाराशायी हो रहे थे.

दूसरी पारी में जब शमर जोसेफ बैटिंग के लिए आए तो मिशेल स्टार्क की एक तीखी यॉर्कर गेंद ने उनके दाहिने पैर का अंगूठा तोड़ दिया. जाहिर है स्टार्क अपनी 'टो-क्रशर' यॉर्कर गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं. जोसेफ को अस्पताल ले जाया गया. इस पारी में टीम ने 193 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया के सामने चौथी पारी में 215 रनों का लक्ष्य था.

स्टार्क की गेंद पर चोटिल होकर मैदान पर गिरे शमर जोसेफ
स्टार्क की गेंद पर चोटिल होकर मैदान पर गिरे शमर जोसेफ (फोटो: X/@windiescricket)

जोसेफ के बगैर ही उनकी टीम कंगारुओं को रोकने उतरी. जल्दी ही दो विकेट खोने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया ठीक स्थिति में दिख रही थी. एक तरफ स्मिथ तो दूसरी ओर युवा बल्लेबाज कैमरन ग्रीन टिके हुए थे. लेकिन इसी दौरान मैदान में उतर गए शमर जोसेफ. आते ही ग्रीन की गिल्लियां बिखेर दीं. वनडे वर्ल्ड कप-2023 के हीरो ट्रेविस हेड आए तो पहली ही गेंद पर बोल्ड मारकर पैवेलियन का रास्ता दिखा दिया. 

टूटे हुए अंगूठे के साथ जोसेफ 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लगातार गेंदबाजी कर रहे थे. स्मिथ एक छोर पर खड़े रहे लेकिन जोसेफ की आग उगलती रफ्तार और लहराती गेंद के सामने दूसरा कोई बल्लेबाज खड़ा नहीं हो पाया. कोई 10 तो कोई 20 रन बनाकर चलते बना. घायल जोसेफ ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर ऑस्ट्रेलिया के गाबा वाले घमंड को नेस्तनाबूद कर दिया. उन्होंने एक के बाद एक 7 बल्लेबाजों को पैवेलियन की सैर करा दी. गाबा में ऑस्ट्रेलिया को पिछली बार भारत ने 2021 में हराया था. पिछले 37 सालों में सिर्फ यही एक मौका था जब कोई टीम ऑस्ट्रेलिया को गाबा में हरा पाई थी. लेकिन इस रिकॉर्ड को विंडीज़ की लुंज-पुंज दिखती टीम ने भी दोहरा दिया.

सिर्फ दो टेस्ट क्रिकेट में युवा जोसेफ का कारनामा देखकर-पढ़कर यह सोचा जा सकता है कि ये खिलाड़ी बहुत तैयारी के साथ आया है. ये बात ठीक तो है, लेकिन क्रिकेट के मैदान के संदर्भ में तैयारी का जो रंग-रूप देखा जाता है उससे काफी अलग है जोसेफ की कहानी.

कैरेबियाई देश गुयाना के बाराकारा में ईसाई परिवार में जोसेफ का जन्म हुआ था. परिवार फर्नीचर के कारोबार से जुड़ा था, लेकिन आर्थिक स्थिति खस्ताहाल थी. अपने पिता के साथ जोसेफ और उनके 8 भाई-बहन लकड़ी की कटाई करते थे.

जोसेफ बचपन से ही 'जंगल-लैंड क्रिकेट' खेलते थे. गुयाना के बाराकारा में बच्चे जंगल के बीच ही क्रिकेट खेलते हैं इसलिए इसे 'जंगल-लैंड क्रिकेट' का नाम दिया गया. लकड़ी के काम से ऊबे तो न्यू एम्सटर्डम पहुंच गए और कंस्ट्रक्शन के काम में मज़दूरी करने लगे. मज़दूरी छोड़कर 12-12 घंटे सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी में लग गए. यहां से जब भी फुर्सत मिलती वो क्रिकेट खेलने पहुंच जाते थे. लेकिन बहुत दिन तक इस काम में टिके नहीं. नौकरी छोड़कर क्रिकेट में पूरी तरह खुद को लगा देने का निर्णय लिया. 

गुयाना में जोसेफ के पड़ोसी हैं रोमारियो शेफर्ड, जो कि वेस्टइंडीज़ टीम का हिस्सा भी हैं. शेफर्ड ने ही जोसेफ को गुयाना की टीम में शामिल करवाया. यहां से जोसेफ के क्रिकेटिंग करियर की शुरुआत होती है. फरवरी, 2023 में जोसेफ ने गुयाना के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया. पहले ही मैच में उन्होंने 13 रन देकर 6 विकेट झटके. शुरुआती पांच मुकाबलों में जोसेफ के खाते में 21 विकेट थे. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन ने उनकी एंट्री कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) में कराई. गुयाना अमेजन वॉरियर्स के लिए जोसेफ ने सीपीएल खेला.

सीपीएल में बहुत दमदार प्रदर्शन नहीं होने के बावजूद उन्हें लाल गेंद से अपना हुनर दिखाने का मौका मिला. वेस्टइंडीज़ क्रिकेट बोर्ड ने जोसेफ को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ में खेलने का मौका दिया. इस मौके को जोसेफ ने कुछ यूं लपका है कि सिर्फ दूसरे ही इंटरनेशनल मैच में न सिर्फ अपना बल्कि देश के दिग्गज खिलाड़ियों का भी सपना पूरा कर दिया है- ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट क्रिकेट में हराने का सपना. इस जीत और जोसेफ के प्रदर्शन का महत्व क्या है ये इस बात से समझिए कि जब जोसेफ ने ऑस्ट्रेलिया का आखिरी विकेट चटकाया तो स्टेडियम में मौजूद कुछ गिने-चुने वेस्टइंडीज़ प्रशंसकों के साथ-साथ वेस्टइंडीज़ के पूर्व खिलाड़ी ब्रायन लारा तक रो पड़े और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एडम गिलक्रिस्ट ने उन्हें गले लगा लिया.

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