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Homeवेब एक्सक्लूसिवफोटो गैलरीFBI की तरफ से जारी इन तस्वीरों से जानिए, 9/11 के आतंकी हमले की कहानी

FBI की तरफ से जारी इन तस्वीरों से जानिए, 9/11 के आतंकी हमले की कहानी

अमेरिका में हुए 9/11 आतंकी हमले को सबसे खौफनाक हमलों में से एक माना जाता है. इस दिन अलकायदा के आतंकियों ने दो अमेरिकी यात्री विमानों को न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो गगनचुंबी टावरों से टकरा दिया था

9/11 हमले के दौरान की तस्वीर/FBI
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मशहूर जापानी-अमेरिकी वास्तुकार मिनोरु यामासाकी को शायद ही इस बात का इल्म रहा होगा कि अमेरिका की जिन ट्विन टावरों का निर्माण उन्होंने बरसों की मेहनत से किया, उनका हश्र उन दो 'मिसाइली' बोइंग 767 विमानों के टकराने से इस कदर होगा कि महज कुछ ही सेकंड में वे जमींदोज हो जाएंगी. लेकिन उस दिन 11 सितंबर, 2001 को कुछ ऐसा ही हुआ. मंगलवार के उस मनहूस दिन अलकायदा के आतंकवादियों ने दो अमेरिकी यात्री विमानों को न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो गगनचुंबी ट्विन टावरों में क्रैश कर दिया था. इसके अलावा अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन पर भी हमला हुआ था. इस आतंकवादी हमले में हजारों लोगों की मौत हुई थी. अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी FBI ने इस आतंकी हमले के छह साल बाद कुछ तस्वीरें जारी की थीं. इनसे हमले की भयावहता का अंदाजा लगता है.  (फोटो : 9/11 हमले के दौरान की तस्वीर/FBI)

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दुनिया के सबसे खौफनाक आतंकी हमलों में से एक से न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया हिल गई थी. हमले से पहले उस दिन आत्मघाती हमलावरों ने पूर्वी अमेरिका में चार यात्री विमानों को हाइजैक किया था. इसके बाद उन्होंने इसका इस्तेमाल न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन की बेहद मशहूर इमारतों पर हमले के तौर पर किया. सुबह का समय. घड़ी में आठ बजकर 46 मिनट हुए थे कि पहला विमान ट्विन टावर के उत्तरी टॉवर से टकराया. अभी लोग इस हमले को समझने की कोशिश कर ही रहे थे कि एक दूसरा विमान 18 मिनट के बाद 09.03 बजे दक्षिणी टॉवर से जा टकराया. (9/11 को अमेरिकन एयरलाइंस के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पेंटागन से उठता धुआं (फोटो : FBI)

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इसके बाद दोनों इमारतों में आग लग गई. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब आग फैल रही थी तो इमारत में तापमान 1000 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच गया और इसकी वजह से खिड़कियों के शीशे दरके और टूटते गए. खिड़कियों के शीशे जैसे ही टूटे बाहर से हवा अंदर आई जो आग को फैलाने में मददगार साबित हुई. उत्तरी टावर में 102 मिनट तक आग धधकती रही और फिर 10.28 मिनट पर महज 11 सेकेंड में यह टावर ढह गया. वहीं, दक्षिणी टावर टक्कर के बाद 56 मिनट तक आग और धुएं से जूझता रहा, फिर अगले नौ सेकेंड में भरभरा कर गिर गया. (9/11 के बाद पेंटागन में अग्निशमन अभियान (फोटो : FBI)

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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी टावर की 47वीं मंजिल पर काम करने वाले ब्रूनो डेलिंगर ने उस घटना को कुछ यूं याद किया, "इमारत गिरने की आवाज के बाद, कुछ ही सेकेंड में वहां घुप्प अंधेरा छा गया. रात से भी घना अंधेरा, कुछ पल के लिए सभी आवाजें भी गायब हो गईं. मैं सांस तक नहीं ले पा रहा था." न्यूयॉर्क में तबाही का मंजर अभी जारी था कि इस बीच राजधानी वॉशिंगटन डीसी में अफरा-तफरा मचने लगी. सुबह के 9:37 मिनट हो रहे थे कि तीसरा विमान वॉशिंगटन डीसी से थोड़ी दूर स्थित अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन से टकराया. पहले विमानों के टकराने को लोग जहां एक बड़ी दुर्घटना समझ रहे थे, अब तक साफ हो गया था कि वह एक आतंकवादी हमला था जिसमें विमान को 'मिसाइल' के रूप में इस्तेमाल किया गया था. (पेंटागन का वह हिस्सा जहां आतंकवादियों ने हाइजैक विमान में भरी थी उड़ान (फोटो : FBI)

