बुंदेलखंड को बलवान बना रहे योगी

विकास योजनाओं की प्रगति जानने, मौके पर जाकर उनकी प्रगति देखने और समीक्षा बैठक के जरिए जरूरी निर्देश देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिन के दौरे पर बुंदेलखंड में हैं.

ललितपुर में बण्डाई बांध का लोकार्पण करते योगी आदित्यनाथ
ललितपुर में बण्डाई बांध का लोकार्पण करते योगी आदित्यनाथ

दुर्गम रास्ते, प्यास बुझाने को पानी की किल्लत, औद्योगिक शून्यता की वजह से खंड-खंड हो चुके बुंदेलखंड में बदलाव की नई बयार शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मार्च 2017 में यूपी की सत्ता संभालते ही प्रयास शुरू कर दिए थे. योगी सरकार के बीते चार साल में बुंदेलखंड विकास के नए प्रतिमानों ने बुंदेलखंड की नई पहचान गढ़ दी है. इस क्षेत्र की संस्कृति एवं ऐतिहासिकता को संरक्षित करने के साथ ही प्रदेश की योगी सरकार इसे उद्योग और पर्यटन का हब बनाने में लगी है. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ ही इस क्षेत्र से हवाई सेवा, डिफेंस कॉरिडोर, रामायण सर्किट, मेडिकल कॉलेज, औद्योगिक क्लस्टरों का विकास बुंदेलखंड को नई पहचान देगी. मार्च, 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी 9 अप्रैल, 2017 में अंतरराज्यीय परिषद की बैठक में हिस्सा लेने नई दिल्ली पहुंचे थे. यहां पर योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर बुंदेलखंड के लिए विशेष फंड की भी मांग की थी. मुख्यमंत्री के तौर पर पहली बार 20 अप्रैल को बुंदेलखंड के झांसी जिले में पहुंचकर योगी आदित्यनाथ ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की घोषणा की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री के तौर पर चार वर्षों में एक दर्जन बार बुंदेलखंड पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ पहले नेता हैं. बुंदेलखंड दौरे पर मंगलवार, 9 मार्च को ललितपुर में बण्डई बांध परियोजना के लोकार्पण समारोह में इस क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री योगी ने अपने मास्टर प्लान की झलक दिखाई. बुंदेलखंड में चल रही विकास योजनाओं की प्रगति जानने, मौके पर जाकर उनकी प्रगति देखने और समीक्षा बैठक के जरिए जरूरी निर्देश देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिन के दौरे पर बुंदेलखंड में ही हैं.

आसान होगी बुंदेलखंड की राह

बुंदेलखंड की बदहाली की एक बड़ी वजह यातायात की दुर्गम स्थिति थी. देश और प्रदेश की राजधानी तक इस क्षेत्र से आना जाना दुरूह था. सीएम योगी ने विकास के अपने मास्टर प्लान में रोड कनेक्टिविटी का ध्यान रखते हुए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू कराया. आधा काम हो चुका है और इस साल के अंत तक बुंदेली विकास इसी एक्सप्रेसवे पर सरपट भागता नजर आएगा. जिस बुंदेलखंड में एक्सप्रेसवे की ही बात कल्पना थी, वहां हवाई सेवा को भी पंख लगने जा रहे हैं. बुंदेली धरा की धर्मनगरी चित्रकूट के अलावा योगी सरकार ने ललितपुर, झांसी से भी फ्लाइट की सुविधा देने की घोषणा कर चुकी है. चित्रकूट का हवाईअड्डा तो खूबसूरती का मिसाल बनेगा.

नई पहचान देगा डिफेंस कॉरिडोर

चार साल पहले तक पलायन जिस बुंदेलखंड के लोगों का यथार्थ था, वहां रोजगार की असीम संभावनाएं दस्तक दे चुकी हैं. 2018 में मुख्यमंत्री योगी ने इनवेस्टर समिट का आयोजन किया था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के लिए डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा की थी. इस कॉरिडोर के लिए जिन छह जिलों को चुना गया उनमें से दो जिले झांसी और चित्रकूट बुंदेलखंड के हैं. अब तो योगी आदित्यनाथ की सरकार चार अन्य बुंदेली जिलों को भी इस कॉरिडोर का हिस्सा बनाने की कार्ययोजना पर आगे बढ़ रही है. लॉकडाउन से पूर्व हुए डिफेंस एक्सपो में करीब दो दर्जन कम्पनियों ने उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के साथ 50 हजार करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए हैं. यह निवेश बुंदेलखंड को देश की सुरक्षा संसाधनों का केंद्र तो बनाएगा ही, बड़ी संख्या में रोजगार भी सुनिश्चित होगा. डिफेंस कॉरिडोर के अलावा सीएम योगी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के समानांतर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने का निर्देश दे रखा है. इस पर भी कार्य प्रारंभ है और यह कॉरिडोर बुंदेलखंड को औद्योगिक विकास के पैमाने पर चमकाने की दिशा में मील का पत्थर बनेगा.

हर घर नल से जल

पीने योग्य पानी बुंदेली धरती की बड़ी समस्या थी. पानी के लिए मीलों चलने की मजबूरी थी, पर अब ऐसा नहीं है. बुंदेली लोगों की पेयजल की किल्लत को मूल से दूर करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत योगी सरकार ने 30 जून 2020 को हर घर नल से जल की महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत बुंदेलखंड से ही की. शीघ्र ही गांव गांव, घर घर पाइप से जल पहुंचने लगेगा. वह भी फ्लोराइड और आर्सेनिक से मुक्त.

पुनर्स्थापित होगा चित्रकूट का गौरव

धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र होने के बावजूद धर्मनगरी चित्रकूट उपेक्षा का शिकार था. भगवान श्रीराम के वनवास स्थल और उनसे जुड़ी अनेक पौराणिक स्मृतियों के साक्षी चित्रकूट के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की गई. रामायण सर्किट के माध्यम से विकास कर इसके गौरव को पुनर्स्थापित कर चित्रकूट को पर्यटन के नक्शे पर निखारा जा रहा है. सीधी हवाई सेवा से यहां देश के साथ ही विदेश के सनातन आस्थावानों की आमद बढ़ने से पर्यटन विकास के माध्यम से रोजगार भी बढ़ेगा.

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