अमेरिका में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए अभियान धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है. इस पद के लिए पांच नवंबर को होने वाली वोटिंग से पहले दोनों प्रतिद्वन्द्वी दल डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन के उम्मीदवार आमने-सामने हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी से मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन जबकि रिपब्लिकन से डोनाल्ड ट्रंप (जो 2016 से 2020 तक इस पद पर रह चुके हैं) आमने-सामने हैं.
जून की 27 तारीख को अटलांटा में इन दोनों उम्मीदवारों के बीच राष्ट्रपति पद के लिए बहस हुई. इसमें 81 साल के राष्ट्रपति बाइडेन का प्रदर्शन काफी खराब रहा था. उनकी आवाज रुक-रुक कर आ रही थी, चेहरे पर कोई जोश नहीं था. इसके बाद लोगों ने कहना शुरू किया कि वे अब बूढ़े हो चुके हैं और "दुनिया के सबसे मुश्किल काम" (अमेरिका के राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालना) के लिए उपयुक्त नहीं हैं.
इस नैरेटिव में हामी भरते हुए खुद बाइडेन की पार्टी के कम से कम पांच सांसदों ने 7 जुलाई को कहा कि बाइडेन को नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से हट जाना चाहिए. यही नहीं, कई लोगों की मांग है कि बाइडेन को संज्ञानात्मक परीक्षण (कॉग्निटिव टेस्ट) से गुजरना चाहिए ताकि पता लगे कि वे राष्ट्रपति पद के इस दौड़ में एक फिट उम्मीदवार हैं या नहीं.
कुछ ऐसी ही मांग दक्षिण कैरोलिना के सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने भी की है. रिपब्लिकन सांसद ग्राहम ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी यही मांग दोहराई है. सीबीएस न्यूज से बात करते हुए ग्राहम ने कहा, "भविष्य में राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित होने वाले सभी लोगों को समग्र शारीरिक परीक्षण के हिस्से के रूप में न्यूरोलॉजिकल परीक्षण (कॉग्निटिव टेस्ट) करवाना चाहिए."
उन्होंने आह्वान करते हुए कहा, लेट्स टेस्ट ट्रंप (आइए ट्रम्प का परीक्षण करें). लेट्स टेस्ट बाइडेन (आइए बाइडेन का परीक्षण करें). आइए उत्तराधिकारी का परीक्षण करें.
हालांकि बाइडेन ने 27 जून की प्रेसिडेंशियल डिबेट को एक "बैड नाइट (एक बुरी रात)" करार देते हुए इस परीक्षण से इनकार किया है. एबीसी के साथ एक साक्षात्कार में बाइडेन ने कहा, "मैं अच्छी स्थिति में हूं. और मैं हर दिन एक कॉग्निटिव टेस्ट करता हूं." बाइडेन ने यह भी कहा है कि वे नवंबर में होने वाले चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को हराने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं.
जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प (78 साल) अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज और दूसरे सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं. ट्रंप जब राष्ट्रपति थे तब उन्हें भी अपनी दिमागी तंदुरुस्ती से जुड़े सवालों का सामना करना पड़ा था. यूएसए टुडे के मुताबिक, 2018 में उनके व्हाइट हाउस के डॉक्टर रोनी जैक्सन, जो अब रिपब्लिकन कांग्रेस के सदस्य हैं, ने कहा कि ट्रम्प ने मॉन्ट्रियल कॉग्निटिव असेसमेंट या MoCA लिया था, जो स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा कॉग्निटिव लॉस (हानि) की पहचान करने में मदद करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक सामान्य परीक्षण है.
जैक्सन के मुताबिक, ट्रम्प का स्कोर "बढ़िया" रहा था. उन्हें "30/30" में अंक हासिल हुए. बहरहाल, यहां अब कुछ स्वाभाविक सवाल उठते हैं कि ये कॉग्निटिव टेस्ट होता क्या है, और यह किसके लिए जरूरी होता है?
अमेरिका बेस्ड क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, MoCA या कॉग्निटिव टेस्ट एक 15 मिनट का टेस्ट होता है जिसमें शब्दों की एक छोटी सूची याद करना, चित्रों में वस्तुओं का नाम बताना और आकृतियों की पहचान करना शामिल है. MoCA के अलावा अन्य टेस्ट में 10 मिनट की मिनी-मेंटल स्टेट परीक्षण भी शामिल है, जिसमें परीक्षार्थी को पीछे की ओर गिनना, कमरे में वस्तुओं की पहचान करना, तारीख और अन्य "सामान्य, प्रसिद्ध तथ्य" बताना होता है.
यह टेस्ट उन लोगों के लिए मुफीद है जिन्हें भूलने की बीमारी हो, या जो सोचते हों कि उनकी स्मृति कमजोर हो रही है या वे भुलक्कड़ हो रहे हैं, उन्हें ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में कठिनाई होती है, या जिनका दिमाग उस तरह से काम नहीं कर रहा है जैसा उन्हें लगता है कि उसे काम करना चाहिए, उन्हें यह परीक्षण करवाना चाहिए.