scorecardresearch

भारतीय युवाओं में क्यों बढ़ रहा है कैंसर का खतरा?

कैंसर अब युवाओं में आम होता जा रहा है, जिससे जागरूकता और समय पर इसका पता लगाना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है

cancer cases highest Bengaluru women
सांकेतिक तस्वीर
अपडेटेड 13 सितंबर , 2025

कैंसर को कभी बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब ये 20-30 की उम्र के लोगों में भी तेज़ी से फैल रहा है. इसके पीछे जीवनशैली, प्रोसेस्ड या जंकफूड, तनाव और बढ़ता प्रदूषण सबसे बड़े कारण हैं.

युवाओं में सिर, गर्दन, मुंह और गले के कैंसर के अलावा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और सर्विकल कैंसर के मामले आम होते जा रहे हैं, जिससे न सिर्फ उनकी सेहत प्रभावित होती बल्कि करियर, परिवार और भविष्य भी बर्बाद हो रहा है.

कभी दुर्लभ मानी जाने वाली ये बीमारी अब युवाओं में आम होती जा रही है, जिससे जागरूकता और समय पर इसका पता लगाना पहले से कहीं ज़्यादा जरूरी हो गया है. मणिपाल हॉस्पिटल्स के नॉर्थ वेस्ट क्लस्टर (भारत) स्थित मणिपाल कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर सेंटर और ऑन्को-रोबोटिक सर्जरी के अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र कुमार डबास बताते हैं कि कैंसर का जल्दी पता लगना अब न्यू नॉर्मल क्यों है.
 
युवाओं में कैंसर के मामले तेजी से क्यों बढ़ रहे?

युवाओं में कैंसर के मामलों में वृद्धि लाइफस्टाइल, पर्यावरण, आनुवंशिक और मनोवैज्ञानिक कारणों का नतीजा हो सकती है. आधुनिक जीवनशैली में लोगों का चलना-फिरना बेहद सीमित होता जा है और उन्हें एक लंबा समय डेस्क पर काम करते हुए बिताना पड़ता है. प्रोसेस्ड फूड, शुगर और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक फैट से भरपूर आहार के सेवन की वजह मोटापा भी बढ़ रहा है, जो ब्रेस्ट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर का कारण बनने वाला एक ज्ञात जोखिम है.

पर्यावरणीय जोखिम भी एक बड़ी भूमिका निभाते हैं क्योंकि प्रदूषित हवा, खाद्य पदार्थों में कीटनाशक और रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल उत्पादों में शामिल केमिकल डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं और धूम्रपान न करने वालों में भी कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा है. जेनेटिक कारण भी कम जिम्मेदार नहीं होते क्योंकि जिन लोगों के परिवार में कैंसर का इतिहास रहा है, खासकर जिनके जीन में BRCA1 या BRCA2 जैसे म्यूटेशन होते हैं, उन्हें कम उम्र में कुछ तरह के कैंसर होने का खतरा अधिक होता है.

यही नहीं, आज के युवा पहले से कहीं ज्यादा मानसिक स्वास्थ्य के बोझ से जूझ रहे हैं. नौकरी, वित्तीय और सामाजिक दबावों के कारण बढ़ता तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है और धूम्रपान, शराब और खराब आहार जैसी कैंसरकारक आदतों को बढ़ावा दे सकता है.
 
क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

कैंसर से बचाव हमेशा संभव नहीं होता लेकिन जोखिम घटाना और समय पर पता लगाना संभव है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अध्ययनों के मुताबिक, कैंसर के 30-50 फीसद मामलों को रोका जा सकता है. इसके लिए शुरुआत से ही सावधानी रखना सबसे जरूरी कदम है. इसके लिए कुछ तरीके अपनाना कारगर हो सकता है...

स्वस्थ और संतुलित आहार लें : फल, सब्जियां, साबुत अनाज और रेशे से भरपूर संतुलित आहार लें. प्रोसेस्ड फूड, मीठे स्नैक्स और ज़्यादा रेड मीट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं.

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें : युवा आमतौर पर धूम्रपान और शराब पीने के शौकीन होते हैं. धूम्रपान को कई तरह के कैंसर से जोड़ा गया है, जिनमें फेफड़े, मुंह, गला, वॉइसबॉकस, पेंक्रियाज, ब्लैडर, गर्भाशय और किडनी के कैंसर आदि शामिल हैं. वहीं, शराब का ज्यादा सेवन करने से लिवर, ब्रेस्ट और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

शारीरिक रूप से सक्रिय रहें : लंबे समय तक काम करने और डेस्क जॉब के कारण युवा निष्क्रिय जीवनशैली अपना रहे हैं. नियमित व्यायाम वजन को दुरुस्त रखने में मदद करता है और ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर सहित कई तरह कैंसर के जोखिम को घटाता है. आमतौर पर हर दिन कम से कम 30 मिनट की मध्यम गतिविधि का लक्ष्य रखें.

टीका लगवाएं : एचपीवी व हेपेटाइटिस बी/सी जैसे कुछ संक्रमण कैंसर से जुड़े होते हैं. कम उम्र में टीकाकरण जोखिम कम करने में मददगार हो सकता है.

नियमित जांच कराएं : जिन लोगों के परिवार में कैंसर का इतिहास रहा है या जिन्हें ज्यादा जोखिम है, उन्हें समय पर पैप स्मीयर, मैमोग्राम और कोलोनोस्कोपी जैसी जांच करानी चाहिए. शरीर में गांठ या असामान्य बदलाव नजर आने पर उन्हें नजरअंदाज न करें.
 
युवाओं में कैंसर का इलाज कैसे किया जाना चाहिए?

युवाओं में कैंसर का इलाज जल्द और प्रभावी ढंग से होना चाहिए, न केवल इसलिए कि ये ऐसे समय में होता है जब पेशे, रिश्ते और भविष्य की योजनाएं आकार ले रही होती हैं, बल्कि इसलिए भी कि जीवन की दीर्घकालिक गुणवत्ता बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है जितना कि जीवित रहना. रोबोटिक सर्जरी जैसी उन्नत तकनीकें ऐसी स्थिति में विशेष रूप से उपयोगी होती हैं क्योंकि ये स्वस्थ टिश्यू, नर्व्स और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को बचाते हुए ट्यूमर को हटाने में सटीक ढंग से काम करती हैं.

इसका अर्थ है प्रजनन क्षमता, रंग-रूप, हाइजीन और महत्वपूर्ण अंगों के ठीक से कार्य करने की संभावनाएं बेहतर होंगी जो सभी युवा मरीजों के लिए काफी मायने रखती हैं. छोटे चीरे के साथ इलाज संभव बनाने वाली रोबोटिक सर्जरी में दर्द कम होता है और रिकवरी भी तेजी से होती है. ये लोगों के जल्द से जल्द अपने काम और नियमित जीवन में लौटने में सक्षम बना सकती है.

Advertisement
Advertisement