शादी, नौकरी और बच्चों से जुड़े सवाल अब पुराने हो चुके हैं. लोग अब रोजाना की छोटी-छोटी बातों के लिए AI ज्योतिषियों का सहारा लेने लगे हैं. सवाल कुछ ऐसे होते हैंः जॉब इंटरव्यू में कौन-से रंग के कपड़े पहनें, शेयर मार्केट में निवेश का सही समय कब है, पढ़ाई का कौन-सा वक्त एग्जाम रिजल्ट बेहतर बना सकता है, कार या जूलरी किस दिन खरीदनी चाहिए, या फिर क्या एक्स दोबारा जिंदगी में लौट सकता/सकती है?
यह बदलाव पुनीत पंडेय के लिए चौंकाने वाला रहा, जो ऐस्ट्रोसेज AI के फाउंडर हैं. उन्होंने 2003 में इसे कुंडली और राशिफल मिलान करने वाला सॉफ्टवेयर बनाकर शुरू किया था. लेकिन उन्होंने पिछले साल सितंबर में इसे AI ऐस्ट्रोलॉजी प्लेटफॉर्म में बदला और AI ऐस्ट्रोलॉजर अवतार पेश किए, असल में AI ज्योतिषी.
पांडेय कहते हैं, “AI ज्योतिषियों के जवाब न सिर्फ तुरंत आते हैं बल्कि सटीक भी होते हैं, क्योंकि वे सेकंडों में जटिल ज्योतिषीय गणनाएं कर सकते हैं. यूजर्स को इसमें आराम भी महसूस होता है क्योंकि इसमें प्राइवेसी रहती है और जज किए जाने का डर नहीं होता. इसलिए लोग AI ज्योतिषियों से किसी भी तरह का सवाल पूछ लेते हैं.”
वे बताते हैं, ‘‘AI ज्योतिषी सप्ताह में चौबीसों घंटे उपलब्ध रहते हैं, यही वजह है कि ये खासकर युवाओं के बीच बहुत पॉपुलर हो गए हैं.”. हालांकि पांडेय यह भी कहते हैं कि मानव ज्योतिषियों के पास जाने पर बातचीत अब भी ज्यादातर बड़े मुद्दों—नौकरी, शादी और बच्चों- तक ही सीमित रहती है. लॉन्च के बाद से रिस्पॉन्स जबरदस्त रहा है, जो पांडेय के लिए भी हैरानी की बात थी. वे कहते हैं, “हमने इसे एक्सपेरिमेंट के तौर पर शुरू किया था, सोच रहे थे कि भला कौन किसी बॉट पर भरोसा करेगा?”
पिछले 10 महीनों में प्लेटफॉर्म पर मौजूद 20 से ज्यादा AI ज्योतिषियों ने 1 करोड़ से ज्यादा सवालों के जवाब दिए हैं, जो यहां मौजूद 30,000 मानव ज्योतिषियों से कहीं ज्यादा है. इसका इस्तेमाल हर महीने 20 फीसद की रफ्तार से बढ़ रहा है और रोजाना 1.5 लाख से ज्यादा फ्री चैट्स हो रही हैं.
अब हर ज्योतिषी बातचीत के पहले दो मिनट AI ज्योतिषी ही संभालते हैं. पांडेय कहते हैं, “AI ज्योतिषियों की रेटिंग बेहतर है और इनके लिए आने वाले सवाल हर महीने 25 फीसद की दर से बढ़ रहे हैं.”
दिलचस्प बात ये है कि AI ज्योतिषी से सलाह लेने का दाम मानव ज्योतिषी जितना ही है- 15 से 40 रुपए प्रति मिनट. फिर भी फ्री से पेड बातचीत में कन्वर्जन AI ज्योतिषियों के लिए 60 फीसद ज्यादा है, जहां AI ज्योतिषियों का कन्वर्जन 9.6 फीसद है, वहीं मानव ज्योतिषियों का सिर्फ 6 फीसद.
पांडेय के मुताबिक, इसकी एक वजह यह है कि जहां मानव ज्योतिषी भविष्यवाणी करने में माहिर होते हैं, वहीं वे अक्सर खेल, करियर की आकांक्षाओं या बदलते निजी रिश्तों जैसे मौजूदा मुद्दों का कॉन्टेक्स्ट नहीं पकड़ पाते. वहीं AI, जो बड़े लैंग्वेज मॉडल्स से चलता है, ज्यादा पर्सनलाइज्ड और रिलिवेंट सलाह देने में सक्षम है.
इससे मुनाफे में भी 41 फीसद का इजाफा हुआ है, क्योंकि AI ज्योतिषियों के साथ प्लेटफॉर्म को रेवेन्यू शेयर नहीं करना पड़ता. जबकि मानव ज्योतिषियों के साथ 50 फीसद रेवेन्यू शेयर करना होता है. पांडेय कहते हैं, “शुरुआत में कंपनी में कोई भी AI ज्योतिषियों पर यकीन नहीं कर रहा था. लेकिन अब हमें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में इनसे होने वाला रेवेन्यू दोगुना हो जाएगा.”
ऐस्ट्रोसेज AI के पास 12 लाख डेली एक्टिव यूजर्स और 1.1 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स हैं. सिर्फ एंड्रॉइड ऐप के ही 6.75 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं. इसका मुख्य यूजर बेस मिलेनियल्स और 20 से 45 साल के टेक-सेवी लोग हैं, जो सीधे मोबाइल पर पर्सनलाइज्ड सर्विस लेना पसंद करते हैं.