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गुजरात के गरबा को यूनेस्को ने बताया 'इनटैनजिबल कल्चरल हेरिटेज', लेकिन ये होता क्या है?

'गुजरात के गरबा' को यूनेस्को की इंटरगवर्नमेंटल कमिटी फॉर सेफगार्डिंग इनटैनजिबल कल्चरल हेरिटेज ने अपने 18वें सत्र में प्रतिनिधि सूची में जगह दी है

नवरात्रि के दौरान गरबा खेलती महिलाएं
नवरात्रि के दौरान गरबा खेलती महिलाएं
अपडेटेड 7 दिसंबर , 2023

'ढोलिड़ा ढोल रे वगाड़, मारे हींच लेवी चे...' घर-घर में लोकप्रिय सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में जेठालाल का रिंगटोन जब-जब बजता, दर्शक न चाहते हुए भी 3 सेकंड के लिए झूम जाते. 3 से 4 सेकंड की स्क्रीनटाइम में ही ये धुन अपना काम कर जाती. दरअसल यह असर उस सीरियल से ज्यादा 'गरबा' के संगीत का था जिसे 6 दिसंबर को यूनेस्को ने 'इनटैनजिबल कल्चरल हेरिटेज ऑफ ह्यूमैनिटी' की रिप्रेजेन्टेटिव लिस्ट में जगह दी है.

सीधे शब्दों में कहें तो यूनेस्को ने माना है कि 'गरबा' एक ऐसी सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है जिसका ओर-छोर निकालना मनुष्यों के बस में नहीं है. इस लिस्ट में गरबा के अलावा 14 और भारतीय संस्कृति के तत्व पहले से जुड़े हुए हैं, जैसे - रामलीला, योग, वैदिक मंत्रणा, आदि. यहां तक कि प्रयाग का कुम्भ मेला और कोलकाता की दुर्गा पूजा भी इस लिस्ट में दर्ज हैं. लेकिन आखिर इस लिस्ट में जगह कैसे पाते हैं और गरबा क्यों इसमें जगह बना पाया, ये समझने वाली बात है. 

किसे मानता है यूनेस्को 'इनटैनजिबल कल्चरल हेरिटेज'?

यूनेस्को की परिभाषा के मुताबिक 'इनटैनजिबल हेरिटेज' वो प्रथाएं, अभिव्यक्तियां, ज्ञान और कौशल हैं जिन्हें समुदाय, समूह और कभी-कभी व्यक्ति अपनी सांस्कृतिक विरासत के हिस्से के रूप में पहचानते हैं. इसे लिविंग कल्चरल हेरिटेज या जीवंत सांस्कृतिक विरासत भी कहा जाता है, जिसे आमतौर पर मौखिक सामाजिक मान्यताओं, परंपराओं, कला, पूजा-पाठ और त्योहारों में होने वाले कार्यक्रम, प्रकृति और ब्रह्मांड से संबंधित ज्ञान और अभ्यास, और पारंपरिक शिल्प कौशल जैसे रूपों में से एक में व्यक्त किया जाता है. 

इस लिस्ट में शामिल होने के लिए इन प्रथाओं एक साथ पुरातन और नए दौर में प्रचलित और जीवंत होना चाहिए. इसके अलावा उनसे समावेशी होने, एक तबके का प्रतिनिधित्व करने और किसी समुदाय विशेष से जुड़े होने की उम्मीद भी की जाती है. 

गरबा को कैसे मिली इस लिस्ट में जगह?

यूनेस्को की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, 'गुजरात के गरबा' को इंटरगवर्नमेंटल कमिटी फॉर सेफगार्डिंग इनटैनजिबल कल्चरल हेरिटेज ने अपने 18वें सत्र में प्रतिनिधि सूची में जगह दी. इस सूची में फिलहाल 5 क्षेत्रों और 143 देशों से संबंधित लगभग 704 ऐसे एलिमेंट्स मौजूद हैं. गरबा को इस लिस्ट में शामिल करने के लिए भारत सरकार ने गुजरात सरकार के साथ मिलकर नॉमिनेशन भेजा था और 6 दिसंबर को इसे स्वीकार करते हुए यूनेस्को ने इसे शामिल किया. 

गरबा की बात करें तो ये तो 'गर्भ' शब्द से बना है और इस डांस में भी औरतों की फर्टिलिटी का जश्न शामिल है. ज्यादातर लोग गरबा को नवरात्रि से जोड़कर देखते हैं मगर इसका सीधा संबंध लड़कियों और महिलाओं के मेंस्ट्रुुअल साइकल या मासिक धर्म और सृजन से है. पारम्परिक रूप से ये डांस किसी लड़की के पहले मेंस्ट्रुएशन का जश्न है. नवरात्रि में गरबा इसलिए खेला जाता है क्योंकि दुर्गा को भी शक्ति का रूप माना जाता है और सृजन के लिए जरूरी मानी जाती हैं. 

हालांकि अब पुरुष भी गरबा खेलने में हिस्सा लेते हैं मगर मुख्यतः इसमें महिलाओं की ही भागीदारी होती है. पहले जहां गरबा गाने वालों के लिए शहनाई का संगीत जरूरी समझा जाता था तो वहीं 21वीं सदी की  शुरुआत से ही इसकी जगह सिंथेसाइजर और हारमोनियम ने ले ली. अब तो खैर डीजे पर भी गरबा किया जाता है. जैसे हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार समय और जीवन-मरण एक चक्र के रूप में होता है, वैसे ही गरबा खेलने वालों को एक ज्योति का चक्कर लगाना होता है और इसका सीधा मतलब जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म से है. 

इसी सांस्कृतिक विरासत की वजह से यूनेस्को ने गरबा को अपने सम्मानित लिस्ट में जगह दी. इस मौके पर यूनेस्को के नई दिल्ली स्थित रीजनल ऑफिस के डायरेक्टर टिम कर्टिस ने कहा, "मैं भारत, उसके लोगों और (गरबा को लिस्ट में भेजने के लिए) नामांकन डोजियर पर काम करने वाली टीमों को अपनी हार्दिक बधाई देता हूं. मुझे उम्मीद है कि यह इंस्क्रिप्शन इस परंपरा की सतत रखने में मदद करेगा और समुदाय, विशेष रूप से युवाओं को गरबा से जुड़े ज्ञान, कौशल और मौखिक परंपराओं को जारी रखने के लिए प्रेरित करेगा." 

यूनेस्को के इंटरगवर्नमेंटल कमिटी फॉर सेफगार्डिंग इनटैनजिबल कल्चरल हेरिटेज का 18वां सत्र रिपब्लिक ऑफ बोत्सवाना में आयोजित किया था. गरबा के अलावा बांग्लादेश के ढाका में रिक्शा पेंटिंग, थाईलैंड में सोंगक्रान (पारंपरिक थाई न्यू ईयर सेलिब्रेशन), मेडागास्कर के सेंट्रल हाइलैंड्स की एक कला (हिरागासी), बहामास से जंकनू, और सूडान में पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के जुलूस और समारोह को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है.