भारत के डर से सहमा पाकिस्तान का शेयर बाजार, दिख रही है तगड़ी गिरावट

पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से आक्रामक प्रतिक्रिया की आशंका से पाकिस्तान के शेयर बाजार भारी गिरावट देखी जा रही है

पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (फाइल फोटो)
पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (फाइल फोटो)

पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादी हमला पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए दोहरी मुसीबत साबित हुआ है. पहले से मुश्किलों से जूझ रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को हाल के दिनों में पहला झटका ट्रंप टैरिफ से लगा. वह अभी इससे निबटने के उपाय ढूंढ ही रहा था कि पहलगाम आंतकी हमले के बाद भारत की संभावित आक्रामक प्रतिक्रिया से पाकिस्तान के शेयर बाजार सहम गए और 23 व 24 अप्रैल को इनमें भारी गिरावट देखी गई.

कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद से भी पाकिस्तान में घबराहट का माहौल है. इस हमले में दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानियों के वीजा रद्द करने, 1960 का सिंधु जल समझौता स्थगित करने और राजनयिक संबंध सीमित करने जैसे कुछ सख्त कदम उठाए हैं. 

इस हमले के बाद से लगातार 2 दिन पाकिस्तान शेयर बाजार का इंडेक्स पीएसएक्स भारी गिरावट के साथ बंद हुआ. 23 अप्रैल को पीएसएक्स 1300 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ 1.17 लाख पर बंद हुआ जबकि 24 अप्रैल को यह गिरावट और गहराई तथा पीसीएक्स 1.8 प्रतिशत या 2200 अंकों से ज्यादा गिरा. पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन चेज सिक्योरिटीज के डायरेक्टर रिसर्च यूसुफ एम. फारुक ने कहा, “भारत पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने की वजह से बाजार गिरे. बाजार का भविष्य दोनों देशों के रिश्तों पर निर्भर है.” 

वहीं आरिफ हबीब लिमिटेड की रिसर्च हेड सना तौफीक कहती हैं, "भारत-पाकिस्तान तनाव के अलावा पाकिस्तानी रुपए की कमजोरी भी गिरावट की वजह है. फिच ने जून तक पाकिस्तानी रुपए के डॉलर के मुकाबले 285 के स्तर तक पहुंच जाने का अनुमान जाहिर किया है.” इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी पाकिस्तान की ग्रोथ का अनुमान घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है जिससे अर्थव्यवस्था के संकट में होने का संकेत मिलता है.

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का संकट ट्रंप टैरिफ से और बढ़ गया है. अमेरिका से आने वाले सामान पर पाकिस्तान 58 फीसदी टैक्स लगाता है. ट्रंप टैरिफ के तहत अमेरिका ने पाकिस्तान से आने वाले सामान पर 29 फीसदी पारस्परिक ड्यूटी (रेसिप्रोकल टैरिफ) और 10 प्रतिशत बेसलाइन टैक्स मिलाकर कुल 39 प्रतिशत टैक्स लगाया है जिसे 10 अप्रैल से प्रभावी होना था लेकिन वह टल गया है. पाकिस्तान मुख्य रूप से टेक्सटाइल्स का निर्यात करता है जो इसके निर्यात की रीढ़ भी है. लाहौर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) ने एक नोट जारी कर कहा है कि ट्रंप टैरिफ के कारण पाकिस्तान को पांच सालों में करीब 4.2 अरब अमेरिकी डॉलर का नुक्सान हो सकता है. एलएसई के मुताबिक, इससे मुल्क के निर्यात में भारी कमी आ सकती है और विदेशी मुद्रा की आवक घटेगी.

इसके अलावा पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री डॉ. मोहम्मद जीशान ने एक स्टडी में कहा है कि ट्रंप टैरिफ से मुल्क को सालाना 1.1 अरब डॉलर से लेकर 1.4 अरब डॉलर का नुक्सान हो सकता है. 2024 में पाकिस्तान ने 5.4 अरब डॉलर का निर्यात अमेरिका को किया था. टेक्सटाइल्स निर्यात में पाकिस्तान के मुकाबले भारत और बांग्लादेश पर कर काफी कम है जिससे पाकिस्तान को ट्रंप टैरिफ लागू होने की दशा में और भी तगड़ा नुक्सान होने की आशंका है. साथ ही पांच लाख नौकरियों के खत्म होने का भी खतरा है.

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