यूपी: रिकॉर्ड छह महीने में आया पीसीएस-2020 का नतीजा, बेटियों ने मारी बाजी
परीक्षाओं में गड़बड़ी के लिए कुख्यात रहे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की कार्यप्रणाली में हुए बदलाव की झलक पीसीएस-2020 परीक्षा के नतीजों पर दिखी है. यूपीपीएससी ने यह परीक्षा प्रक्रिया छह माह के भीतर पूरी कर रिकॉर्ड कायम किया है.

परीक्षाओं में गड़बड़ी के लिए कुख्यात रहे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की कार्यप्रणाली में हुए बदलाव की झलक पीसीएस-2020 परीक्षा के नतीजों में दिखी है. यूपीपीएससी ने यह परीक्षा प्रक्रिया छह माह के भीतर पूरी कर रिकॉर्ड कायम किया है. 12 अप्रैल को घोषित पीसीएस:2020 परीक्षा के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) के कुल 476 नए अफसर मिल गए हैं. पीसीएस-2020 परीक्षा 24 प्रकार के 487 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की गई थी, लेकिन बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) के 11 पद सुयोग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण खाली रह गए.
पीसीएस-2010 की टॉप टेन मेरिट में आधी संख्या बेटियों की है. मेरिट में शीर्ष दो स्थानों पर बेटियों ने कब्जा किया. इसमें दिल्ली की संचिता ने टॉप किया है. मेरिट में दूसरे स्थान पर भी लखनऊ की बेटी शिवांकक्षी दीक्षित ने कब्जा जमाया है. वहीं, सातवें स्थान पर मोहन नगर गाजियाबाद की प्रतीक्षा सिंह, आठवें स्थान पर ज्योतिबाफुले नगर की महिमा और दसवें स्थान पर सोमैया नगर बाराबंकी की नेहा मिश्रा रहीं. टॉप टेन की मेरिट में हरियाणा के मोहित रावत को तीसरा, बलिया के शिशिर कुमार सिंह को चौथा, मेरठ के उदित पंवार को पांचवां, करछना प्रयागराज के ललित कुमार मिश्र को छठवां और गोरखपुर के सुधांशु नायक को नौवां स्थान मिला.
पीसीएस-2020 की परीक्षा ने कई रिकॉर्ड बनाए. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने छह माह में यह भर्ती पूरी की, 54 दिनों में मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित किया, आठ दिनों में इंटरव्यू कराया और साक्षात्कार पूरा होने के बाद चौथे दिन अंतिम चयन परिणाम जारी कर दिया. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के इतिहास में यह सब कुछ पहली बार हुआ. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने से पहले यूपी लोक सेवा आयोग आयोग की परीक्षाएं पटरी से पूरी तरह से उतरी हुईं थी, लेकिन पीसीएस-2020 के अंतिम चयन परिणाम के साथ ही आयोग ने सभी प्रमुख परीक्षाओं के परिणाम समय से घोषित करते हुए परीक्षाओं को पटरी पर ला दिया. पीसीएस-2020 की प्रारंभिक परीक्षा पिछले साल 11 अक्तूबर को 19 जिलों के 1,282 केंद्रों में आयोजित की गई थी. परीक्षा के लिए पांच लाख 95 हजार 696 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे और इनमें से तीन लाख 14 हजार 699 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. आयोग ने नवंबर 2020 को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया था और 20 मार्च को मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था. इस तरह आयोग ने पांच महीने और नौ दिनों में प्री एवं मेंस का आयोजन कराकर उनका रिजल्ट भी जारी कर दिया. इतने कम समय में प्री और मेंस का रिजल्ट पहले कभी जारी नहीं हुआ था.इसके बाद आयोग ने एक से आठ अप्रैल तक इंटरव्यू कराया. इंटरव्यू लगातार हुए और छुट्टी के दिन भी साक्षात्कार का आयोजन किया गया. आठ दिनों में इंटरव्यू पूरा कराने के बाद आयोग ने चौथे दिन अंतिम चयन परिणाम जारी कर दिया. इससे पूर्व पीसीएस की भर्ती पूरी होने में कम से कम एक साल का वक्त लग जाता था कुछ भर्तियों के परिणाम से दो से तीन साल में जारी हुए, लेकिन पीसीएस-2020 के साथ ही पीसीएस परीक्षा अब पूरी तरह से पटरी पर आ गई है.
यूपीपीएससी में यह बदलाव लाने का मुख्य श्रेय चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार को जाता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी प्रभात कुमार को यूपीपीएससी की कमान सौंपकर आयोगी की कार्यप्रणाली में सुधार करने का जिम्मा दिया था. यूपीपीएससी में दो जुलाई 2019 को जब डॉ. प्रभात ने आयोग अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला तो 2017 की पीसीएस परीक्षा लंबित थी. आयोग की अधिकांश भर्तियों पर विवादों का साया रहा और पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की गिरफ्तारी तक हो चुकी थी. परीक्षा कैलेंडर जारी जरूर होता रहा लेकिन उसमें दी गई सूचना कि तारीखों में परिवर्तन अपरिहार्य कारणों से हो सकता है, पर अमल करते हुए परीक्षा तारीखें बार-बार बदल रही थीं.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अध्यक्ष के रूप में प्रभात कुमार ने पहले 2017 की लंबित परीक्षा पूरी कराकर परिणाम दिया और फिर पीसीएस 2018 व 2019 की भर्ती कराने का खाका खींचा. इनमें 2019 की भर्ती पदों के हिसाब से सबसे बड़ी रही. दोनों की परीक्षाएं और परिणाम तय समय पर घोषित किया. इसी बीच यूपीएससी की तर्ज पर यूपीपीएससी की पीसीएस परीक्षा का पैटर्न भी बदला गया. पीसीएस 2020 की परीक्षा रिकॉर्ड 54 दिन में कराकर आयोग ने इतिहास रचा है. आयोग अध्यक्ष के रूप में प्रभात कुमार का 17 अप्रैल को अंतिम कार्यदिवस होगा. वे 18 अप्रैल को अध्यक्ष पद का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं.
ये पीसीएस भर्तियां पूरी
वर्ष : पद
2017 : 676
2018 : 988
2019 : 453
2020 : 487
कुल : 2,604
पीसीएस 2001 में एक साल में आया था रिजल्ट: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के इतिहास में वर्ष 2001 की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा मई में हुई और अगले वर्ष मई के पहले सप्ताह में उसका अंतिम रिजल्ट आया था. इसके बाद से बाकी पीसीएस की भर्तियां इससे अधिक समय में ही पूरा हो सकी थीं.
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