
क्रिकेट को गेंद और बल्ले के बीच 'जंग' वाला खेल कहा जाता है. अतीत में जहां कई करिश्माई बल्लेबाजों ने अपने साहस और कौशल से तूफानी गेंदबाजों को शांत किया, वहीं कई गेंदबाजों ने भी अपनी कहर बरपाती गेंदों से इन बैटरों को रफ्तार और खौफ का एक नया पाठ पढ़ाया है. अलबत्ता, जब भी आईसीसी का कोई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होता है, दर्शकों को गेंद और बल्ले के बीच का ये रोमांच अपने शबाब पर मिलता है.
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी-2025 को लेकर भी दर्शकों को कुछ ऐसी ही उम्मीदें थीं. शायद वे जरूर कोहली बनाम स्टार्क, स्मिथ बनाम बुमराह या कमिंस बनाम रोहित का मुकाबला देखना चाहते थे. लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही चोटों ने ऐसा 'खेल' खेला है कि ये सारी बातें अब स्वप्न बन के रह गईं. दुनिया भर के कई शीर्ष खिलाड़ी (खासकर चोटी के गेंदबाज) इस टूर्नामेंट का अब हिस्सा नहीं हैं.
इन सब में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम खासी मुश्किल में है. टीम की पेस तिकड़ी यानी पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिचेल स्टार्क चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेल रहे हैं. कमिंस और हेजलवुड जहां चोट की वजह से टीम में नहीं हैं, वहीं मिचेल स्टार्क ने निजी कारणों का हवाला देते हुए टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया. कमिंस 'एंकल इंजरी' से पीड़ित हैं, वहीं हेजलवुड 'हिप इंजरी' झेल रहे हैं.

यह उस टीम के लिए बहुत बड़ा झटका है जिसने चैंपियंस ट्रॉफी के पिछले दो सीजन में एक भी मैच नहीं जीता है. इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया को अपनी आखिरी जीत 2009 में मिली थी जब उसने फाइनल में न्यूजीलैंड की टीम को 6 विकेट से हराया था. ऑलराउंडर शेन वॉटसन ने उसमें शतक लगाया था और 'मैन ऑफ द मैच' बने थे. लेकिन इस बार टीम में जहां चोटी के तीनों गेंदबाज नदारद हैं, वहीं टीम के दो अहम ऑलराउंडर मिचेल मार्श और मार्कस स्टोइनिस भी नहीं हैं.
मिचेल मार्श चोट की वजह से टीम से बाहर चल रहे हैं, वहीं मार्कस स्टोइनिस ने पिछले ही हफ्ते सबको चौंकाते हुए अपने रिटायरमेंट की घोषणा की थी. बहरहाल, टीम के नियमित कप्तान पैट कमिंस की गैरमौजूदगी में स्टीव स्मिथ को इस अभियान की अगुआई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जबकि सीन एबॉट, बेन ड्वार्शिस, जेक फ्रेजर-मैकगर्क, स्पेंसर जॉनसन और तनवीर सांघा को कंगारूओं की अपडेटेड टीम में शामिल किया गया है.
इस बार चैंपियंस ट्रॉफी की मजबूत दावेदारों में से एक और टूर्नामेंट के 2013 संस्करण की विजेता टीम इंडिया के अभियान को भी चोट की वजह से झटका लगा है. टीम के शीर्ष तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पीठ की चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं. यह चोट उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान लगी थी. अपनी घातक यॉर्कर और विकेट लेने की क्षमता के लिए मशहूर बुमराह का बाहर होना भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि टीम में अब तेज गेंदबाजी के मोर्चे पर अनुभव की कमी होगी.
हालांकि टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर का मानना है कि चैंपियंस ट्रॉफी में बुमराह की अनुपस्थिति 'विश्व स्तरीय' गेंदबाज मोहम्मद शमी और अन्य तेज गेंदबाजों के लिए एक शानदार मौका है, जहां वे अपने जबरदस्त प्रदर्शन से टीम को आगे बढ़ा सकते हैं. 34 वर्षीय शमी ने एड़ी की चोट से उबरकर टीम में वापसी की है. वे 2023 विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार के बाद टीम से बाहर थे. वहीं, तेज गेंदबाज हर्षित राणा को हालिया इंग्लैंड के खिलाफ संपन्न सीरीज में अपना एकदिवसीय पदार्पण करने का मौका दिया गया, जहां उन्होंने तीन मैचों में छह विकेट चटकाए.

