एशिया कप : भारत के पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच के बहिष्कार की मांग ने कैसे जोर पकड़ा?

14 सितंबर को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप का मैच होना है

फाइल फोटो

ऑपरेशन सिंदूर भले ही महीनों पहले खत्म हो गया हो, लेकिन इसका असर क्रिकेट के मैदान पर साफ़ दिखाई दे रहा है. 14 सितंबर को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप मुकाबले से पहले, बहिष्कार की मांगें चरम पर हैं. कई लोगों के लिए यह मैच पहलगाम नरसंहार, जिसमें 26 जानें गईं थीं, और उसके बाद हुए चार दिनों के युद्ध को नज़रअंदाज़ करने जैसा है. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता, जिसे आमतौर पर रिकॉर्डतोड़ दर्शकों और नाटकीयता के लिए मनाया जाता है, इस बार भारतीओं को इसके खिलाफ एकजुट कर रही है.

ऑपरेशन सिंदूर के बमुश्किल कुछ हफ़्ते बाद, जुलाई में मैच की घोषणा से हर तरफ़ से नाराज़गी फैल गई. मैच शुरू होने के एक दिन पहले सोशल मीडिया पर #BoycottIndvsPak जैसे हैशटैग एक बार फिर से चल पड़े. अभिनेताओं से लेकर दिग्गजों, पत्रकारों और यहां तक कि टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटरों ने भी इस भावना को दोहराया है.

अभिनेता सतीश शाह ने पोस्ट किया, "मैं हर देशभक्त और सच्चे भारतीय से भारत-पाकिस्तान मैच का सख्ती से बहिष्कार करने का आग्रह करता हूं. बस टीवी बंद कर दीजिए." सम्मानित सैनिक मेजर माणिक एम. जॉली (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह मैच "खाली स्टेडियम" का हकदार था.

बड़ी हस्तियों ने इस मांग का समर्थन किया

सैन्य बलों से जुड़े रहे लोगों ने इस भावना को और भड़काने में सबसे आगे बढ़कर काम किया है. शौर्य चक्र विजेता मेजर पवन कुमार (सेवानिवृत्त) ने मीडिया संस्थानों से इस हाई-प्रोफाइल मुठभेड़ को कवर न करने का अनुरोध किया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, "कोई ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं, कोई स्कोर अपडेट नहीं, कोई टिकर नहीं- हम जानते हैं कि आप इसका बहिष्कार नहीं कर सकते, लेकिन आप चुपचाप इससे बच ज़रूर सकते हैं. उम्मीद है कि आप सभी 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करेंगे."
चुनावी सर्वे विशेषज्ञ और पत्रकार यशवंत देशमुख ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि वे न केवल भारत-पाकिस्तान मैच छोड़ेंगे, बल्कि अपनी टाइमलाइन पर क्रिकेट प्रेमियों को भी अनफॉलो कर देंगे. राजनीतिक टिप्पणीकार तहसीन पूनावाला ने कहा: "पूरा भारत, सभी 1.4 अरब भारतीय चाहते हैं कि भारत का पाकिस्तान के साथ कोई संबंध न हो और वह उनके साथ बिल्कुल भी क्रिकेट न खेले. हमारी सरकार ने हमें सूचित किया है कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, बस रुका हुआ है... हम ऐसे देश के साथ क्रिकेट कैसे खेल सकते हैं?"

उनका समर्थन करते हुए, लेखक और राजनीतिक कार्यकर्ता करण वर्मा ने पोस्ट किया: "मैं तहसीन से सहमत हूं कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट अस्वीकार्य है! मैं अब भी सरकार,  बीसीसीआई और खिलाड़ियों से पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करने का आग्रह करता हूं. अभी ऐसा करें. अभी भी समय है. यह एक शर्मनाक क्षण होगा जिसके साथ सरकार और बीसीसीआई  को जीना होगा."

कई लोगों ने सरकार की आलोचना भी की है और कहा है कि जनता और विपक्ष के बढ़ते आक्रोश के बावजूद एक भी केंद्रीय मंत्री ने भारत-पाकिस्तान मैच के मुद्दे पर बात नहीं की है.

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