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उन आत्मघाती हमलावरों ने जो चार विमान हाइजैक किए थे, उनमें से तीन का इस्तेमाल वो कर चुके थे. माना जाता है कि चौथे विमान को लेकर आतंकियों की योजना ये थी कि इससे वे वॉशिंगटन डीसी की कैपिटल बिल्डिंग पर हमला करेंगे. लेकिन इससे पहले कि वो हमला करते, चौथा विमान दस बज कर तीन मिनट में पेन्सेल्विनिया के मैदानों में क्रैश कर गया. उस समय तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश एक स्कूल के दौरे पर थे और उन्हें इसी दौरान हमले की जानकारी मिली. इस बीच ज्यादातर लोगों को ट्विन टावर से बाहर निकाल लिया गया था लेकिन कुछ लोग अभी भी अंदर थे. (हमले के बाद पेंटागन में बिखरा मलबा (फोटो : FBI)

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इस हादसे में कुल 2,977 लोगों (19 आत्मघाती हमलावरों को छोड़कर) की मौत हुई थी. इनमें से ज्यादातर लोगों की मौत न्यूयॉर्क में हुई थी. इन चार विमानों में कुल 246 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे, इनमें से कोई जीवित नहीं बचा. जहां वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दोनों इमारतों के गिरने से 2,606 लोगों की मौत हुई, वहीं पेंटागन में हुए हमले में 125 लोगों की जानें गईं. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से जब पहला विमान टकराया था तब मोटे अनुमान के मुताबिक इमारत में करीब 17,400 लोग मौजूद थे. उत्तरी टॉवर में जहां विमान टकराया था, उससे ऊपर मंजिलों पर मौजूद कोई व्यक्ति जीवित नहीं बचा. जबकि दक्षिणी टॉवर में जहां विमान टकराया, उससे ऊपर की मंजिलों में सिर्फ 18 लोग जीवित बचे. (हमले में इस्तेमाल किए गए विमान का टूटा हुआ हिस्सा (फोटो : FBI)

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारे गए लोगों में 77 देशों के नागरिक शामिल थे. इसके अलावा न्यूयॉर्क सिटी में मलबे की चपेट में आने से भी 441 लोगों की मौत हुई थी. इस हमले में हजारों लोग घायल हुए थे या बाद में बीमार हो गए. इनमें फायरब्रिगेड के लोग भी शामिल थे. हमलावरों के बारे में बात करें तो इस्लामी आतंकी समूह अल कायदा ने अफगानिस्तान से इन हमलों को अंजाम दिया था. अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन ने मुस्लिम देशों में छिड़े संघर्ष के लिए अमेरिका और मित्र देशों को जिम्मेदार ठहराया था. इस आतंकी समूह के 19 हमलावरों ने इस हमले को अंजाम दिया था. तीन समूह में पांच-पांच हमलावर थे जबकि चौथी टीम (पेन्सेल्विनिया में क्रैश विमान) में चार हमलावर शामिल थे. (9/11 हमले के बाद पेंटागन का क्षतिग्रस्त हिस्सा (फोटो : FBI)

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इन 19 में से 15 चरमपंथी सऊदी अरब से थे, जबकि दो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के नागरिक थे. एक-एक चरमपंथी मिस्र और लेबनान से आत्मघाती दस्ते में शामिल था. 9/11 हमलों के एक महीने के भीतर ही राष्ट्रपति बुश ने अल कायदा और उसके चीफ ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के लिए अफगानिस्तान पर हमला कर दिया. अमेरिका को इस मुहिम में दूसरे देशों से मदद भी मिली. करीब दस साल बाद 2011 में आखिरकार ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सैनिकों ने पाकिस्तान के एबटाबाद में मार गिराया. इधर न्यूयॉर्क में जमींदोज हुए ट्विन टावर के मलबे को हटाने में कुल आठ महीने से ज्यादा का समय लगा. फिलहाल उस जगह मेमोरियल और म्यूजियम बन गए हैं और अलग डिजाइन में वहां इमारत फिर से खड़ी की गई है. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इस नई इमारत को अब फ्रीडम टॉवर कहा जाता है. यह उत्तरी टॉवर से करीब 400 फीट ऊंची यानी 1776 फीट ऊंची इमारत है. (आतंकी हमले के बाद घटनास्थल का मुआयना करते जांच अधिकारी (फोटो : FBI)

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