बिहार: दोनों गठबंधन में बड़े उलटफेर के आसार

विधानसभा के चुनाव से पहले बिहार में दोनों ही गठबंधनों में बड़ा उलटफेर होने जा रहा है.

चिराग पासवान आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं (फोटोः चंद्रदीप कुमार)
चिराग पासवान आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं (फोटोः चंद्रदीप कुमार)

विधानसभा के चुनाव से पहले बिहार में दोनों गठबंधनों में बड़ा उलटफेर होने जा रहा है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन को लोक समता पार्टी (लोसपा) छोड़ने जा रही है. दूसरी तरफ, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए से लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. इन सब के बीच तीसरे मोर्चे की उम्मीद प्रबल हो गई है जिससे हंग एसेंबली की संभावना राजनीतिक जानकारों को देखने लगा है.

लोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले हफ्ते महागठबंधन के नेतृत्व को बदलने की मांग की थी. इसके साथ ही उन्होंने एनडीए में शामिल होने के संकेत दिए थे. बीते रविवार की रात को कुशवाहा दिल्ली में थे और भाजपा नेताओं से उनकी बात हुई. जिसके बाद कुशवाहा पटना लौट गए. सूत्रों का कहना है कि कुशवाहा से कहा गया है कि वह पटना जाकर नीतीश कुमार से बात करें. एनडीए कुनबे में उनके शामिल होने का फैसला नीतीश ही लेंगे. माना जा रहा है कि कुशवाहा को शामिल करने को लेकर सीट का मुद्दा फंस रहा है. 2015 के चुनाव में जब कुशवाहा एनडीए में तब उनकी पार्टी को 23 सीटें मिली थी. इसबार भी वह इतनी सीटों की मांग कर रहे हैं. जबकि नीतीश उन्हें इतनी सीट तभी देने पर राजी होंगे जब चिराग पासवान, एनडीए गठबंधन से बाहर जाएं.

जद (यू) के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि अभी तक जो सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तैयार हुआ है उसके हिसाब से 110-110 सीटों पर भाजपा और जद (यू) लड़ेंगे और बाकी सीटों को अन्य सहयोगी दलों के साथ साझा किया जा सकता है. लेकिन यदि लोजपा भी एनडीए का हिस्सा रहे तब ऐसे में 23 सीटों को ही लोजपा और लोसपा के बीच बांटा जा सकता है. जद (यू) के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि चिराग पासवान जिस तरह से अड़ियल और आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं उसे देखते हुए उन्हें गठबंधन से बाहर किया जा सकता है. यदि ऐसा हुआ तो फिर कुशवाहा को एनडीए में शामिल करने को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं है. चूंकि चुनाव का ऐलान हो चुका है और 8 अक्तूबर को प्रथम चरण के मतदान के लिए नामांकन की आखिरी तारीख है ऐसे में जल्द से जल्द कोई फैसला लेना होगा.

भाजपा नेताओं का कहना है कि अगले दो दिनों में गठबंधन को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी. फिलहाल भाजपा, जद (यू ) और लोजपा ही गठबंधन के हिस्सा हैं लेकिन पार्टी के नेता इस संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं कि एनडीए से कुछ दल जा सकते हैं तो कुछ शामिल हो सकते हैं. लोसपा नेताओं का कहना है कि यदि उन्हें सम्मानजनक सीट नहीं मिलता है तो ऐसे में वह किसी गठबंधन में शामिल नहीं होंगे और तीसरे मोर्चे में शामिल हो जाएंगे. इसमें पप्पू यादव, शरद यादव, वीआइपी पार्टी, एआइएमआइएम आदि दल होंगे. उधर, कांग्रेस, राजद और वामपंथी पार्टी मिल कर चुनाव लड़ेंगे यह लगभग तय हो गया है. राजद इस फिलहाल यह देख रहा है कि यदि चिराग, एनडीए से बाहर जाते हैं तो उन्हें महागठबंधन में शामिल कराने के क्या विकल्प हो सकते हैं. राजनीतिक मामलों के जानकार मणिकांत ठाकुर कहते हैं कि यदि तीसरा मोर्चा बना, जिसकी संभावना बन रही है, तो फिर ऐसे में हंग असेंबली के चांस बनेंगे.

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