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Homeवेब एक्सक्लूसिवफोटो गैलरीसैमुएल कोल्ट के 'रिवॉल्वर' ने कैसे बदल दी थी बंदूकों की दुनिया? देखें तस्वीरें

सैमुएल कोल्ट के 'रिवॉल्वर' ने कैसे बदल दी थी बंदूकों की दुनिया? देखें तस्वीरें

1837 तक कोल्ट की कंपनी एक हजार से अधिक रिवॉल्वर बना चुकी थी, लेकिन हथियारों की बिक्री काफी कम थी. यह साल 1846 था. मैक्सिको और अमेरिका में टेक्सास को लेकर विवाद बढ़ रहा था. यहां से अब अमेरिका का भूगोल बदलने वाला था, और साथ में कोल्ट की किस्मत भी

सैमुएल कोल्ट, 1855
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वो 1830 के अंतिम दशक का समय था. एक बड़ा जहाज पश्चिम से भारत की ओर यात्रा कर रहा था. इस जहाज में एक 16 साल का लड़का या कहिए एक प्रशिक्षु नाविक सैमुएल कोल्ट भी यात्रा कर रहा था. कोल्ट को उसके कारनामों की वजह से स्कूल से निकाल दिया गया था. इसके बाद पिता ने उसे 'सीमैन' बनने के लिए जहाज पर भेज दिया. जहाज पर जब वो पहियों और कैप्सटन के कार्यों के बारे में जानकारी जुटा रहा था कि इसी दौरान उसके दिमाग में एक विचार कौंधा- क्या लंगर के चरखे की तर्ज पर उस फ्लिंटलॉक पिस्टल में भी रोटेटिंग सिलिंडर लगाया जा सकता है, जिससे उसे बार-बार लोड किए बगैर एक के बाद एक फायर किया जा सके? इस विचार में वजन दिख रहा था. लेकिन कोल्ट को इस उम्र में ही हथियारों में दिलचस्पी कैसे पैदा हो गई थी?

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युवा कोल्ट की सबसे शुरुआती और बेशकीमती संपत्तियों में से एक फ्लिंटलॉक पिस्तौल थी. यह उसके नाना की थी, जिन्होंने जॉर्ज वाशिंगटन की कॉन्टिनेंटल सेना में एक अधिकारी के रूप में काम किया था. कोल्ट के पिता का एक कपड़ा प्रसंस्करण संयंत्र था, जहां कोल्ट मशीनी औजारों के कामों को समझता और काम में हाथ बंटाता. अपने खाली समय में वो बारूद के साथ नए-नए प्रयोग करता, और उन्हें पास में वेयर झील पर ले जाकर विस्फोट करता. विस्फोटकों की ऐसी प्रदर्शनी वह अक्सर यत्र-तत्र किया करता. साल 1830 की बात है. उसके स्कूल में उत्सव हो रहा था. तभी विस्फोटकों की ऐसी ही एक प्रदर्शनी से परिसर में आग लग गई. (फोटो-कोल्ट पैटर्सन पर्कशन रिवॉल्वर, होल्स्टर मॉडल 1840)

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कोल्ट को स्कूल से निकाल दिया गया. उसके पिता ने उसे नाविक का काम सीखने के लिए भेज दिया. लेकिन यहीं से उस चीज के बनने की शुरुआत हुई, जो आने वाले समय में हथियारों की दुनिया में व्यापक परिवर्तन लाने वाली थी. जहाज में सफर करते वक्त उसे जो ख्याल आया, उसके मुताबिक उसने लकड़ी के मॉडल बना कर प्रयोग करना शुरू कर दिया. 1832 में सफर के बाद जब वह मैसाचुसेट्स लौटा, तो उसने अपने पिता को वो मॉडल दिखाया. पिता दो पिस्तौल और एक राइफल को बनाने के लिए पैसे देने को राजी हो गए. लेकिन उपयोग के वक्त एक पिस्तौल फट गई, जबकि दूसरी गोली चलाने में विफल रही. (फोटो- कोल्ट मॉडल 1849 पॉकेट पर्कशन रिवॉल्वर)

