
अयोध्या में इस साल दीपोत्सव का रंग कुछ और गहरा होगा. लाखों दीयों की रोशनी के बीच चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग पर एक और आकर्षण उजाला बिखेरने को तैयार है, दुनिया का पहला रामायण-थीम आधारित वैक्स म्यूजियम. 6 करोड़ रुपये की लागत से बना यह संग्रहालय न सिर्फ भगवान राम के जीवन प्रसंगों को जीवंत करता है, बल्कि अयोध्या को एक नए सांस्कृतिक आकर्षण के रूप में स्थापित करने जा रहा है.
दीपोत्सव के मौके पर 19 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे. 9,850 वर्ग फुट में फैला यह दो मंजिला वातानुकूलित संग्रहालय अयोध्या नगर निगम के सहयोग से तैयार हुआ है. इसमें रामायण के प्रमुख पात्रों- राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, हनुमान, विभीषण और रावण- की 50 जीवंत मोम मूर्तियां प्रदर्शित की गई हैं. हर मूर्ति, हर दृश्य एक प्रसंग कहता है, जैसे मानो समय पीछे लौट गया हो.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में समीक्षा बैठक में कहा कि अयोध्या अब सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं रहा, यह भारत की संस्कृति, कला और नवाचार का प्रतीक बनता जा रहा है. रामायण वैक्स म्यूजियम इसका जीवंत उदाहरण है. यह श्रद्धा और आधुनिक तकनीक का संगम है.
संग्रहालय को दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली में बनाया गया है. भूतल पर आगंतुकों को भगवान राम के बचपन से लेकर सीता स्वयंवर तक के प्रसंग देखने को मिलेंगे. सीता स्वयंवर का दृश्य विशेष आकर्षण है, जिसमें शिवधनुष तोड़ते हुए भगवान राम की मुद्रा और दरबार की झिलमिल रोशनी, दोनों को बेहद बारीकी से दिखाया गया है. प्रथम तल पर रामायण के सबसे नाटकीय अध्यायों- वनवास, सीता हरण, लंका दहन और राम-रावण युद्ध- को जीवंत किया गया है.

यहां 3D लाइट इफेक्ट्स और ध्वनि प्रभाव दर्शकों को वनों और युद्धभूमि का वास्तविक अनुभव कराते हैं. हनुमान द्वारा लंका दहन के दृश्य में प्रयुक्त प्रकाश तकनीक वास्तविक लपटों की तरह झिलमिलाती है. अयोध्या नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने बताया कि संग्रहालय की डिज़ाइन में यह सुनिश्चित किया गया है कि हर आगंतुक को एक इमर्सिव अनुभव मिले यानी दर्शक खुद को सामने वाले दृश्य में उपस्थित अनुभव करे. AC हॉल में तापमान 22 डिग्री सेल्सियस पर नियंत्रित रहेगा. सुरक्षा के लिए सीसीटीवी, अग्निशमन प्रणाली और चार इमर्जेंसी गेट बनाए गए हैं.
भवन के प्रवेश द्वार पर भगवान गणेश की भव्य प्रतिमा आगंतुकों का स्वागत करती है. अंदर प्रवेश करते ही वातावरण ‘राम तारक मंत्र’ और मधुर राम भजनों से गुंजायमान होता है. भूतल पर बाल राम की मोम मूर्ति के पास एक विशेष सेल्फी पॉइंट भी बनाया गया है, जो खासकर युवाओं और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय आकर्षण बनने वाला है. स्थानीय निवासी संदीप दुबे, जो पिछले कई वर्षों से दीपोत्सव में स्वयंसेवक के रूप में शामिल होते हैं, कहते हैं कि पहले दीपोत्सव दीयों तक सीमित था, अब यह सांस्कृतिक अनुभव बन गया है. रामायण म्यूजियम श्रद्धा के साथ पर्यटन को भी जोड़ेगा. अब अयोध्या में हर आगंतुक को कुछ नया देखने को मिलेगा.
योगी सरकार अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने पर काम कर रही है. राम मंदिर के निर्माण के बाद यहां आगंतुकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. पर्यटन विभाग के अनुसार केवल पिछले साल दीपोत्सव के दौरान करीब 25 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे थे. नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार बताते हैं कि संग्रहालय का प्रवेश शुल्क 100 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया है. इसके माध्यम से प्राप्त राजस्व का 12 प्रतिशत हिस्सा अयोध्या नगर निगम को विकास कार्यों के लिए जाएगा. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि यह सिर्फ धार्मिक आकर्षण न रहे, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति दे.
