WazirX की पुनर्गठन योजना कैसे है यूजर्स के लिए एक नई उम्मीद?
2024 में उत्तर कोरियाई हैकर्स ने WazirX पर साइबर हमला किया, जिससे कंपनी को 23 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ. अब कंपनी ने पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की है

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) और उसकी सहयोगी कंपनी जेटाई (Zettai) ने एक बड़े साइबर हमले के बाद पुनर्गठन की योजना पेश की है. यह योजना यूजर्स को उनके फंड की तेजी से वापसी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है.
क्या हुआ था?
दरअसल, 2024 में उत्तर कोरियाई हैकर्स ने WazirX पर साइबर हमला किया, जिससे कंपनी को 23 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ. इस हमले के बाद कंपनी की संपत्तियां कम हो गईं, और वित्तीय संकट गहरा गया. इस स्थिति में Zettai ने पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की.
क्या है योजना?
Zettai ने सिंगापुर के इनसॉल्वेंसी, रिस्ट्रक्चरिंग और डिसॉल्यूशन एक्ट के तहत "स्कीम ऑफ अरेंजमेंट" योजना पेश की है. इस योजना के तहत यूजर्स को उनके फंड का 85 फीसद हिस्सा 10 कार्यदिवसों के भीतर वापस मिल जाएगा. यह योजना तभी लागू होगी जब यूजर्स इसे वोटिंग के जरिए मंजूरी देंगे.
क्या है वोटिंग प्रक्रिया?
Zettai ने 19 मार्च से वोटिंग प्रक्रिया शुरू की है. यूजर्स 28 मार्च तक अपना वोट दे सकते हैं. अगर योजना को मंजूरी मिलती है, तो यूजर्स को जल्द ही उनका फंड वापस मिलना शुरू हो जाएगा.
क्यों है यह जरूरी?
- समान व्यवहार: छोटे और बड़े यूजर्स के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाएगा.
- कानूनी सुरक्षा: यह योजना कोर्ट द्वारा मंजूर है और कानूनी रूप से बाध्यकारी है.
- तेज समाधान: यूजर्स को जल्द से जल्द उनका फंड वापस मिलेगा.
अगर योजना मंजूर नहीं हुई तो?
अगर यूजर्स योजना को मंजूरी नहीं देते हैं, तो फंड की वापसी में देरी होगी और स्थिति और खराब हो सकती है. यूजर्स को अपने फंड की रिकवरी की कोई गारंटी नहीं मिलेगी.
भविष्य की योजना क्या है?
Zettai का लक्ष्य अप्रैल 2025 तक यूजर्स को उनका फंड वापस देना है. इसके बाद, अगले तीन साल तक संपत्तियों का वितरण जारी रखा जाएगा. यह योजना क्रिप्टो इंडस्ट्री में संकट प्रबंधन का एक नया मानक स्थापित कर सकती है.
इसलिए WazirX और Zettai की यह पुनर्गठन योजना यूजर्स के लिए नई उम्मीद लेकर आई है. अगर योजना मंजूर होती है, तो यह क्रिप्टो इंडस्ट्री में एक नया उदाहरण बनेगी और भविष्य में अन्य कंपनियों के लिए भी मार्गदर्शक साबित होगी.
यूजर्स से अपील की गई है कि वे वोटिंग प्रक्रिया में भाग लें और इस योजना को मंजूरी दें ताकि जल्द से जल्द उनका फंड वापस मिल सके.