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कोल्ट ने इन असफलताओं के लिए घटिया कारीगरी और सस्ती सामग्री को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन पिता ने आगे पैसे देने से मना कर दिया. बंदूकों को अधिक पेशेवर ढंग से बनाने के लिए कोल्ट को पैसों की जरूरत थी, सो उसने देश-दुनिया में घूम-घूम कर विस्फोटकों का करतब दिखाना शुरू कर दिया. इन पैसों से उसने पेशेवर बंदूक निर्माताओं को काम पर रखा, और जल्द ही 'रिवॉल्वर' सामने आई.  इसमें लगा रोटेटिंग सिलिंडर घूम सकता था, इसलिए इसे रिवॉल्वर नाम दिया गया. यह कई मायनों में पुराने हैंडगन से भिन्न था. इसे ऐसे डिजाइन किया गया था कि यह दुबारा लोड किए बगैर एक के बाद एक कई शॉट दाग सकता था. (फोटो- कोल्ट थर्ड मॉडल ड्रैगून पर्कशन रिवॉल्वर, 1853)

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हथियारों की दुनिया में यह एक क्रांतिकारी बदलाव था. खासकर उनलोगों के लिए जो सीमा पर लड़ाई करते थे. पहले वाली बंदूकें जहां दुबारा लोड होने में कम से कम 20 सेकेंड का समय लेती थी, जो कई बार काफी खतरनाक टाइम इंटरवल साबित होता था. वहीं, अब रिवॉल्वर के चलते यह समस्या खत्म हो गई थी, और सैनिकों की क्षमता भी काफी बढ़ गई थी. कोल्ट ने 1835 में इसका पेटेंट भी हासिल कर लिया. 1837 तक कंपनी एक हजार से अधिक रिवॉल्वर बना चुकी थी, लेकिन हथियार काफी कम मात्रा में बिक रहे थे. यह साल 1846 था. मैक्सिको और अमेरिका में टेक्सास को लेकर विवाद बढ़ रहा था. युद्ध की नौबत आ पहुंची. यहां से अब अमेरिका का भूगोल बदलने वाला था, और साथ में कोल्ट की किस्मत भी. (फोटो- मैक्सिकन-अमेरिकी वॉर, 1846/विकीमीडिया कॉमंस)

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मैक्सिकन-अमेरिकी युद्ध में अमेरिकी सरकार ने कोल्ट को 1000 रिवॉल्वर का ऑर्डर दिया. एक समय प्रोडक्ट में खामी बताकर खारिज किए जाने वाले कोल्ट अचानक से बिजनेस में मजबूती से लौट आए. ग्वाडालूप हिडाल्गो की संधि के बाद यह युद्ध खत्म हुआ. अमेरिका को अतिरिक्त 525,000 वर्ग मील क्षेत्र मिला. इसमें टेक्सास सहित एरिजोना, कैलिफोर्निया, कोलोराडो, नेवादा, न्यू मैक्सिको आदि क्षेत्र शामिल थे. रियो ग्रांडे नदी दोनों देशों की सीमा बनी. इस सफलता में कोल्ट की रिवॉल्वर का प्रमुख योगदान रहा. कोल्ट को कर्नल की मानद उपाधि भी दी गई. तब एक टेक्सास रेंजर कैप्टन सैमुएल वाकर ने कोल्ट को लिखे एक पत्र में कहा था, "विभिन्न युद्धप्रिय जनजातियों और लुटेरे मेक्सिकन लोगों को वश में रखने के लिए आपकी पिस्तौलें दुनिया में सबसे अचूक हथियार हैं." (फोटो- कोल्ट्स पेटेंट फायर आर्म्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, हार्टफोर्ड, कनेक्टिकट)

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कोल्ट यहीं नहीं थमे. वे बेहतरी के लिए लगातार अपने बंदूकों में प्रयोग कर रहे थे. साल 1861 में अमेरिका में गृहयुद्ध शुरू हो गया. इस युद्ध में उन्होंने यूनियन आर्मी को विशेष रूप से हथियारों की आपूर्ति की. युद्ध के चरम पर, हार्टफोर्ड में स्थित कोल्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी का प्लांट पूरी क्षमता से चल रहा था. इसमें 1,000 से अधिक लोग कार्य कर रहे थे. लेकिन गृहयुद्ध शुरू होने के अगले ही साल यानी 10 जनवरी, 1862 को मात्र 48 साल की उम्र में कोल्ट दुनिया छोड़ गए. कोल्ट द्वारा निर्मित रिवॉल्वर से हजारों लोगों ने जान गंवाई, लेकिन उन्होंने कभी किसी पर फायर नहीं किया. कोल्ट कहा करते थे, "ईश्वर ने मनुष्यों को समान बनाया, लेकिन कर्नल कोल्ट ने उन्हें बराबरी दिलाई..." इस सोच से अमेरिका में गन-कल्चर को बढ़ावा मिला. आज हालत यह है कि हर साल हजारों की संख्या में लोग बंदूकों से मरते हैं.(फोटो-केस्ड कोल्ट मॉडल 1860 आर्मी पर्कशन रिवॉल्वर)

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