रामायण वैक्स म्यूजियम का निर्माण केरल स्थित सुनील वैक्स म्यूजियम कंपनी ने किया है, जिसने इससे पहले लोनावाला और तिरुवनंतपुरम में भी वैक्स संग्रहालय बनाए हैं. कंपनी के प्रमुख सुनील ने बताया, “अयोध्या का म्यूजियम हमारे लिए एक भावनात्मक प्रोजेक्ट था. रामायण के 50 पात्रों को इस तरह बनाना कि वे जीवंत लगें, एक बड़ी चुनौती थी. हम चाहते थे कि हर आगंतुक को लगे कि वह त्रेता युग में प्रवेश कर चुका है. उन्होंने बताया कि मूर्तियों के निर्माण में मोम के साथ विशेष फाइबर और सिलिकॉन मिक्सचर का इस्तेमाल किया गया है, जिससे ये तापमान के बदलावों के प्रति टिकाऊ बनी रहें.”
संग्रहालय परिसर में आगंतुकों के लिए पार्किंग, स्नैक ज़ोन, स्टूडियो कॉफी हाउस और मनोरंजन क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं. दक्षिण भारतीय और उत्तर भारतीय व्यंजनों के स्वाद के लिए अलग फूड कोर्ट भी बनाया गया है. मुख्य द्वार से अंदर प्रवेश करते ही श्रद्धालु और पर्यटक एक डिजिटल गैलरी से गुजरते हैं, जहां स्क्रीन पर रामायण के प्रसंगों की झलकियां दिखाई जाती हैं. अयोध्या नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि संग्रहालय में एक बार में लगभग 100 लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी. इससे भीड़ नियंत्रण आसान रहेगा और हर व्यक्ति को शांतिपूर्ण अनुभव मिल सकेगा.
रामायण वैक्स म्यूजियम सिर्फ धार्मिक या कलात्मक परियोजना नहीं है. यह अयोध्या में स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का नया अवसर भी बन रहा है. नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार संग्रहालय के रखरखाव, गाइड सेवा, सुरक्षा और फूड कोर्ट संचालन से करीब 150 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे. अयोध्या के स्थानीय व्यापारी राजेश अग्रवाल ने कहा कि राम मंदिर बनने के बाद होटल और ट्रैवल सेक्टर में पहले ही बूम आया है. अब यह म्यूजियम विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा.
इस साल दीपोत्सव का यह नौवां संस्करण है. पिछले साल 22 लाख दीपों के रिकॉर्ड जलाने के बाद इस बार प्रशासन ने 28 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा है. इन दीयों की रोशनी में जब वैक्स म्यूजियम जगमगाएगा, तो अयोध्या का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सौंदर्य अपने चरम पर होगा. पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक विनीत श्रीवास्तव के अनुसार दीपोत्सव सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि अयोध्या की पुनर्रचना का प्रतीक है. वैक्स म्यूजियम उसी श्रृंखला की सबसे सुंदर कड़ी है, जो दर्शकों को न सिर्फ दर्शन कराएगी, बल्कि उन्हें यह सोचने पर मजबूर करेगी कि कैसे परंपरा और तकनीक साथ चल सकते हैं.
संग्रहालय की दीवारों पर महाकाव्य रामायण के छंद और दृश्यचित्र उकेरे गए हैं. हर दृश्य के साथ हिंदी और अंग्रेज़ी में विवरण दिया गया है. 3D प्रोजेक्शन से युद्ध दृश्य जीवंत हो उठते हैं. राम का वनवास, सीता हरण, लंका दहन और राम-रावण युद्ध—इन चार मुख्य प्रसंगों को इंटरैक्टिव लाइट शो के रूप में दिखाया गया है. आगंतुक बटन दबाकर प्रसंगों के दृश्य बदल सकते हैं. म्यूजियम गाइड मीना सिंह बताती हैं कि लोगों को यह अनुभव बहुत पसंद आता है. जब बच्चे बटन दबाकर राम-रावण युद्ध को बदलते देखते हैं, तो उनके चेहरे पर जो चमक आती है, वही असली पुरस्कार है.
रामायण वैक्स म्यूजियम के खुलने से अयोध्या का पर्यटन परिदृश्य और भी विविध हो जाएगा. राम मंदिर, सरयू घाट, राम की पैड़ी, हनुमानगढ़ी और अब यह म्यूजियम- सभी मिलकर शहर को एक संपूर्ण तीर्थ-पर्यटन केंद्र बना रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अयोध्या में हमारा उद्देश्य सिर्फ धार्मिक पर्यटन नहीं है, बल्कि इसे भारत की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करना है, जहां संस्कृति और आधुनिकता दोनों साथ हों.
रामायण वैक्स म्यूजियम सिर्फ मोम की मूर्तियों का संग्रह नहीं है. यह अयोध्या के बदलते चेहरे की कहानी है जहां परंपरा डिजिटल हो रही है, श्रद्धा अनुभव में बदल रही है और आस्था पर्यटन का माध्यम बन रही है. दीपोत्सव की रात जब दीयों की लहरों के बीच भगवान राम के मोम रूप के दर्शन होंगे, तो अयोध्या में सिर्फ दीप नहीं जलेंगे, बल्कि एक नए युग की शुरुआत भी होगी, जिसमें इतिहास, कला और विश्वास एक साथ उजाला करेंगे.