गांवों में ‘कैपिसिटी बिल्ड‍िंग’ भी करेगा पाइप से पहुंचने वाला पानी

यूपी में बुंदेलखंड और विंध्य इलाकों में पाइप से पानी पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना आकार ले रही है. इस योजना के मुख्य आर्किटेक्ट प्रमुख सचिव, नमामि गंगे, राज्य पेयजल स्वच्छता मिशन, अनुराग श्रीवास्तव वर्ष 2024 तक हर घर में पाइप से पानी पहुंचाने का दावा करते हैं. पेश हैं उनसे बातचीत के मुख्य अंश.

प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव
प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव

उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड और विंध्य इलाकों में पाइप से पानी पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना आकार ले रही है. प्रदेश में इस योजना के मुख्य आर्किटेक्ट प्रमुख सचिव, नमामि गंगे, राज्य पेयजल स्वच्छता मिशन अनुराग श्रीवास्तव वर्ष 2024 तक हर घर में पाइप से पानी पहुंचाने का दावा करते हैं. इंडिया टुडे से बातचीत में अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि कैसे “हर घर नल” योजना पूर्व में शुरू हुई उन दूसरी पेयजल योजनाओं से भि‍न्न है जो भ्रष्टाचार के चलते दम तोड़ चुकी हैं. “हर घर नल” योजना के विभि‍न्न पहलुओं पर अनुराग श्रीवास्तव से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

जल जीवन मिशन क्या है? इसके तहत यूपी में क्या योजनाएं चल रही हैं?

जल जीवन मिशन हर घर नल से पेयजल उपलब्ध कराने की परियोजना है जिसके तहत उत्तर प्रदेश के सभी घरों में पाइप पेयजल योजना के माध्यम से स्वच्छ जलापूर्ति की जानी है. इसके लिए सभी घरों में ‘फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन’ (एफएचटीसी) दिये जाने हैं, जिसे वर्ष 2024 तक शतप्रतिशत पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

ये योजनाएं यूपी में पूर्व में शुरू हुई पानी की योजनाओं से किस प्रकार अलग हैं?

पूर्व में उत्तर प्रदेश में इंडिया मार्का-।। हैंडपम्प के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही थी. जबकि इस परियोजना में प्रदेश के सभी घरों में पाइपलाइन के माध्यम से स्वच्छ जलापूर्ति की जानी है. 

इन योजनाओं को पूरा करने का क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया है?

प्रदेश का बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र जल के मामले में सदैव अभावग्रस्त रहा है इसलिए सर्वप्रथम इसी क्षेत्र के सभी ग्रामों को आच्छादित करने के लिए परियोजनाओं का गठन किया गया है. जल जीवन मिशन की गाइडलाइन्स दिसंबर, 2019 में आई. इस गाइडलाइन्स के तहत बुंदेलखंड और विन्ध्य क्षेत्र के सभी ग्रामों को आच्छादित करने के लिए परियोजनाओं का गठन किया गया. यह कार्य प्रारंभ हो चुका है जिसके मार्च, 2022 तक पूर्ण हो जाने संभावना है. जल जीवन मिशन लागू होने के समय प्रदेश की केवल 1.9 प्रतिशत आबादी ‘फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन’ (एफएचटीसी) से आच्छादित थी, जिसे वर्ष 2024 तक शतप्रतिशत किया जाना है. 

इन योजनाओं को पूरा करने में किन-किन विभागों का सहयोग लिया जा रहा है? इन विभागों से सामंजस्य बनाने के लि‍ए क्या व्यवस्था की गई है?

परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सिंचाई, वन, पंचायती राज और ग्राम्य विकास आदि विभागों का सहयोग लिया गया है. परियोजनाओं का क्रियान्वयन करने व विभागों से सामंजस्य बनाने के लि‍ए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में “जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन” का गठन किया गया है जबकि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में “राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन” का गठन किया गया है. 