चैंपियंस ट्रॉफी की एक और अहम दावेदार साउथ अफ्रीका टीम के लिए भी मामला कुछ-कुछ ऑस्ट्रेलिया जैसा ही है. टीम के पास इस बार आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म करने का अच्छा मौका है, हालांकि ऐसा करने के लिए प्रोटीयाज टीम को ऑनरिक नॉर्खिया और गेराल्ड कोएट्जी के बिना ही खेलना होगा. नॉर्खिया और कोएट्जी दोनों चोट की वजह से टीम से बाहर हैं. कोएट्जी टीम की घोषणा से ऐन पहले चोटिल हो गए थे. नॉर्खिया की जगह दक्षिण अफ्रीका ने 30 वर्षीय फास्ट बॉलर ऑलराउंडर कॉर्बिन बॉश को टीम में शामिल किया है.
बीते कुछ सालों में अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम ने जिस तरह से चोटी के देशों को टक्कर दी है, उससे ये टीम भी अब हल्के में नहीं ली जा सकती. पिछले साल अफगानिस्तान की टीम टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंच गई थी. इस बार यह टीम चैंपियंस ट्रॉफी में पदार्पण करेगी, लेकिन उससे पहले टीम को एक बड़ा झटका लगा है. 18 वर्षीय युवा स्पिन गेंदबाज अल्लाह गजनफर, जिन्होंने अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी से दुनिया भर की टी-20 फ्रैंचाइजियों को काफी प्रभावित किया है, वे अब टीम का हिस्सा नहीं हैं.
गजनफर के रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर है, जिसकी वजह से वे टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं. अफगानिस्तान की टीम इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमों के समूह में शामिल है, और ऐसे में अफगानिस्तान टीम को उम्मीद थी कि गजनफर अपनी गेंदबाजी से राशिद खान एंड कंपनी के साथ एक घातक साझेदारी बनाएंगे, जिससे इन टीमों को मजबूत चुनौती दी जाएगी. लेकिन अब टीम को अपने पुराने स्टालवार्ट पर ही भरोसा करना होगा.
चोट से प्रभावित टीमों में मेजबान पाकिस्तान और न्यूजीलैंड का नाम भी शामिल है. न्यूजीलैंड की नजर जहां सलामी बल्लेबाज रचिन रविंद्र पर है, जिन्हें मौजूदा त्रिकोणीय सीरीज में पाकिस्तान के खिलाफ एक मैच में कैच लेते वक्त चोट लग गई और उन्हें मैदान छोड़कर वापस जाना पड़ा. फ्लडलाइट्स की वजह से वे कैच जज नहीं कर पाए और गेंद उनके चेहरे पर जा लगी. उन्हें टांके लगाने पड़े और वे त्रिकोणीय सीरीज से बाहर हो चुके हैं.
हालांकि, न्यूजीलैंड टीम को उम्मीद है कि चैंपियंस ट्रॉफी के बाद के चरणों के लिए वे फिट हो जाएंगे. इधर, पाकिस्तान भी दुआ कर रहा है कि उसके प्रमुख तेज गेंदबाजों में एक हारिस राउफ टूर्नामेंट से पहले पूरी तरह फिट हो जाएं. न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने पहले वनडे में महज 6.2 ओवर गेंदबाजी करने के बाद यह तेज गेंदबाज मैदान से बाहर चला गया था. पाक को उस मैच में
हार का सामना करना पड़ा. पाकिस्तान को उम्मीद है कि वे टूर्नामेंट शुरू होने तक फिट हो जाएंगे, इसलिए वो अभी तक राउफ का रिप्लेसमेंट नहीं ढूंढ़ रहा है.
19 फरवरी से शुरू होगी चैंपियंस ट्रॉफी
करीब 8 सालों के बाद आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हो रहा है. आखिरी बार यह टूर्नामेंट 2017 में हुआ था जिसके फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को 180 रनों से हराते हुए ट्रॉफी पर कब्जा किया था. अब यह टूर्नामेंट पाकिस्तान और दुबई में खेला जा रहा है.
पाकिस्तान के तीन जगहों (लाहौर, कराची और रावलपिंडी) और दुबई स्टेडियम में ये सभी मैच खेले जाएंगे. भारत अपने सभी मैच दुबई में खेलेगा. टूर्नामेंट का पहला मैच 19 फरवरी को कराची के नेशनल स्टेडियम में मेजबान पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा, जबकि फाइनल 9 मार्च को होगा. टूर्नामेंट में आठ टीमें भाग लेंगी.
भारत अपने अभियान की शुरुआत 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ करेगा. इसके तीन दिन बाद 23 फरवरी को दुबई में बहुप्रतीक्षित भारत-पाक मुकाबला खेला जाएगा.
ये रहा ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का पूरा शेड्यूल
