कोरोना संकटः यूजीसी हुआ मुस्तैद, घरों में कैद छात्र-छात्राओं तक पहुंचा रहा कक्षाएं

एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU) और यूजीसी कोरोना संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन पीरियड में छात्र-छात्राओं का नहीं होने देना चाहते नुक्सान. कक्षाओं को विद्यार्थियों तक पहुंचाने की हो रही पुरजोर कोशिश.

यूजीसी छात्र-छात्राओं तक पहुंचान ऑन लाइन स्टडी मैटेरिलय
यूजीसी छात्र-छात्राओं तक पहुंचान ऑन लाइन स्टडी मैटेरिलय

दुनिया में कोरोना वायरस के खौफ की वजह से लॉकडाउन में चल रही है. मजबूरन लोगों को घरों में कैद होना पड़ रहा है. ऐसे में छात्र-छात्राओं की पहुंच से कक्षाएं, लाइब्रेरी और टीचर्स सबकुछ दूर हैं. चाहें किसी भी पाठ्यक्रम के विद्यार्थी हों. नुक्सान सभी का हो रहा है. लेकिन यूजीसी ने एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU) के जरिए ऑन लाइन और वर्चुअल क्लासेज की जानकारी पहुंचा रहा है. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के वाइस चेयरमैन भूषण पटवर्धन कहते हैं, ‘‘संकट पूरे देश ही नहीं दुनिया पर छाया हुआ है. तय है इससे हम उबर भी जाएंगे. लेकिन इस बीच ऑनलाइन कोर्सेज, वर्चुअल क्लासेज के जरिए पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जब देश लॉकडाउन के दौर से उठ खड़ा हो तो छात्र-छात्राओं का कम से कम नुक्सान हो.’’

एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU)की सेक्रेट्री जनरल पंकज मित्तल कहती हैं, ‘‘हम न केवल वर्चुअल क्लासेज और ऑनलाइन कोर्सेज चला रहे हैं. बल्कि उन सभी तरीकों को खोज रहे हैं जिससे हमारे छात्र-छात्राओं का कम से कम नुक्सान हो. जैसे 31 जनवरी से 2 मार्च के बीच टीचर्स के लिए एक ऑनलाइन वर्कशॉप आयोजित कर रहे हैं. जिसके जरिए इन लोगों को यह बताया जा सके कि कैसे इस संकट की घड़ी में हम अपने छात्र-छात्राओं तक पहुंचे? कैसे अलग-अलग कोर्सेज के विद्यार्थियों के सवालों को सुलझा सकें? कैसे हम छात्र-छात्राओं के साथ खुद को जोड़ सकें? टीचर्स को इस वर्कशॉप के जरिए टेक्निकल ट्रेनिंग दी जाएगी.’’

क्या हैं ऑनलाइन कोर्सेज और वर्चुअल क्लासेज?

ऑल इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU) की पहल पर पहले से ही कई कोर्सेज,विषय संबंधी टॉपिक्स ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं. इन्हें और ज्यादा बेहतर बनाया जा रहा है. छात्र-छात्राओं के लिए इंटरेक्टिव बनाया जा रहा है. कुछ प्लेटफार्म हैं जहां छात्र-छात्राओं की पढाई के नुक्सान की भरपाई की जा रही है-

1-ईपीजी पाठशाला-यह ओपन एजुकेशन रिसोर्सेज की तरह है. पीजी कोर्सेज के लिए 24,000 मॉड्यूल्स मौजूद हैं. इसमें कोर्स और विषय संबंधित ई-केंटेंट, वीडियोज सबकुछ उपलब्ध है. असाइनमेंट मौजूद हैं.

2-स्वयं (SWAYAM)-यह मेसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज (MOOC) के सिद्धांत पर काम करता है. इस पोर्टल में कक्षा 9 से लेकर ग्रेजुएशन तक कोई भी कोर्स मौजूद है. इस पोर्टल पर 4 तरह से विडियो लेक्चर, टेस्ट सिरीज, स्टडी मटेरियल और ऑन लाइन डिस्कशन के जरिए शिक्षा दी जाती है. यह वर्चुअल क्लासेज की तरह काम करता है. इसमें हर कोर्स के शुरुआत की एक तारीख होती है. असाइनमेंट मिलते हैं. और फिर छात्र-छात्राओं की परीक्षा भी होती है. परीक्षा में मिले नंबर रेगुलर कोर्सेज में भी जुड़ते हैं. अपने पाठ्क्रम का 20 फीसद हिस्सा आप इन वर्चुअल क्लासेज की जरिए कर सकते हैं. मसलन अगर आपके पाठ्यक्रम में 10 पेपर हैं तो 2 पेपर आप इससे पूरे कर सकते हैं.

3-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम-(एलएमस)- यह तो पूरी तरह से वर्चुअल क्लासेज ही हैं. टीचर चाहें तो इस पोर्टल के जरिए पढ़ा भी सकते हैं. छात्र-छात्राएं विषय संबंधित सवाल भी कर सकते हे. टीचर इसके जरिए विद्यार्थियों के अध्ययन का ट्रैक रिकॉर्ड रख सकते हैं.

यूजीसी के अधिकारी, टीचर्स ने शुरू किए ब्लॉग

लॉकडाउन के दौरिन यूजीसी के टीचर्स और अधिकारियों ने ब्लॉग लिखने की पहल की है. इन्हें वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर कर रहे हैं. इस ब्लॉग का मकसद टीचर्स और विद्यार्थियों दोनों को इस संकट के समय में पढ़ाने और पढ़ने में मदद करना है.

एसोशिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के ज्वाइंट सेक्रेट्री आलोक मिश्रा कहते हैं, ‘‘ब्लॉग के जरिए देश भर के शिक्षाविदों समेत अन्य लोगों से सलाहें मांगी जा रही हैं कि विद्यार्थियों की क्या और प्रयास किए जाएं ताकि विद्यार्थियों का कम से कम नुक्न हो. अलग-अलग कालेजों, यूनिवर्सिटीज के टीचर्स अपने-अपने अनुभव शेयर कर रहे हैं कि कैसे वे रचनात्कम ढंग से इंटरनेट के माध्यम से छात्र-छात्राओं से कनेक्ट कर रहे हैं. उन लोगों तक अपनी पाठ्यक्रम और विषय संबंधित सामग्री पहुंचा रहे हैं.’’

***

Read more!