पूर्व में प्रदेश में शुरू हुई पानी की कई योजनाएं भ्रष्टाचार के चलते दम तोड़ चुकी हैं. जल जीवन मि‍शन में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए क्या व्यवस्था की गई है और ये कितनी कारगर हैं?

प्रथम चरण में बुंदेलखंड और विन्ध्य की परियोजनाएं गठित करके कार्य प्रारंभ किया गया था और उसके उपरान्त शेष उत्तर प्रदेश के लिए मंडलवार उच्च गुणवत्ता वाली कार्यदायी संस्थाओं का चयन खुली प्रतिस्पर्धी निविदा के माध्यम से किया गया है. सभी भुगतान ‘थर्ल्ड पार्टी इंस्पेक्शन’(टीपीआइ) के बाद ही किये जायेंगे. सभी भुगतान ऑनलाइन एमबी प्राप्त होने पर और ‘थर्ल्ड पार्टी इंस्पेक्शन’(टीपीआइ) की जॉच में सही पाये जाने पर पीएफएमएस के माध्यम से ऑनलाइन किये जायेंगे.

कई जिलों में जल जीवन मिशन की योजनाओं में गड़बड़ी और बेहद धीमे ढंग से कार्य करने की बात भी सामने आई है, इस कमी को कैसे दूर किया जाएगा?

पूर्व में जल निगम द्वारा जिन परियोजनाओं में कार्य किया जा रहा था, उनमें अक्सर समयबद्धता का पालन न होने एवं गुणवत्ता में कमी की शिकायतें आती थी. इनको दूर करने के लिए इस परियोजना में प्रदेश स्तर पर खुली प्रतिस्पर्धी निविदा के माध्यम से सवश्रेष्ठ कार्यदायी संस्थाओं का चयन किया गया है. संपूर्ण प्रदेश में कार्यदायी संस्थाओं द्वारा ही अगले 10 वर्षों तक इन परियोजनाओं का रख-रखाव किया जायेगा और इस बीच में ग्राम पंचायतों की ‘कैपिसिटी बिल्ड‍िंग’ की जायेगी, ताकि 10 वर्ष बाद जब परियोजनायें ग्राम पंचायत को हैंडओवर हों, तो पंचायतें अपने स्वयं के स्रोतों से इन परियोजनाओं का अनुरक्षण कर सकें. परियोजना में जन-जागरूकता, बॉटम-अप-अप्रोच के दृष्टिगत हर गांव के लिए विलेज ऐक्शन प्लान बनाया जाएगा और हर कदम पर जन सहभागिता सुनिश्चित की जायेगी. इसके लिए खुली प्रतिस्पर्धी निविदा के माध्यम से प्रदेश में 165 एनजीओ का इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी (आइएसए) के तौर पर चयन किया गया है.

जल जीवन मिशन की योजनाओं की मॉनीटरिंग के लिए राज्य से लेकर जिला स्तर पर क्या व्यवस्था बनाई गई है?

परियोजनाओं की मॉनीटरिंग के लि‍ए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन का गठन किया गया है जबकि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन का गठन किया गया है. 

जल जीवन मिशन की योजनाओं के लिए सूखागस्त क्षेत्रों में पानी की व्यवस्था कैसे की जाएगी? कहने का तात्पर्य है कि घर तक पहुंचाने के लिए पानी किस जल स्रोत से लाया जाएगा? इन जलस्रोतों के संरक्षण के लिए भी कया कोई योजना बनाई गई है?

जल स्रोतों का संरक्षण भी इस योजना का महत्वपूर्ण अंग है. सूखाग्रसित क्षेत्रों में बांध और नदियो के माध्यम से पानी की व्यवस्था की जा रही है और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए सिंचाई, वन, पंचायती राज और ग्राम्य विकास इत्यादि सभी विभागों से सामंजस्य बनाते हुए कार्यवाही की जा रही है. ‘ग्रे वाटर मैनेजमेंट’ की कार्यवाही भी की जा रही है. जलापूर्ति एवं जल संरक्षण को जन-जन का आंदोलन बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं.

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